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Uttarakhand: पौड़ी में बढ़ते मानव-वन्यजीव संघर्ष पर सरकार की सख्त नज़र, सीएम धामी के निर्देश पर उच्च स्तरीय दल ने किया प्रभावित क्षेत्रों का दौरा

पौड़ी गढ़वाल, 08 दिसंबर 2025: उत्तराखण्ड के पौड़ी जनपद में लगातार बढ़ रहे मानव-वन्यजीव संघर्ष को लेकर सरकार ने गंभीर रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर सोमवार को प्रमुख वन सचिव आर.के. सुधांशु, गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय, प्रमुख वन संरक्षक एवं वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की टीम ने पौड़ी तहसील के गजल्ड गांव का दौरा किया। यह दौरा हाल में गुलदार के हमले में मृत ग्रामीण राजेंद्र नौटियाल के परिजनों से मिलने और क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के उद्देश्य से किया गया।


पीड़ित परिवार से भेंट, अग्रिम सहायता राशि का वितरण

प्रमुख वन सचिव आर.के. सुधांशु ने गजल्ड गांव पहुंचकर मृतक के परिवार से मुलाकात की और मुख्यमंत्री की ओर से संवेदना व्यक्त की। उन्होंने परिवार को सांत्वना देने के साथ मुआवजे की अग्रिम राशि का चेक सौंपा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है।

उच्चाधिकारियों ने घटना स्थल का निरीक्षण कर वन विभाग द्वारा किए जा रहे निस्तारण कार्यों, सुरक्षा उपायों और गश्त व्यवस्थाओं का जायज़ा लिया। ग्रामीणों ने अधिकारियों को बताया कि घटनास्थल के आसपास पिछले कुछ सप्ताह से गुलदार की गतिविधियां अधिक देखी जा रही थीं।


स्थानीय ग्रामीणों के सहयोग और त्वरित कार्रवाई की सराहना

प्रमुख वन सचिव ने जिला प्रशासन की त्वरित कार्यवाही की प्रशंसा करते हुए कहा कि संकट की घड़ी में सरकारी तंत्र और स्थानीय समुदाय के सहयोग से ही इस प्रकार की घटनाओं को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि वन विभाग ने घटना के तुरंत बाद ट्रैप कैमरे, ड्रोन और विशेषज्ञ टीमों की तैनाती की है।

उन्होंने यह भी कहा कि मानव-वन्यजीव संघर्ष का स्थायी समाधान केवल सरकारी प्रयासों से नहीं, बल्कि समुदाय की सक्रिय भागीदारी से ही संभव है। इसलिए विभाग ग्रामीणों की भागीदारी बढ़ाने पर विशेष ध्यान दे रहा है।


स्थानीय सुझावों पर तत्काल निर्णय—दो शूटरों की अनुमति और जनजागरूकता अभियान को मंजूरी

गजल्ड से लौटने के बाद प्रभावित क्षेत्र के प्रतिनिधिमंडल ने विकास भवन में प्रमुख वन सचिव से मुलाकात कर स्थानीय जरूरतों पर आधारित सुझाव प्रस्तुत किए। इन सुझावों में—

  • क्षेत्र से परिचित दो स्थानीय शूटरों को निस्तारण दल में शामिल करने,
  • गुलदार को न्यूट्रलाइज करने हेतु दो निजी शूटरों की अनुमति,
  • प्री-रिकॉर्डेड ऑडियो संदेशों के माध्यम से गाँव-गाँव जागरूकता,
  • संवेदनशील इलाकों में रात्रिकालीन निगरानी बढ़ाने
    जैसी मांगें शामिल थीं।

प्रमुख वन सचिव ने इन सभी बिंदुओं पर तत्काल संज्ञान लेते हुए संबंधित विभागों को मौके पर ही आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए।


