
देहरादून: उत्तराखंड में विकास की रफ्तार को नई ऊर्जा मिली है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के विभिन्न जनपदों में जनहित और सुरक्षा से जुड़े कई महत्वपूर्ण कार्यों के लिए ₹2838.45 लाख (अट्ठाईस करोड़ अड़तीस लाख पैंतालीस हज़ार) से अधिक की योजनाओं को स्वीकृति प्रदान की है। इन योजनाओं का उद्देश्य है — राज्य में आधारभूत संरचना को सशक्त करना, नागरिक सुविधाओं को बेहतर बनाना और आपदा सुरक्षा तंत्र को मज़बूत करना।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” के मंत्र के साथ प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए निरंतर कार्य कर रही है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि “राज्य के हर व्यक्ति तक विकास की धारा पहुंचाना” और “हर घर तक सुरक्षा व सुविधा” उपलब्ध कराना ही इस सरकार का मूल लक्ष्य है।
देहरादून में बुनियादी ढांचे को मिलेगी मजबूती
राजधानी देहरादून में क्षतिग्रस्त सीवर लाइनों के पुनर्निर्माण और सीवरेज नेटवर्क विस्तार के लिए मुख्यमंत्री धामी ने दो प्रमुख योजनाओं को मंजूरी दी है।
1️⃣ झाझरा जाने वाले लक्ष्मण चौक क्षेत्र में क्षतिग्रस्त सीवर लाइनों के प्रतिस्थापन और बैराज मेहलगांव चौक तक पुनर्निर्माण कार्य के लिए ₹495.77 लाख (चार करोड़ पचानवे लाख सतहत्तर हज़ार) की योजना स्वीकृत की गई है।
2️⃣ इसी प्रकार पिथुवाला शाखा के अंतर्गत श्रद्धा एन्क्लेव और प्रियदर्शिनी एन्क्लेव क्षेत्र में सीवर लाइन परिवर्तन, एस.टी.पी. एवं नेटवर्क निर्माण कार्य के लिए ₹243.14 लाख (दो करोड़ तैंतालीस लाख चौदह हज़ार) की परियोजना को स्वीकृति दी गई है।
इन दोनों योजनाओं से राजधानी के घनी आबादी वाले इलाकों में स्वच्छता और सीवरेज प्रबंधन की स्थिति में बड़ा सुधार होगा। इससे न केवल पर्यावरणीय प्रदूषण में कमी आएगी, बल्कि स्थानीय निवासियों को स्वच्छ जल निकासी व्यवस्था का भी लाभ मिलेगा।
नैनीताल में स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर की सुरक्षा को बड़ा बजट
खेल क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ प्राकृतिक जोखिमों से सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री धामी ने जनपद नैनीताल के हल्द्वानी स्थित गौलापार क्षेत्र में इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स (स्टेडियम) के लिए ₹1455.09 लाख (चौदह करोड़ पचपन लाख नौ हज़ार) की योजना स्वीकृत की है।
यह राशि बाढ़ सुरक्षा कार्यों पर खर्च की जाएगी, ताकि स्टेडियम परिसर और आसपास के क्षेत्रों को नदी तटीय क्षरण से बचाया जा सके।
योजना के प्रथम चरण हेतु 40 प्रतिशत धनराशि — ₹582 लाख (पांच करोड़ ब्यासी लाख) तुरंत जारी करने की अनुमति दी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि “उत्तराखंड का युवा प्रतिभा और ऊर्जा से परिपूर्ण है, हमें उन्हें सुरक्षित और आधुनिक खेल सुविधाएं उपलब्ध करानी होंगी।”
आपदा प्रबंधन और राहत कोष में भी बड़ा प्रावधान
राज्य में आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों को और प्रभावी बनाने के लिए मुख्यमंत्री धामी ने राज्य आपदा मोचन निधि (SDRF) से विभिन्न जनपदों को अनुदान स्वीकृत किया है।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि “प्राकृतिक आपदाएं उत्तराखंड की भौगोलिक सच्चाई हैं, लेकिन तैयारी और त्वरित प्रतिक्रिया से हम उनके प्रभाव को न्यूनतम कर सकते हैं।”
