
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने राजधानी में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को बढ़ावा देने के अपने अभियान को आगे बढ़ाते हुए मौजूदा ईवी नीति को कुछ और महीनों के लिए लागू रखने का फैसला किया है। जब तक नई नीति – दिल्ली ईवी नीति 2.0 – औपचारिक रूप से प्रभाव में नहीं आती, तब तक वर्तमान नीति लागू रहेगी।
कैबिनेट बैठक में लिया गया अहम फैसला
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में हुई दिल्ली कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक के बाद परिवहन मंत्री पंकज सिंह ने बताया कि आगामी नीति में कई नई योजनाएं शामिल की जाएंगी, लेकिन फिलहाल किसी भी प्रकार के वाहन — जैसे ऑटो-रिक्शा या अन्य — पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा।
पंकज सिंह ने साफ किया, “हम दिल्ली के नागरिकों के हित में नई ईवी नीति को और प्रभावशाली बनाना चाहते हैं, लेकिन फिलहाल कोई भी श्रेणी प्रतिबंधित नहीं की जाएगी। मौजूदा नीति अगले 3 से 4 महीने तक जारी रहने की संभावना है।”
2020 में हुई थी शुरुआत, अब नीति 2.0 की तैयारी
दिल्ली ईवी नीति की शुरुआत अगस्त 2020 में की गई थी। इसका उद्देश्य था कि 2024 तक राजधानी में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी को कुल नए वाहनों में 25 प्रतिशत तक ले जाया जाए। तीन साल के निर्धारित कार्यकाल के बाद भी इसे कई बार बढ़ाया जा चुका है।
अब सरकार नीति के दूसरे संस्करण — दिल्ली ईवी नीति 2.0 — की दिशा में काम कर रही है, जिसका उद्देश्य न केवल प्रदूषण को कम करना है, बल्कि इलेक्ट्रिक वाहनों को और अधिक सुलभ और आकर्षक बनाना भी है।
क्या होंगे नीति 2.0 के मुख्य बिंदु?
नई प्रस्तावित नीति में खास तौर पर दोपहिया, तिपहिया, मालवाहक और बस जैसे बड़े सेगमेंट को शामिल किया गया है, ताकि इन्हें चरणबद्ध तरीके से इलेक्ट्रिक वाहनों में बदला जा सके।
इसके अंतर्गत विभिन्न वर्गों को आकर्षित करने के लिए आर्थिक प्रोत्साहनों की भी व्यवस्था की गई है। महिलाओं को इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदने पर ₹36,000 तक की सब्सिडी देने का प्रस्ताव है। वहीं, बैटरी क्षमता के आधार पर प्रति kWh ₹10,000 तक का इंसेंटिव दिया जा सकता है, जो अधिकतम ₹30,000 प्रति वाहन तक सीमित रहेगा।
रोजगार और ढांचा विकास पर भी फोकस
नई नीति के तहत राजधानी में 20,000 से अधिक रोजगार के अवसर उत्पन्न होने की उम्मीद है। साथ ही चार्जिंग स्टेशनों, बैटरी स्वैपिंग यूनिट्स और बैटरी संग्रह केंद्रों का नेटवर्क तैयार करने की योजना है, ताकि ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जा सके।
नीति 2.0 को अंतिम रूप देने के बाद कैबिनेट की मंजूरी लेकर इसे अधिसूचित किया जाएगा। इसका मुख्य मकसद पारंपरिक ईंधन चालित वाहनों को तेजी से इलेक्ट्रिक विकल्पों से बदलकर दिल्ली की वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार लाना है।