
हरिद्वार, 27 सितंबर 2025। उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा 2025 में कथित नकल और गड़बड़ी के आरोपों की जांच कर रही विशेष अन्वेषण दल (एसआईटी) ने शनिवार को हरिद्वार कलेक्ट्रेट सभागार में एक विशेष जन संवाद बैठक का आयोजन किया।
इस बैठक में जिले के विभिन्न सामाजिक संगठनों, अभ्यर्थियों, अभिभावकों, कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों और आम नागरिकों ने भाग लिया। बैठक का मुख्य उद्देश्य पारदर्शिता बनाए रखना और जनता को जांच की प्रक्रिया से जोड़ना था।
गिरफ्तारी और जांच की जानकारी साझा की
बैठक की शुरुआत में एसआईटी टीम ने अब तक हुई कार्रवाई की विस्तृत जानकारी दी। टीम ने बताया कि प्रारंभिक जांच के दौरान कई संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है और उनसे पूछताछ जारी है। हालांकि, टीम ने साफ किया कि अब तक की जांच में कई पहलुओं पर काम चल रहा है और कुछ बिंदुओं पर अभी गहन पड़ताल बाकी है।
अभ्यर्थियों की आशंकाओं का समाधान
कई अभ्यर्थियों और अभिभावकों ने इस मौके पर अपनी शंकाएं और आशंकाएं सामने रखीं। अभ्यर्थियों का कहना था कि यदि परीक्षा में नकल या लीक का मामला सिद्ध होता है तो इससे मेहनती और ईमानदार छात्रों का भविष्य प्रभावित होगा।
एसआईटी ने भरोसा दिलाया कि जांच निष्पक्ष और साक्ष्यों के आधार पर की जा रही है। टीम ने कहा कि किसी भी निर्दोष अभ्यर्थी को नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।
कोई नया साक्ष्य प्रस्तुत नहीं
बैठक में उपस्थित अभ्यर्थियों, अभिभावकों या संस्थानों की ओर से कोई ठोस नया साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया। एसआईटी ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति के पास परीक्षा में धांधली से संबंधित कोई तथ्य, दस्तावेज़, इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य या अन्य प्रमाण हों, तो उन्हें साझा किया जाए।
हेल्पलाइन नंबर जारी
जांच को और प्रभावी बनाने के लिए एसआईटी ने एक हेल्पलाइन नंबर 9027083022 भी जारी किया। टीम ने कहा कि कोई भी व्यक्ति इस नंबर पर कॉल या संदेश के माध्यम से जानकारी साझा कर सकता है। साथ ही, गोपनीयता बनाए रखने का भी आश्वासन दिया गया।
टीम का कहना है कि जनता की भागीदारी से ही जांच की दिशा और अधिक सटीक हो सकेगी।
बैठक में मौजूद अधिकारी
इस संवाद बैठक में एसआईटी टीम के सदस्य डिप्टी एसपी अंकित कंडारी, निरीक्षक लक्ष्मण सिंह नेगी, सब-इंस्पेक्टर गिरीश नेगी, सब-इंस्पेक्टर राजेश ध्यानी, कोऑर्डिनेटर एसपी देहात शेखर सुयाल, अपर जिलाधिकारी दीपेंद्र सिंह नेगी समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
पृष्ठभूमि: क्यों बढ़ा विवाद
उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा 2025 में कथित नकल और पेपर लीक के आरोपों ने अभ्यर्थियों के बीच आक्रोश पैदा कर दिया है। आरोप है कि परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र लीक हुआ और कुछ उम्मीदवारों को अनुचित लाभ मिला।
इससे पहले भी राज्य में यूकेएसएसएससी की परीक्षाओं में गड़बड़ी के मामले सामने आए थे। वर्ष 2022-23 में हुए भर्ती घोटाले के बाद आयोग की साख पर सवाल उठे थे। इसी कारण इस बार सरकार ने शुरुआत से ही सख्त कार्रवाई और एसआईटी जांच का फैसला किया।
सरकार का रुख
राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि परीक्षा प्रक्रिया की पारदर्शिता से कोई समझौता नहीं होगा। मुख्यमंत्री कार्यालय से भी संदेश दिया गया है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वे किसी भी स्तर पर क्यों न हों। सरकार ने कहा कि यदि गड़बड़ी साबित होती है तो परीक्षा निरस्त करने और दोबारा कराने पर भी विचार किया जा सकता है।
अभ्यर्थियों की प्रतिक्रिया
बैठक में आए कई अभ्यर्थियों ने कहा कि एसआईटी की पहल से उन्हें भरोसा मिला है कि जांच सिर्फ कागजों तक सीमित नहीं रहेगी। एक अभ्यर्थी ने कहा, “हमने मेहनत से तैयारी की है। अगर किसी ने नकल करके फायदा उठाया तो यह हमारी मेहनत पर चोट होगी। उम्मीद है कि एसआईटी दोषियों तक पहुंचेगी।”
अभिभावकों का कहना था कि बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
विशेषज्ञों की राय
शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि बार-बार भर्ती परीक्षाओं पर सवाल उठना राज्य की साख को नुकसान पहुंचा सकता है। परीक्षाओं की निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करना जरूरी है ताकि युवाओं में विश्वास बना रहे। उनका कहना है कि डिजिटल निगरानी, सीसीटीवी, बायोमेट्रिक उपस्थिति और कड़े सुरक्षा प्रोटोकॉल से भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है।
हरिद्वार में आयोजित एसआईटी की जन संवाद बैठक ने साफ कर दिया है कि जांच एजेंसी जनता और अभ्यर्थियों के साथ सीधे संवाद कर मामले की गहराई तक पहुंचना चाहती है।
भले ही बैठक में कोई नया साक्ष्य सामने नहीं आया, लेकिन हेल्पलाइन नंबर जारी करने से लोगों को अपनी बात कहने का मंच मिला है।
अब सभी की निगाहें एसआईटी की आगे की कार्रवाई और सरकार के फैसले पर टिकी हैं। अभ्यर्थी चाहते हैं कि दोषियों को सख्त सजा मिले और भविष्य में किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में गड़बड़ी की गुंजाइश न बचे।