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Uttarakhand: नैनीताल में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन PGICON-2025 का शुभारंभ, सीएम ने कहा — “उत्तराखंड को आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा का वैश्विक केंद्र बनाना हमारा लक्ष्य”

भुजियाघाट (नैनीताल), 13 नवंबर 2025। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को नैनीताल जनपद के भुजियाघाट स्थित काया आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन PGICON-2025 का विधिवत शुभारंभ किया। यह तीन दिवसीय सम्मेलन पाल ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट, हल्द्वानी द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) कोलेबोरेटिंग सेंटर फॉर इमरजेंसी एंड ट्रॉमा केयर, JPNATC, एम्स नई दिल्ली के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि —

“भारत की प्राचीन चिकित्सा प्रणाली आयुर्वेद केवल उपचार की विधा नहीं, बल्कि एक संतुलित, निरोगी और अनुशासित जीवन का दर्शन है। हमारे ऋषि-मुनियों ने सदियों पहले जो स्वास्थ्य विज्ञान दिया था, वह आज भी विश्व को प्राकृतिक उपचार की दिशा दिखा रहा है।”

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में आयुष मंत्रालय की स्थापना के बाद आयुर्वेद को नई वैश्विक पहचान मिली है। उत्तराखंड सरकार भी इसी दिशा में राज्य को Global Centre of Ayurveda and Wellness के रूप में विकसित करने के लिए ठोस कदम उठा रही है।


योग और औषधीय वनस्पतियों की भूमि बनेगी ‘ग्लोबल वेलनेस हब’

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड सदैव योग, औषधियों और जड़ी-बूटियों की भूमि रही है। यहाँ की पर्वतीय वनस्पतियाँ आयुर्वेद की आत्मा हैं।
उन्होंने कहा कि —

“हमारा लक्ष्य है कि उत्तराखंड को वेलनेस टूरिज्म और प्राकृतिक चिकित्सा का प्रमुख केंद्र बनाया जाए। इसके लिए आयुर्वेदिक कॉलेजों, अनुसंधान संस्थानों, योग ग्रामों और पंचकर्म केंद्रों को सशक्त किया जा रहा है।”

मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार प्रदेश में दो इकोनॉमिक स्प्रिचुअल जोन (Economic Spiritual Zones) स्थापित करेगी —
एक गढ़वाल मंडल में और दूसरा कुमाऊँ मंडल में। इन केंद्रों के माध्यम से योग, ध्यान, आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा, आध्यात्मिक पर्यटन और पारंपरिक उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा।
उन्होंने कहा कि यह पहल उत्तराखंड को “आध्यात्मिक और वेलनेस अर्थव्यवस्था” के नए मॉडल के रूप में स्थापित करेगी, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार और उद्यमिता के अवसर प्राप्त होंगे।


“आयुर्वेद हमारी सांस्कृतिक धरोहर है” — अजय भट्ट

कार्यक्रम में केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री और सांसद अजय भट्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने आयुष क्षेत्र में कई ऐतिहासिक पहलें की हैं।
उन्होंने कहा कि —

“आयुर्वेद हमारी सांस्कृतिक धरोहर है। इसे जन-जन तक पहुँचाना हम सबका कर्तव्य है। आज यह देखकर गर्व होता है कि भारत की यह चिकित्सा प्रणाली विश्व पटल पर अपनी पहचान बना रही है।”


“यह सम्मेलन युवाओं को प्रेरित करेगा” — विधायक बंशीधर भगत

वरिष्ठ विधायक बंशीधर भगत ने कहा कि आयुर्वेद केवल चिकित्सा का माध्यम नहीं, बल्कि भारतीय जीवन पद्धति और ज्ञान परंपरा का अभिन्न हिस्सा है।
उन्होंने कहा कि ऐसे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन उत्तराखंड की औषधीय संपदा को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने के साथ-साथ युवाओं और शोधकर्ताओं को प्रेरित करेंगे।


“आयुर्वेद के विस्तार से बढ़ेंगे शोध और रोजगार के अवसर”

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आयुर्वेदिक शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए निरंतर काम कर रही है। आयुर्वेद कॉलेजों में उच्च शिक्षा, पीजी और शोध की सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि —

“हमारा प्रयास है कि उत्तराखंड में आधुनिक चिकित्सा विज्ञान और पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली के बीच सामंजस्य स्थापित हो। इससे न केवल चिकित्सा व्यवस्था मज़बूत होगी, बल्कि राज्य के युवाओं को शोध और स्टार्टअप के क्षेत्र में नए अवसर मिलेंगे।”


कार्यक्रम में गणमान्यजनों की उपस्थिति

इस अवसर पर विधायक नैनीताल सरिता आर्या, विधायक भीमताल राम सिंह कैड़ा, मंडी परिषद अध्यक्ष अनिल कपूर (डब्बू), दर्जा राज्य मंत्री शंकर कोरंगा, नवीन वर्मा, आयुक्त कुमाऊँ दीपक रावत, आईजी कुमाऊँ रिद्धिम अग्रवाल, जिलाधिकारी नैनीताल ललित मोहन रयाल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजूनाथ टी.सी., पाल ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट के पदाधिकारी, चिकित्सा विशेषज्ञ, छात्र और शोधकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।


मुख्य बिंदु संक्षेप में

  • मुख्यमंत्री ने PGICON-2025 का उद्घाटन किया।
  • उत्तराखंड को “ग्लोबल सेंटर ऑफ आयुर्वेद एंड वेलनेस” बनाने की घोषणा।
  • गढ़वाल और कुमाऊँ में दो “इकोनॉमिक स्प्रिचुअल जोन” स्थापित होंगे।
  • वेलनेस टूरिज्म और पारंपरिक चिकित्सा से जुड़े उद्योगों को मिलेगा प्रोत्साहन।
  • युवाओं को शोध, स्टार्टअप और रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।

संक्षेप में, नैनीताल के भुजियाघाट से मुख्यमंत्री धामी ने जो विज़न रखा — वह केवल आयुर्वेद की पुनर्स्थापना नहीं, बल्कि “देवभूमि को विश्व की वेलनेस राजधानी” बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है।

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