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उत्तराखण्ड : कैबिनेट द्वारा लिये गये महत्वपूर्ण निर्णय

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1 ई-स्टाम्पिंग एवं ई-कोर्ट फीस अनुबन्ध का नवीनीकरण किये जाने के संबंध में लिया गया निर्णय।

स्टाम्पों की आपूर्ति एवं विक्रय की वर्तमान प्रणाली में कठिनाईयों एवं कमियों दो दूर करने, नकली एवं जाली स्टाम्पों के प्रयोग पर रोक लगाने हेतु उत्तराखण्ड स्टाम्प (ई-स्टाम्प प्रमाण-पत्रों के माध्यम से शुल्क का संदाय) नियमावली, 2011 प्रख्यापित की गयी। भारत सरकार की सलाह के अनुरूप दिनांक 22.12.2021 को सम्पादित अनुबन्ध पत्र के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा 03 वर्षों के लिये स्टॉक होल्डिंग कार्पाेरेशन ऑफ इण्डिया लिमिटेड को उत्तराखण्ड में ई-स्टाम्पिंग का कार्य करने के लिये केन्द्रीय अभिलेख अनुरक्षण अधिकरण के रूप में अधिकृत किया गया था। उक्त अनुबन्ध की समयसीमा दिनांक 19.12.2024 को समाप्त हो रही है।

वर्तमान में स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग, उत्तराखण्ड के अन्तर्गत Aadhar Authentication and Virtual Registration को राज्य स्तर पर क्रियान्वयन हेतु Virtual Registration Module, पेपरलेस ई-स्टाम्पिंग, Registry process completely Online and Paperless विषयक कार्यवाही भी SHCIL के साथ गतिमान है। साथ ही उप निबंधक कार्यालयों में संरक्षित अभिलेखों की सत्यापित प्रतिलिपि हेतु प्रचलित पूर्व की व्यवस्था को EoDB मानकों के अन्तर्गत पूर्णतः पेपरलेस करने के दृष्टिगत E-Nakal की व्यवस्था को भी SHCIL के सहयोग से लागू किया गया है। उक्त के दृष्टिगत राज्य सरकार एवं स्टॉक होल्डिंग कार्पाेरेशन ऑफ इण्डिया लिमिटेड के मध्य ई-स्टाम्पिंग एवं ई-कोर्ट फीस अनुबन्ध को पूर्व में वर्णित शर्तों के अधीन ही आगामी 03 वर्ष हेतु विस्तारित किये जाने का निर्णय।

2 उत्तराखण्ड राज्य सहकारी समिति निर्वाचन (संशोधन) नियमावली, 2024 के प्रख्यापन के सम्बन्ध में।

उत्तराखण्ड राज्य सहकारी समितियों में महिलाओं की सशक्त भागेदारी सुनिश्चित किये जाने के दृष्टिगत राज्य सरकार द्वारा सहकारी समितियों की प्रबंध समिति में नामित सदस्य व सभापति जिन्हें विगत 03 सहकारी वर्ष पूर्व सम्मिलित किया गया था, ऐसे सदस्यों के सम्बन्ध में उत्तराखण्ड राज्य सहकारी समिति निर्वाचन नियमावली, 2018 के नियम-12 (ख) में उक्त संशोधन नियमावली, 2024 के माध्यम से उन्हें सदस्य बनाये जाने की तिथि से प्रथम निर्वाचन के लिए छूट प्रदान किये जाने का निर्णय।

3.उत्तराखण्ड सरकारी सेवक वेतन नियम, 2016 के द्वारा पुनरीक्षित वैतन संरचना के नियम 6(1) के अन्तर्गत चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभागान्तर्गत चिकित्सको को एस०डी०ए०सी०पी० की स्वीकृति की तिथि से सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों के क्रम में पुनरीक्षित वेतन मैट्रिक्स में पुनः वेतन निर्धारण का विकल्प उपलब्ध कराये जाने के संबंध में लिया गया निर्णय।

