
अल्मोड़ा/चमोली/चम्पावत/उधमसिंह नगर : उत्तराखंड के पारंपरिक पर्यावरण पर्व हरेला के अवसर पर मनोरमा डबराल जन कल्याण समिति ने आज चार जिलों — अल्मोड़ा, चमोली, चम्पावत और उधमसिंह नगर — में वृहद स्तर पर वृक्षारोपण अभियान चलाया। यह कार्यक्रम “एक पेड़ माँ के नाम” तथा “हरेला का त्योहार मनाओ, धरती माँ का ऋण चुकाओ” जैसे प्रेरणास्पद अभियानों के तहत आयोजित किया गया।
इस अभियान में संस्था के पदाधिकारियों, ग्रामवासियों, स्कूलों के छात्र-छात्राओं, स्वयंसेवकों और पर्यावरण प्रेमियों ने सक्रिय भागीदारी निभाई और हजारों की संख्या में पौधों का रोपण किया। कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल हरियाली बढ़ाना था, बल्कि समाज में पर्यावरण संरक्षण के प्रति चेतना और जिम्मेदारी का भाव जगाना भी था।
संस्था के प्रतिनिधि श्री संदीप चहर ने इस मौके पर कहा,
“आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देशभर में पर्यावरण संरक्षण के लिए जो संकल्प लिए जा रहे हैं, उन्हीं को सशक्त करने के उद्देश्य से हमने यह संकल्प लिया है कि हरेला को केवल पर्व नहीं, बल्कि हर वर्ष एक जनआंदोलन के रूप में मनाया जाएगा। हम चाहते हैं कि हमारी आने वाली पीढ़ी को एक स्वच्छ, सुरक्षित और हरा-भरा उत्तराखंड मिले।”
संस्था ने यह भी सुनिश्चित किया है कि केवल पौधारोपण तक ही सीमित न रहकर, हर एक पौधे के संरक्षण और पालन-पोषण की जिम्मेदारी भी उठाई जाएगी, ताकि वृक्ष भविष्य में छाया, ऑक्सीजन और जीवन दे सकें।
इस शुभ अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी राज्यव्यापी पौधारोपण कार्यक्रम में भाग लिया और “धरती माँ का ऋण चुकाने” की थीम पर सभी प्रदेशवासियों को हरेला पर्व की शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पर्व प्रकृति के प्रति आभार और संरक्षण का संकल्प दोहराने का प्रतीक है।
हरेला केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए लिया गया हरियाली का वचन है। आइए, इस हरेला पर्व पर हम सब मिलकर एक पौधा लगाएं, माँ के नाम — और धरती माँ का ऋण थोड़ा-थोड़ा चुकाएं।