स्वीकृत धनराशि इस प्रकार है —
| जनपद / विभाग | स्वीकृत धनराशि (₹ करोड़ में) |
|---|---|
| चम्पावत | 20.00 |
| ऊधम सिंह नगर | 5.00 |
| टिहरी गढ़वाल | 10.00 |
| निदेशक, यू॰एल॰बी॰एम॰एस॰ओ॰ देहरादून | 0.50 |
| देहरादून (अन्य मदों हेतु) | 1.41 + 0.75 |
| कुल राशि | ₹37.66 करोड़ |
इन अनुदानों से राहत, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन कार्यों में तेजी आएगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि हर योजना का समयबद्ध क्रियान्वयन और पारदर्शी व्यय सुनिश्चित किया जाए।
भूकंप जोखिम न्यूनीकरण कार्यक्रम को भी मिली हरी झंडी
राज्य की भूकंपीय संवेदनशीलता को देखते हुए मुख्यमंत्री धामी ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के तहत संचालित राष्ट्रीय भूकंप जोखिम न्यूनीकरण कार्यक्रम (NERMP) के अंतर्गत व्यवहार्यता रिपोर्ट (PPR) तैयार कर भारत सरकार को प्रेषित करने की अनुमति दी है।
इस रिपोर्ट के आधार पर उत्तराखंड में भवन निर्माण मानकों, आपदा तैयारियों और संरचनात्मक सुरक्षा के नए मानक निर्धारित किए जाएंगे। इससे राज्य के शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में भूकंप जोखिम प्रबंधन को वैज्ञानिक आधार मिलेगा।
मुख्यमंत्री धामी का दृष्टिकोण: “विकास गांव-गांव तक पहुंचे”
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा —
“हमारा संकल्प है कि उत्तराखंड के विकास की धारा गांव-गांव और हर घर तक पहुंचे। राज्य के नागरिकों की सुरक्षा, आधारभूत सुविधाओं का विस्तार और प्राकृतिक आपदाओं से बचाव हमारी सर्वोच्च प्राथमिकताएं हैं। इन योजनाओं से न केवल बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलेगी, बल्कि लोगों के जीवन स्तर में भी ठोस सुधार होगा। सरकार पारदर्शिता और त्वरित क्रियान्वयन के साथ हर योजना को धरातल पर उतारने के लिए प्रतिबद्ध है।”
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि प्रदेश में विकास का मतलब केवल सड़कें या इमारतें नहीं, बल्कि लोगों के जीवन में वास्तविक सुधार लाना है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार “Ease of Living” की दिशा में काम कर रही है, ताकि नागरिकों को बुनियादी सेवाएं तेज़, पारदर्शी और सुलभ तरीके से मिल सकें।
जनता में उम्मीद और प्रशासन में गति
इन योजनाओं के बाद राज्य के विभिन्न जिलों में उत्साह का माहौल है। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री धामी ने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि कार्य की गुणवत्ता, पारदर्शिता और तय समयसीमा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।
विशेषज्ञों का मानना है कि आपदा प्रबंधन, खेल अवसंरचना और स्वच्छता परियोजनाओं में यह निवेश राज्य के सतत विकास मॉडल की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
विकास और सुरक्षा का संतुलित खाका
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा स्वीकृत इन योजनाओं ने उत्तराखंड को विकास और सुरक्षा के नए अध्याय की ओर अग्रसर किया है। जहां एक ओर ये परियोजनाएं बुनियादी ढांचे को मज़बूती देंगी, वहीं दूसरी ओर प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण को भी प्राथमिकता प्रदान करेंगी।
धामी सरकार की यह पहल न केवल “विकसित उत्तराखंड” के विज़न को आगे बढ़ाती है, बल्कि “सुरक्षित, सक्षम और आत्मनिर्भर राज्य” की दिशा में भी ठोस कदम साबित होती है।