राज्य के पर्वतीय एव दुर्गम क्षेत्रो में चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्थित कराये जाने हेतु मौलिक रूप से नियुक्त प्रान्तीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा एव दन्त शल्यक सेवा सवर्ग के समस्त कार्यरत चिकित्साधिकारियों के लिए दिनांक 01 अप्रैल, 2016 से विशेष डायनमिक एश्योर्ड कैरियर प्रोग्रेशन योजना लागू कि गयी है जो कि उन्हें उत्तराखण्ड चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा नियमावली 2014 में प्राविधानित पदोन्नति सोपान के दृष्टिगत 04, 09, 13 एवं 20 वर्ष की निरन्तर सन्तोषजनक सेवा पूर्ण करने पर कमशः ग्रेड वेतन रू0 6600, 7600, 8700 एवं 8900 के पदोन्नत वेतनमान पर्वतीय / दुर्गम क्षेत्र में कमश 02, 05, 07 एवं 09 वर्ष की सेवा पूर्ण करने की शर्त के साथ प्रदान करती है। चिकित्साधिकारियों द्वारा दुर्गम सेवा जब भी पूर्ण कर ली जाती है उन्हें विशेष डायनमिक एश्योर्ड कैरियर प्रोग्रेशन योजना की अनुमन्यता की तिथि से समस्त लाभ प्राप्त हो जाते है।

उत्तराखण्ड सरकारी सेवक वेतन नियम 2016 के नियम 5 एवं नियम 6 (1) में प्रावधानित व्यवस्था के अन्तर्गत सातवें वेतन आयोग की पुनरीक्षित संरचना में वेतन निर्धारण हेतु विकल्प का प्रयोग अधिसूचना जारी होने की तिथि से 03 माह के भीतर किया जा सकता था। वर्ष 2003 में नियुक्त 123 चिकित्सकों में से 30 चिकित्सकों द्वारा एस०डी०ए०सी०पी० की अनुमन्यता हेतु लागू शर्त के दृष्टिगत विकल्प का प्रयोग विभिन्न कारणों से नहीं किया जा सका है। जिससे एक ही बैच में चयनित चिकित्सकों के वेतन में अन्तर परिलक्षित है।

राज्य सरकार द्वारा चिकित्सकों के वेतन में आ रहे अन्तर को दूर किये जाने हेतु उत्तराखण्ड सरकारी सेवक वेतन नियम् 2016 अधिसूचना दिनांक 28 दिसम्बर, 2016 के जारी होने की तिथि से तीन माह के अंदर ही विकल्प का चयन का प्रावधान उपबन्धित होने एवं विशेष डायनमिक एश्योर्ड कैरियर प्रोग्रेशन योजना की विशेष प्रकृति के दृष्टिगत आपवादिक स्थिति में वेतन नियम, 2016 अधिसूचना दिनांक 28 दिसम्बर, 2016 के नियम 5 एवं 6 के अनुसार 2003 बैच के चिकित्सकों को एक बार पुनः पुनरीक्षित वेतन मैट्रिक्स अपनाये जाने के विकल्प का चयन करने का एक और अवसर प्रदान किये जाने का निर्णय इस प्रतिबंध के साथ लिया गया है कि दी गयी छूट को किसी भी अन्य मामले में दृष्टांत नहीं माना जायेगा।

4.उत्तराखण्ड सचिवालय से इतर अधीनस्थ कार्यालयों के वाहन चालकों को वर्दी भत्ता अनुमन्य किये जाने के सम्बन्ध में लिया गया निर्णय।

वाहन चालकों द्वारा वर्दी की दरों/उसके सापेक्ष उन्हें प्राप्त हो रही धनराशि में विगत 13 वर्षों से वृद्धि न होने के दृष्टिगत वर्दी की दरों / प्राप्त हो रही धनराशि में बढ़ोत्तरी किये जाने की निरन्तर मांग के क्रम में उत्तराखण्ड सचिवालय से इतर अधीनस्थ कार्यालयों के वाहन चालकों की वर्दी के लिए निर्धारित उक्त व्यवस्था को समाप्त करते हुए उत्तराखण्ड सचिवालय से इतर अधीनस्थ कार्यालयों के नियमित रूप से कार्यरत वाहन चालकों को प्रतिवर्ष रू० 3,000.00/- (रू० तीन हजार मात्र) वर्दी भत्ता अनुमन्य किये जाने का कैबिनेट द्वारा निर्णय लिया गया है। इससे राज्य में कार्यरत लगभग 2000 नियमित वाहन चालक लाभन्वित होंगे।

