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Uttarakhand: “प्रदेश की सवा करोड़ जनता के सहयोग से उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाएंगे” – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

विधानसभा के विशेष सत्र में मुख्यमंत्री ने दोहराया संकल्प, कहा — साफ नीयत, स्पष्ट नीति और पारदर्शी शासन से बनेगा “श्रेष्ठ उत्तराखंड”

देहरादून: राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती पर आयोजित विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ और आदर्श राज्य बनाने का संकल्प दोहराया। मुख्यमंत्री ने सदन में अपने विस्तृत संबोधन में राज्य गठन की पृष्ठभूमि, पूर्व मुख्यमंत्रियों के योगदान, बीते ढाई दशकों की उपलब्धियों और आगामी विकास दृष्टि का विस्तृत खाका पेश किया।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि “उत्तराखंड की सवा करोड़ जनता के सहयोग और केंद्र सरकार के मार्गदर्शन से हम राज्य को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाएंगे। साफ नीयत, स्पष्ट नीति और पारदर्शी प्रक्रिया के साथ सुशासन ही हमारी सरकार का आधार है।”

राज्य निर्माण से अब तक की यात्रा का स्मरण

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड राज्य का गठन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में हुआ था। उस समय केंद्र ने राज्य को विशेष आर्थिक पैकेज दिया, जिससे प्रारंभिक विकास की नींव पड़ी। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्रियों स्व. नित्यानंद स्वामी, भगत सिंह कोश्यारी, एन.डी. तिवारी, भुवन चंद्र खंडूड़ी, रमेश पोखरियाल निशंक, त्रिवेंद्र सिंह रावत और तीरथ सिंह रावत के योगदान को सम्मानपूर्वक याद किया।

उन्होंने कहा कि “इन सभी सरकारों के प्रयासों से उत्तराखंड ने प्रशासनिक स्थिरता, औद्योगिक विस्तार, पर्यटन, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में निरंतर प्रगति की है।”

कठिन परिस्थितियों में संभाली जिम्मेदारी

धामी ने कहा कि जब उन्होंने जुलाई 2021 में मुख्यमंत्री पद संभाला, तब कोरोना महामारी और राजनीतिक चुनौतियाँ दोनों सामने थीं। “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में हमने जनता के विश्वास को बनाए रखा और उत्तराखंड को स्थिरता और विकास के रास्ते पर आगे बढ़ाया,” उन्होंने कहा।

उन्होंने यह भी जोड़ा कि वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में जनता ने पहली बार किसी सरकार को पुनः बहुमत देकर विश्वास जताया, जो “डबल इंजन सरकार” की नीतियों पर जनसमर्थन का प्रमाण है।

आर्थिक प्रगति और नीति सुधार

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य की अर्थव्यवस्था का आकार राज्य गठन के समय ₹14,501 करोड़ से बढ़कर अब ₹3.78 लाख करोड़ तक पहुँच गया है। प्रति व्यक्ति आय में 18 गुना वृद्धि हुई है — जो अब ₹2.74 लाख रुपये के करीब है। उन्होंने कहा, “आज बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत से कम है और उत्तराखंड सतत् विकास लक्ष्य (SDG) इंडेक्स में देश में प्रथम स्थान पर है।”

उन्होंने कहा कि प्रदेश में 30 से अधिक नई नीतियाँ लागू की गई हैं, जिनमें पर्यटन, कृषि, ऊर्जा, स्टार्टअप और औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने वाली योजनाएँ प्रमुख हैं।

गैरसैंण बनी ग्रीष्मकालीन राजधानी

मुख्यमंत्री ने कहा कि “डबल इंजन सरकार” ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर वहां प्रशासनिक ढांचा सुदृढ़ किया है। उन्होंने बताया कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 में ₹3.56 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनसे राज्य के औद्योगिक और सेवा क्षेत्रों को नई ऊर्जा मिली है।

किसान और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर फोकस

किसानों के कल्याण को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार तीन लाख रुपये तक का ऋण बिना ब्याज दे रही है। साथ ही “फार्म मशीनरी बैंक” योजना के तहत कृषि उपकरण खरीदने पर 80% तक सब्सिडी दी जा रही है।

तीर्थाटन और पर्यटन में नई ऊर्जा

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि तीर्थाटन राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। “हम धार्मिक, साहसिक, ईको, वेलनेस, एग्रो और फिल्म टूरिज्म को एक साथ विकसित कर रहे हैं। केदारखंड और मानसखंड के मंदिरों के सौंदर्यीकरण के साथ ही ऋषिकेश-हरिद्वार कॉरिडोर को योग और अध्यात्म के वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है।”

खेल, महिला सशक्तिकरण और युवा रोजगार

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड अब “खेलभूमि” के रूप में उभर रहा है। हाल ही में सम्पन्न राष्ट्रीय खेलों में प्रदेश ने 103 पदक जीतकर सातवां स्थान हासिल किया।
महिला सशक्तिकरण पर उन्होंने कहा कि राज्य में सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30% आरक्षण दिया गया है, जिससे हजारों महिलाएँ सरकारी सेवा में आ रही हैं।

इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी में नई गति

मुख्यमंत्री ने बताया कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना से पहाड़ों तक रेल पहुँचने का सपना साकार हो रहा है। “गौरीकुंड–केदारनाथ और गोविंदघाट–हेमकुंड साहिब” रोपवे परियोजनाएँ भी जल्द शुरू होने जा रही हैं।
इसके अलावा, “उड़ान योजना” के अंतर्गत 18 हेलीपोर्ट विकसित किए जा रहे हैं, जिनमें से 12 पर हवाई सेवाएँ प्रारंभ हो चुकी हैं।

स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ा सुधार

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार प्रत्येक जिले में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की दिशा में कार्यरत है। हल्द्वानी में राज्य के पहले आधुनिक कैंसर संस्थान का निर्माण जारी है। उन्होंने कहा, “स्वास्थ्य सेवाएँ हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता हैं, लेकिन अभी इस क्षेत्र में और कार्य करने की आवश्यकता है।”

पारदर्शिता और भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि “हमारी सरकार में किसी घोटालेबाज को संरक्षण नहीं और किसी भ्रष्टाचारी को बख्शा नहीं जाता।” पिछले चार वर्षों में 200 से अधिक भ्रष्टाचारियों, जिनमें IAS और PCS अधिकारी भी शामिल हैं, के खिलाफ कठोर कार्रवाई की गई है।

ऐतिहासिक और दूरगामी निर्णय

धामी ने कहा कि सरकार ने देश में सबसे पहले समान नागरिक संहिता (UCC) लागू कर समानता और न्याय की नई मिसाल पेश की है। साथ ही धर्मांतरण विरोधी कानून, दंगारोधी अधिनियम और सख्त भू-कानून लागू किए गए हैं, ताकि देवभूमि का मूल स्वरूप संरक्षित रह सके। उन्होंने बताया कि राज्य में मदरसा बोर्ड समाप्त करने का निर्णय भी इसी नीति का हिस्सा है।

“विकल्प रहित संकल्प” की ओर अग्रसर

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन के अंत में कहा, “देवभूमि उत्तराखंड ने 25 वर्षों की यात्रा में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। अब हमारा लक्ष्य स्पष्ट है — सवा करोड़ जनता के सहयोग से हम उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाएंगे। यह हमारा विकल्प रहित संकल्प है।”

इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के प्रति विधानसभा को संबोधित करने के लिए आभार व्यक्त किया और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी सहित सभी राज्य आंदोलनकारियों और शहीदों को नमन किया।

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