
वाईएसआर कांग्रेस विधायक द्वारा ईवीएम को क्षतिग्रस्त करने का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा, यह व्यवस्था का सरासर मजाक है. 4 जून को मतगणना के दिन माचेरला विधानसभा क्षेत्र में संबंधित मतगणन क्षेत्र और स्टेशन में उनके प्रवेश पर रोक भी लगा दी गई है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट से इस मामले को जल्द निपटाने के लिए कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने हैरत जताई है कि ऐसे मामलों में हाईकोर्ट ने अंतरिम संरक्षण कैसे प्रदान कर दिया है. बता दें कि यह मामला उस मामला वायरल वीडियो से संबंधित है, जिसमें विधायक माचेरला में मतदान केंद्र में कथित तौर पर ईवीएम मशीन को तोड़ते हुए नजर आ रहे हैं. जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ वाईएसआर कांग्रेस विधायक के खिलाफ माचेरला के टीडीपी कार्यकर्ता नंबूरी शेषगिरी राव की याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
Shocking, the webcam video reveals that ruling #YSRCP MLA #PinneliRamakrishnaReddy destroyed an #EVM, by throwing it on ground, at the PS No.202 at Palvai Gate in #Macherla Assembly Constituency in #Palnadu district, #AndhraPradesh, during the #APElections2024 .#EVMdestroyed pic.twitter.com/s91noxnUUI
— Surya Reddy (@jsuryareddy) May 21, 2024
बता दें कि राव टीडीपी के मतगणना एजेंट भी हैं. राव ने कहा कि विधायक ने मतदान के दिन माचेरला में ईवीएम को नष्ट कर दिया था. राव के वकील ने पीठ से घटना के वीडियो की जांच करने का आग्रह किया है. जस्टिस मेहता ने कहा कि यह किस तरह का मजाक किया जा रहा है. यह व्यवस्था का भी मजाक है. शीर्ष अदालत को बताया गया है कि उच्च न्यायालय ने रेड्डी को 5 जून तक अग्रिम जमानत दे दी है. रेड्डी का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने कहा, वह यह वादा करने के लिए तैयार हैं कि वह मतगणना केंद्र के पास नहीं जाएंगे. पीठ से आग्रह किया कि वह उच्च न्यायालय को 6 जून को मामले की सुनवाई जारी रखने की अनुमति दे.
पीठ ने सवाल किया कि ऐसे मामले में उच्च न्यायालय द्वारा अंतरिम संरक्षण क्यों दिया गया है? जस्टिस मेहता ने कहा कि यह केवल वीडियो के बारे में नहीं है बल्कि चुनाव आयोग की वेबसाइट पर ईवीएम को क्षतिग्रस्त किए जाने की तस्वीरें हैं. शिकायतकर्ता का कहना है कि ईवीएम और वीवीपैट दोनों को छीन लिया गया और नष्ट कर दिया गया. आठ लोग मतदान केंद्र के अंदर घुस आए थे. तो ऐसे में जमानत का सवाल भी कहां है?