5.उत्तराखण्ड मानवाधिकार आयोग के तहत मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 एवं 2019 की धारा-21 की उपधारा (3) में प्राविधानित है कि आयोग का एक सचिव होगा, जो राज्य का मुख्य कार्यपालक अधिकारी होगा और वह अध्यक्ष के नियंत्रण के अधीन रहते हुये राज्य आयोग की सभी प्रशासनिक एवं वित्तीय शक्तियों का प्रयोग करेगा।

उक्त प्राविधान के आलोक में वर्तमान में सचिव, उत्तराखण्ड मानवाधिकार आयोग को आयोग के समस्त प्रशासनिक एवं वित्तीय शक्तियां प्राप्त हैं, परन्तु आयोग में विभागाध्यक्ष घोषित न होने के दृष्टिगत अध्यक्ष, उत्तराखण्ड मानवाधिकार आयोग को शासकीय अभिलेखों में विभागाध्यक्ष घोषित किए जाने हेतु वित्तीय अधिकारों के प्रतिनिधायन, के अध्याय-4 (विभागाध्यक्षों की सूची) के क्रमांक-110 के पश्चात् क्रमांक-111 पर अध्यक्ष, उत्तराखण्ड मानवाधिकार आयोग, देहरादून का नाम अग्रेतर सम्मिलित किये जाने का लिया गया निर्णय।

6.दिनांक 30 जून/31 दिसम्बर को सेवानिवृत्त होने वाले उत्तराखण्ड राज्य सरकार के कार्मिकों की सेवानिवृत्ति की तिथि (30 जून/31 दिसम्बर) के ठीक अगले दिन अर्थात 01 जुलाई/01 जनवरी को वेतनवृद्धि नियत होने पर एक नोशनल वेतनवृद्धि अनुमन्य किये जाने का लिया गया निर्णय।

राज्य में वेतन समिति, उत्तराखण्ड द्वारा की गयी संस्तुतियों पर लिये गये निर्णयानुसार राजकीय कर्मचारियों को अनुमन्य वार्षिक वेतन वृद्धि की तिथि प्रत्येक वर्ष की 01 जनवरी तथा 01 जुलाई निर्धारित की गयी है। राज्य सरकार के बहुत से सरकारी सेवक अधिवर्षता आयु पूर्ण कर प्रति वर्ष दिनांक 30 जून/31 दिसम्बर को भी सेवानिवृत्त होते हैं, इनमे ऐसे सरकारी सेवक भी सम्मिलित होते है, जिनके द्वारा एक ही वेतन स्तर पर उक्त तिथि को 01 वर्ष की संतोषजनक सेवा पूर्ण कर ली जाती है। परन्तु उन्हें आगामी वेतनवृद्धि प्रदान नहीं की जाती है क्योंकि सरकारी सेवकों को वार्षिक वेतन वृद्धि एक वर्ष की सन्तोषजनक सेवा के उपरान्त देय होती है। इन सरकारी सेवकों द्वारा एक वर्ष की सन्तोषजनक सेवा पूर्ण तो कर ली जाती है लेकिन वे उसी दिन सेवानिवृत्त हो जाते है जिस दिन उनकी एक वर्ष की सेवा पूर्ण हो रही हो।

राज्य सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि दिनांक 30 जून एवं 31 दिसम्बर को सेवानिवृत्त होने वाले राज्य सरकार के कार्मिकों, जिन्हें यथास्थिति 01 जुलाई एवं 01 जनवरी को वेतनवृद्धि दिया जाना नियत है, द्वारा आहरित अंतिम वेतन मे एक नोशनल वेतनवृद्धि जोडते हुए पेंशन की गणना की जायेगी। अन्य सेवानिवृत्तिक लाभो की गणना में नोशनल वेतनवृद्धि को नहीं लिया जायेगा ।

