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Uttarakhand: टनल रेस्क्यू ऑपरेशन, ऑगर मशीन में आई तकनीकी खराबी से ड्रिलिंग का काम रुका

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उत्तरकाशी सुरंग बचाव अभियान में ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. इस पर स्क्वाड्रन इंफ्रा माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड के एमडी और सीईओ सिरिएक जोसेफ ने कहा कि यह (ड्रोन) नवीनतम तकनीकों में से एक है जो सुरंग के अंदर जा सकता है उत्तरकाशी में सुरंग के ऑगर ड्रिलिंग मशीन में तकनीकी खराबी आने के बाद रात को ड्रिलिंग कार्य रोक दिया गया था. अब तक, बचावकर्मी सिल्कयारा सुरंग में 46.8 मीटर तक ड्रिल कर चुके हैं.

उत्तरकाशी सुरंग में फंसे श्रमिकों पर सफदरजंग अस्पताल के सामुदायिक चिकित्सा डॉ. जुगल किशोर ने कहा कि जब ऐसी स्थिति होती है तो उन्हें मानसिक और शारीरिक दोनों चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. लंबे समय तक भोजन और पानी नहीं मिलने से, इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन हो सकता है और निर्जलीकरण की संभावना हो सकती है. दिमाग में बादल छाए रहने के कारण, वे कोई भी निर्णय लेने में सक्षम नहीं हो सकते हैं. उनके शरीर की मांसपेशियां बहुत कमजोर हो गई होंगी इसलिए उनके लिए चलना मुश्किल हो जाएगा.

इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री सिंह धामी से बात की. और स्थिति का जायजा लिया.

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