विकास भवन में उच्च स्तरीय बैठक—सभी विभागों को स्पष्ट निर्देश

इसके बाद विकास भवन सभागार में मानव-वन्यजीव संघर्ष से जुड़े मुद्दों पर विस्तृत समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में प्रमुख वन सचिव ने कहा कि मानव-वन्यजीव संघर्ष संवेदनशील विषय है और इसके लिए रोकथाम, सुरक्षा और जनजागरूकता को समान गति से बढ़ाना आवश्यक है।

उन्होंने विभागों को निम्न निर्देश दिए—

✔ सभी रेंज स्तर पर नियमित रूप से प्रभागीय दिवस आयोजित किए जाएँ

वन्यजीव गतिविधियों, संवेदनशील क्षेत्रों और जोखिमों की सामूहिक समीक्षा प्रत्येक रेंज में की जाएगी।

✔ “क्या करें–क्या न करें” आधारित विस्तृत जनजागरूकता सामग्री तैयार कर वितरित की जाए

इस सामग्री को गाँव स्तर, स्कूलों, आंगनबाड़ियों, वन पंचायतों और डिजिटल प्लेटफार्म पर साझा किया जाएगा।

✔ सोशल मीडिया और व्हाट्सऐप ग्रुपों का उपयोग बढ़ाया जाए

रेंज और प्रभागीय स्तर पर वास्तविक समय पर सूचनाएँ साझा कर त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जाएगी।

✔ झाड़ी कटान अभियान संयुक्त रूप से संचालित हो

लोक निर्माण विभाग, जिला पंचायत और नगर पालिका को संयुक्त रूप से घने झाड़ियों की कटान का कार्य सौंपा गया। उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त बजट सरकार उपलब्ध कराएगी।


ग्रामीणों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता—गढ़वाल आयुक्त

गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने कहा कि मानव-वन्यजीव संघर्ष ऐसी चुनौती है जिसमें प्रशासनिक तंत्र और समुदाय दोनों की साझा भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने जोर दिया कि—
“यदि वन विभाग, जिला प्रशासन और स्थानीय जनसमुदाय एक साथ मिलकर कार्य करें, तो इस संघर्ष को काफी कम किया जा सकता है। हमारी प्राथमिकता जनजीवन की सुरक्षा और हर परिवार तक समय पर सहायता पहुँचाना है।”


स्कूलों में समय परिवर्तन, चराई मार्गों का प्रबंधन—DM पौड़ी का ऐक्शन

जिलाधिकारी पौड़ी स्वाति एस. भदौरिया ने बताया कि जिला प्रशासन मानव-वन्यजीव संघर्ष से जुड़ी सभी गतिविधियों पर लगातार नजर बनाए हुए है। उन्होंने कहा—

  • संवेदनशील क्षेत्रों में विद्यालयों और आंगनबाड़ियों के समय में परिवर्तन किया गया है ताकि छात्र सुरक्षित रहें।
  • पशुपालन विभाग को प्रभावित क्षेत्रों में चारे की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
  • वन विभाग और जिला प्रशासन मिलकर जागरूकता अभियान, झाड़ी कटान और अन्य न्यूनीकरण उपाय तेजी से लागू कर रहे हैं।

उच्चाधिकारियों की मौजूदगी—पूरे प्रशासनिक तंत्र की सक्रियता

दौरे और बैठक के दौरान प्रमुख वन संरक्षक (HOF) रंजन कुमार मिश्र, एसएसपी सर्वेश पंवार, मुख्य वन संरक्षक धीरज पांडे, वन संरक्षक आकाश वर्मा, डीएफओ गढ़वाल अभिमन्यु सिंह, डीएफओ लैंसडौन जीवन दगाड़े, डीएफओ कालागढ़ तरुण एस, अपर जिलाधिकारी अनिल गर्ब्याल, संयुक्त मजिस्ट्रेट दीक्षिता जोशी सहित अनेक विभागों के अधिकारी शामिल रहे।

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