7 उत्तराखण्ड आवास नीति नियमावली, 2024 के प्रख्यापन के संबंध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।

राज्य के अन्तर्गत निवासरत जनों हेतु सुरक्षित एवं स्थायी आवास एवं प्रधानमंत्री आवास योजना से आच्छादित पात्र समाज के प्रत्येक वर्ग को किफायती आवास बनाने के उद्देश्य की पूर्ति हेतु उत्तराखण्ड आवास नीति, 2017 प्रख्यापित की गयी थी। उक्त आवास नीति, 2017 के सुचारू क्रियान्वयन किये जाने के लिए उत्तराखण्ड आवास नीति नियमावली, 2018 का प्रख्यापन किया गया। पूर्ववर्ती नीति एवं नियमावलियों में विद्यमान कमियों को दूर करते हुए किफायती आवास परियोजनाओं सहित समस्त प्रकार की आवासीय परियोजनाओं के निर्माण एवं भू-उपयोग परिवर्तन की प्रक्रिया को सरल एवं व्यावहारिक बनाये जाने, राज्य में आवासीय सेक्टर के विकास हेतु एक सकारात्मक एवं अनुकूल वातावरण का निर्माण किये जाने तथा भारत सरकार एवं राज्य सरकार की मंशानुसार सबके लिए आवास की परिकल्पना को मूर्त रूप दिये जाने के उद्देश्य से नियमावली का प्रख्यापन किये जाने का निर्णय लिया गया।

 

8 राज्य के विद्युत उपभोक्ताओं को विद्युत टैरिफ में सब्सिडी प्रदान करने के सम्बन्ध में।

मुख्यमंत्री द्वारा दिनांक 16 सितम्बर, 2024 को राज्य के घरेलू श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं को विद्युत टैरिफ में सब्सिडी प्रदान किये जाने सम्बन्धी घोषणा के क्रम में राज्य के विद्युत उपभोक्ताओं को लागू विद्युत दरों (इनर्जी चार्ज) में 50 प्रतिशत सब्सिडी निम्नानुसार प्रदान की गयी हैः-

हिम-आच्छादित क्षेत्र के घरेलू श्रेणी के उपभोक्ता जिनका मासिक विद्युत उपभोग 200 यूनिट तक है।

अन्य क्षेत्रों के घरेलू श्रेणी के उपभोक्ता जिनका अनुबन्धित विद्युत भार 1 किलोवाट तक तथा मासिक विद्युत उपभोग 100 यूनिट तक है।

उक्त शासनादेश दिनांक 24.09.2024 में आंशिक संसोधन तथा पूर्व में उल्लिखित अन्य शर्तों सहित कार्याेत्तर स्वीकृति / अनुमोदन प्राप्त किये जाने का कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।

9.उत्तराखण्ड राज्य के अन्तर्गत निराश्रित/बेसहारा गौवंश का आश्रय कराये जाने हेतु निर्गत शासनादेश में संसोधन का निर्णय।

उल्लेखनीय है कि भारतीय संविधान की 11वीं एवं 12वीं अनुसूची की व्यवस्था के अनुसार नगरीय परिधि में गोसदनों का निर्माण एवं तत्संबंधी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराना शहरी विकास विभाग के क्षेत्रान्तर्गत, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में गोसदनों का निर्माण एवं तत्संबंधी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराना पंचायती राज विभाग के क्षेत्रान्तर्गत आता है। ग्रामीण क्षेत्रों में गोसदनों का निर्माण कार्य पंचायती राज विभाग के क्षेत्रान्तर्गत आता है। यह भी उल्लखनीय है कि प्रदेश के समस्त पंजीकृत गोसदनों में शरणागत निराश्रित गोवंश को भरण-पोषण एव उनके उपचार से संबंधित समस्त चिकित्सकीय सुविधाएं पशुपालन विभाग द्वारा उपलब्ध कराया जाता है।

