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उत्तराखंड में 2022 बैच के IAS अधिकारियों के तबादले, दो नई महिला अफसरों को दी गई फील्ड पोस्टिंग

धामी सरकार का प्रशासनिक पुनर्गठन, कार्मिक विभाग ने जारी किया आदेश

देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने प्रशासनिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) 2022 बैच के चार अधिकारियों के तबादले करते हुए उन्हें नई जिम्मेदारियाँ सौंप दी हैं। कार्मिक एवं सतर्कता अनुभाग-1 द्वारा जारी आदेश के अनुसार, यह तबादले तत्काल प्रभाव से लागू होंगे।

इस फेरबदल में जहां दो अधिकारियों को एक जिले से दूसरे जिले में स्थानांतरित किया गया है, वहीं बाध्य प्रतीक्षा में चल रही दो महिला अधिकारियों को पहली बार ज़मीनी प्रशासनिक जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह फैसला राज्य सरकार की युवा प्रशासनिक प्रतिभाओं को फील्ड एक्सपोजर देने की नीति के तहत देखा जा रहा है।


तबादले की सूची:

क्रम अधिकारी का नाम पूर्व तैनाती नवीन तैनाती
1 श्री दीपक रामचंद्र सेट (IAS-2022) संयुक्त मजिस्ट्रेट, पौड़ी संयुक्त मजिस्ट्रेट, रुड़की
2 श्री राहुल आनंद (IAS-2022) संयुक्त मजिस्ट्रेट, रानीखेत संयुक्त मजिस्ट्रेट, देहरादून
3 सुश्री गौरी प्रभात (IAS-2022) बाध्य प्रतीक्षा संयुक्त मजिस्ट्रेट, रानीखेत
4 सुश्री दीक्षिता जोशी (IAS-2022) बाध्य प्रतीक्षा संयुक्त मजिस्ट्रेट, पौड़ी

प्रशासनिक रणनीति का संकेत

राज्य सरकार का यह निर्णय क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखने और प्रशासनिक दक्षता को सुधारने की मंशा दर्शाता है। विश्लेषकों का मानना है कि फील्ड में महिला अधिकारियों की भागीदारी बढ़ाना सरकार की समावेशी प्रशासनिक सोच का प्रमाण है। इससे ना केवल प्रशासनिक अनुभव का दायरा बढ़ेगा, बल्कि आमजन से जुड़ाव भी मजबूत होगा।


तुरंत लागू होंगे आदेश

स्थानांतरण आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि सभी संबंधित अधिकारी तत्काल प्रभाव से अपने नवीन पदों पर कार्यभार ग्रहण करेंगे और इसकी सूचना शासन को अनिवार्य रूप से देंगे।


विस्तृत संदर्भ में देखें

उत्तराखंड में आगामी महीनों में कई महत्वपूर्ण प्रशासनिक परियोजनाएं, पंचायती विकास योजनाएं, और शीतकालीन तैयारियाँ चल रही हैं, जिनमें इन अधिकारियों की भूमिका अहम मानी जा रही है। विशेषकर देहरादून और रुड़की जैसे शहरी विकास केंद्रों में नए संयुक्त मजिस्ट्रेटों से तेज कार्य निष्पादन की उम्मीद है।

धामी सरकार द्वारा किया गया यह प्रशासनिक पुनर्गठन राज्य में युवाओं को नेतृत्व में आगे लाने, सिस्टम की चुस्ती बढ़ाने और नए दृष्टिकोण को लागू करने की नीति का हिस्सा माना जा रहा है। इस फेरबदल से जहां अधिकारी बेहतर अनुभव प्राप्त करेंगे, वहीं जनता को भी प्रशासनिक सेवाएं पहले से ज्यादा प्रभावी रूप में मिल सकेंगी।

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