उक्त के दृष्टिगत नगरीय परिधि में निराश्रित गोवंश हेतु गोसदनों की स्थापना एवं तत्संबंधी आवश्यक सुविधाएं पूर्ववत शहरी विकास विभाग द्वारा उपलब्ध करायी जायेगी तथा नगरीय परिधि से बाहर निराश्रित गोवंश हेतु गोसदनों की स्थापना एवं तत्संबंधी आवश्यक सुविधाएं पंचायती राज विभाग द्वारा उपलब्ध करायी जायेगी। इस प्रस्ताव को कैबिनेट द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है।

10.राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग में अधिसूचित जाति सयाल के स्थान पर जाति सयाला संशोधित किये जाने का निर्णय।

11.राज्य के ट्रांसजेण्डर समुदाय के हितों के दृष्टिगत् ट्रांसजेण्डर पर्सन्स (प्रोटेक्शन ऑफ राइट) अधिनियम, 2019 की धारा-22 एवं ट्रांसजेण्डर पर्सन्स (प्रोटेक्शन ऑफ राइट) रूल्स, 2020 की धारा-10 के अन्तर्गत उत्तराखण्ड ट्रांसजेण्डर पर्सन्स कल्याण बोर्ड का गठन किये जाने की प्रदान की गई स्वीकृति।

12.उत्तराखण्ड रजिस्ट्रार कानूनगो संघ एवं पर्वतीय राजस्व निरीक्षक, उप निरीक्षक एवं राजस्व सेवक संघ की हड़ताल अवधि (दिनांकः 01.11.2021 से 08.01.2022 तक एवं दिनांक 23.12.2021 से 07.01.2022 तक) को उनके उपार्जित अवकाश में समायोजित कर उक्त अवधि का वेतन आहरण किये जाने के सम्बन्ध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।

13.राज्य में उत्पादित सी ग्रेड सेब तथा नाशपाती (गोला) फलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किये जाने का निर्णय।

राज्य के सेब एवं नाशपाती फल उत्पादकों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य दिलाये जाने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया जाता है, जिसके दृष्टिगत वर्ष 2024-25 में उत्पादित सी ग्रेड सेब फल का न्यूनतम समर्थन मूल्य रू0 13.00 प्रति किग्रा० तथा नाशपाती (गोला) फल का न्यूनतम समर्थन मूल्य रू0 7.00 प्रति किग्रा० निर्धारित / घोषित किये जाने तथा भविष्य में औद्यानिक फलों यथा-सी ग्रेड सेब, नाशपाती (गोला), माल्टा, गलगल, पहाड़ी नीबू इत्यादि का न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण वित्त विभाग के परामर्श / सहमति से प्रशासकीय विभाग को अधिकृत किये जाने सम्बन्धी प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री द्वारा दिनांकः 18.10.2024 को विचलन के माध्यम से प्रदत्त अनुमोदन के क्रम में शासनादेश निर्गत किये जा चुके हैं। इस प्रसताव को कैबिनेट ने दी मंजूूरी।

14.समन्वित बाल विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों/ आंगनवाड़ी सहायिकाओं की मानदेय पर नियुक्ति हेतु चयन प्रकिया के सम्बन्ध में।

समन्वित बाल विकास कार्यकम के अन्तर्गत आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों/ सहायिकाओं / मिनी आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों की मानदेय पर नियुक्ति हेतु चयन प्रक्रिया के सम्बन्ध में आंगनवाड़ी कार्यकर्तियों/आंगनवाडी सहायिकाओं के चयन/नियुक्ति कार्य एवं उत्तरदायित्व के निर्धारण एवं सेवा शर्तों के विनियमन हेतु नवीन शासनादेश निर्गत किये जाने का कैबिनेट ने प्रदान की स्वीकृति।

15.उत्तराखण्ड भूसम्पदा नियामक प्राधिकरण (रेरा) के वार्षिक प्रतिवेदन 2022-23 को विधान सभा में सदन के पटल पर रखे जाने का कैबिनेट ने लिया निर्णय।

16.मुख्यमंत्री विद्यार्थी शैक्षिक भारत दर्शन योजना (शैक्षिक भ्रमण योजना). 2024 संचालित किये जाने के संबंध में लिया गया निर्णय।

उच्च शिक्षा विभागान्तर्गत राज्य विश्वविद्यालयों/ परिसरों एवं शासकीय महाविद्यालयों में संस्थागत रूप से अध्ययनरत मेधावी छात्रों का शैक्षिक अभिमुखीकरण करने तथा देश के बहुआयामी संस्कृति से जोड़ते हुए लब्ध प्रतिष्ठित उच्च शिक्षण संस्थाओं और अन्य महत्वपूर्ण संस्थाओं में हो रहे शोध, शिक्षा, नवाचार, संस्कृति आदि से परिचित कराने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री-विद्यार्थी शैक्षिक भारत दर्शन योजना (शैक्षिक भ्रमण योजना), 2024 को कैबिनेट से मिली मंजूरी।
इस योजना का उद्देश्य उच्च शिक्षा विभागान्तर्गत राज्य विश्वविद्यालय परिसरों एवं शासकीय महाविद्यालय के संस्थागत छात्रों का चयन करके उन्हें भारत के प्रमुख लब्ध प्रतिष्ठित उच्च शिक्षण संस्थानों और अन्य राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों का भ्रमण करने के लिए भेजने की रूपरेखा स्थापित करना है।
योजना हेतु राज्य विश्वविद्यालय परिसर एवं शासकीय महाविद्यालयों के अंतिम वर्ष अथवा द्वितीय वर्ष में अध्ययनरत संस्थागत छात्र भ्रमण हेतु पात्र होंगे।

17.मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन एवं ज्ञानवर्धन प्रशिक्षण योजना (शैक्षिक भ्रमण योजना), 2024 संचालित किये जाने के संबंध में लिया गया निर्णय।

’ उच्च शिक्षा विभागान्तर्गत राज्य विश्वविद्यालयों / परिसरों एवं शासकीय महाविद्यालयों तथा उच्च शिक्षा विभाग, उत्तराखण्ड के अधिकार क्षेत्र में आने वाले अन्य उच्च शैक्षणिक संस्थानों में कार्यरत / तैनात के शिक्षकों को देश के प्रमुख संस्थानों और केंद्रों का शैक्षिक भ्रमण करने के लिए उच्च शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन एवं ज्ञानवर्धन प्रशिक्षण योजना प्रस्ताव को किया गया स्वीकृत।

’ इस योजना का उद्देश्य राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों (राज्य विश्वविद्यालय परिसरों एवं शासकीय महाविद्यालयों तथा उच्च शिक्षा विभाग, उत्तराखण्ड के अधिकार क्षेत्र में आने वाले अन्य उच्च शैक्षणिक संस्थानों) में कार्यरत / तैनात के शिक्षकों को देश के प्रमुख संस्थानों और केंद्रों का शैक्षिक भ्रमण करने के लिए भेजने की रूपरेखा स्थापित करना है।

’ योजना हेतु संस्थानों की विषय क्षेत्र में विशेषज्ञता के आधार पर संबंधित विषय क्षेत्र के शिक्षक का चयन किया जाएगा जिसके अंतर्गत मेजबान संस्थान से प्राप्त परस्पर सहमति एवं निर्धारित मॉड्यूल (परिवर्तनीय) के आधार पर गुणवत्ता उन्नयन एवं ज्ञानवर्धन हेतु प्रस्तावित भ्रमण अवधि में प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।

18.मुख्यमंत्री उत्कृष्ट शोध पत्र प्रकाशन प्रोत्साहन योजना, 2024 संचालित किये जाने का निर्णय।

उच्च शिक्षा विभागान्तर्गत राज्य विश्वविद्यालयों एवं संबद्ध राजकीय महाविद्यालयों के समस्त विषयों के नियमित प्राध्यापकों को अपने शोध कार्यों को उच्च गुणवत्तापरक शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित करने हेतु प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री उत्कृष्ट शोध पत्र प्रकाशन प्रोत्साहन योजना, 2024 की शुरुआत किये जाने का कैबिनेट ने प्रदान की स्वीकृति।

इस योजना का उद्देश्य उच्च शिक्षा विभागान्तर्गत राज्य विश्वविद्यालयों एवं संबद्ध महाविद्यालयों में शोध वातावरण के सृजन तथा शोध की गुणवत्ता को बढ़ावा देना है।

प्रोत्साहन पुरस्कारः- प्राध्यापकों द्वारा प्रकाशित शोध पत्र एबीडीसी (आस्ट्रेलियन बिजनेस

डीन्स काउंसिल) क्वालिटी लिस्ट में होने अथवा उपरोक्त वर्णित श्रेणी के इण्डेक्स शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित होने पर निम्नानुसार मुख्यमंत्री शोध प्रोत्साहन पुरस्कार प्रदान किया जाएगा-

’ एबीडीसी (आस्ट्रेलियन बिजनेसडीन्स काउंसिल) क्वालिटी लिस्ट में ए स्टार अथवा ए श्रेणी तथा स्कोपस इण्डेक्स, एस०सी०आई इण्डेक्स एवं वेब ऑफ साइंस इण्डेक्स के 5 अथवा अधिक इम्पैक्ट फैक्टर वाले शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित होने पर प्रत्येक शोध पत्र के लिए ₹10,000.00 मात्र (₹ दस हजार मात्र) की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।

एबीडीसी (आस्ट्रेलियन बिजनेस डीन्स काउंसिल) क्वालिटी लिस्ट में बी तथा स्कोपस इण्डेक्स, एस०सी०आई इण्डेक्स एवं वेब ऑफ साइंस इण्डेक्स के 5 से कम इम्पैक्ट फैक्टर वाले शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित होने पर प्रत्येक शोध पत्र के लिए ₹5,000.00 मात्र (₹ पाँच हजार मात्र) की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।

प्राध्यापकों को उक्त प्रोत्साहन पुरस्कार हेतु समर्थ पोर्टल पर आवेदन करना होगा, जिस हेतु राज्य सरकार द्वारा समर्थ पोर्टल के माध्यम से वर्ष में दो बार (जनवरी एवं जुलाई) आवेदन आमंत्रित किया जाएगा।

19.उत्तराखण्ड परिवहन निगम द्वारा 100 नई बसें बीएस-06 मॉडल की क्रय किये जाने हेतु कुल धनराशि₹ 34.90 करोड़ वित्तीय संस्थाओं से ऋण लिये जाने एवं उस पर देय ब्याज की धनराशि की प्रतिपूर्ति राज्य सरकार द्वारा अनुदान के रूप में भुगतान किये जाने के सम्बन्ध में लिया गया निर्णय।

उत्तराखण्ड परिवहन निगम द्वारा जनसामान्य को निगम के नियन्त्रणाधीन संचालित बस सेवाओं के माध्यम से आवागमन एवं यात्रा की अति आवश्यक सुविधा प्रदान की जाती है। बी0 एस0 06 डीजल बसों को ही दिल्ली में प्रवेश दिये जाने के निर्देशों के क्रम में उत्तराखण्ड परिवहन निगम की दिल्ली हेतु संचालित 540 बसों के सापेक्ष पर्वतीय क्षेत्र हेतु बीएस-06 मॉडल की 100 नई बसें क्रय किये जाने हेतु कुल धनराशि 34.90 करोड़ के ऋण पर देय ब्याज का भुगतान (पांच वर्ष तक) अनुदान के रूप में दिये जाने की स्वीकृति राज्य सरकार द्वारा प्रदान किये जाने का कैबिनेट ने लिया निर्णय।

20.चिकित्सा शिक्षा विभागान्तर्गत संचालित राजकीय मेडिकल कॉलेजों एवं सम्बद्ध टीचिंग चिकित्सालयों में यूजर चार्जेज की दरों में एकरूपता लाये जाने का निर्णय।

उत्तराखण्ड राज्य में चिकित्सा शिक्षा विभागन्तर्गत वर्तमान में राजकीय मेडिकल कॉलेज, श्रीनगर, देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी एवं अल्मोड़ा संचालित हैं तथा राजकीय मेडिकल कॉलेज, रूद्रपुर तथा पिथौरागढ़ के सम्बद्ध चिकित्सालय भी संचालित किये जा रहे हैं। उक्त मेडिकल कॉलेजों के सम्बद्ध चिकित्सालयों में लिये जाने वाले ओ०पी०डी० दरों, आई०पी०डी० दरों, पंजीकरण शुल्क, बैड चार्जेज एवं एम्बुलेंस, जांच एवं निदान शुल्क / यूजर चार्जेज इत्यादि में एकरूपता लाये जाने के उद्देश्य से वर्तमान में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा संशोधित / निर्धारित यूजर चार्जेज की दरों की भांति किये जाने के संबंध में प्रकरण को मंत्रिमण्डल के निर्णयार्थ प्रस्तुत किया गया, जिस पर मंत्रिमण्डल द्वारा सहमति व्यक्त की गयी है।

21 उत्तराखण्ड विद्यालयी शिक्षा विनियम 2009 के अध्याय-12 की धारा-27 में उभयलिंगी व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) में लिंग परिवर्तन के फलस्वरूप नाम परिवर्तन सम्बन्धी प्रकरणों हेतु कोई प्राविधान नहीं है। लिंग परिवर्तन के पश्चायत शैक्षिक प्रमाण पत्र आदि शैक्षिक अभिलेखों में नाम परिवर्तन विषयक संशोधन सम्बन्धी प्राप्त हो रहे अनुरोधों के निस्तारण हेतु उत्तराखण्ड विद्यालयी शिक्षा विनियम 2009 के अध्याय-12 की धारा-27 में उभयलिंगी व्यक्ति (अधिकारों के संरक्षण) अधिनियम 2019 के अनुसार संशोधन किया जाने का कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।
लिंग परिवर्तन करने के पश्चात् नाम परिवर्तन सम्बन्धी प्रकरणों का निस्तारण उभयलिंगी व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम 2019 की धारा 7 सपठित उभयलिंगी (अधिकारों का संरक्षण) नियमावली 2020 एवं उक्त के सम्बन्ध में भविष्य में इस संबंध में समय-समय पर जारी/संशोधित अन्य नियमावली / शासनादेशों के क्रम में किया जायेगा।

 

22 राज्य में खेल विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु उत्तराखण्ड राज्य क्रीड़ा विश्वविद्यालय विधेयक-2024 को अध्यादेश के रूप में रखे जाने के सम्बन्ध में लिया गया निर्णय।

राज्य में खेल विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु उत्तराखण्ड राज्य क्रीडा विश्वविद्यालय विधेयक-2024 को विधान सभा के पटल पर रखे जान संबंधी कार्यवाही खेल विभाग द्वारा की गयी थी तथा उक्त विधेयक को गैरसैंण में आहूत विधानसभा सत्र में तत्समय रखा भी गया था।

इसी क्रम में उक्त विधेयक पर विधानसभा की सहमति प्राप्त होने के पश्चात् मा० राज्यपाल महोदय का अनुमोदन प्राप्त किये जाने हेतु विधेयक का विधायी एवं संसदीय कार्य विभाग के माध्यम से संदर्भित किया गया था।

राजभवन, देहरादून द्वारा अपने पत्र दिनांक 11 नवम्बर, 2024 को भारत के संविधान के अनुच्छेद-200 के प्रथम परन्तुक में प्रदत्त अधिकार का प्रयोग करत हुये इस विधेयक को राज्य विधानसभा में पुनर्विचार हेतु प्रत्यावर्तित करते हुय पारित मूल प्रस्तावित अधिनियम विधेयक की प्रस्तावित धारा-12 एवं धारा-23 में संशोधन करने हेतु निर्देशित किया गया है, उल्लिखित निर्देशों का अनुपालन करते हुये संशोधित धाराओं को प्रस्तावित्त अध्यादेश में समाहित कर दिया गया है।

प्रकरण की नहत्ता एवं तात्कालिकता तथा वर्तमान में विधानसभा सत्र में न होने के दृष्टिगत उत्तराखण्ड राज्य क्रीड़ा विश्वविद्यालय विधेयक-2024 को अध्यादेश के रूप में लाये जाने के प्रस्ताव पर मा० मंत्रिमण्डल द्वारा सहमति प्रदान की गई हैं।

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