
देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार दोपहर सचिवालय से सीधे आईएसबीटी देहरादून पहुँचकर वहां की व्यवस्थाओं का औचक निरीक्षण किया। बिना किसी पूर्व सूचना के हुए इस दौरे ने प्रशासनिक अधिकारियों में हलचल मचा दी। मुख्यमंत्री ने परिसर की सफाई, परिवहन व्यवस्था, यात्रियों की सुविधाओं और संचालन तंत्र का करीब से जायजा लिया।
निरीक्षण के दौरान जैसे ही मुख्यमंत्री की नजर आईएसबीटी परिसर में फैली गंदगी और कचरे पर पड़ी, उन्होंने कड़ी नाराजगी जताई। कई जगहों पर बदहाल स्थिति देख उन्होंने अधिकारियों को सख्त लहजे में फटकार लगाई और स्पष्ट कहा कि ऐसे महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्थल पर स्वच्छता में लापरवाही किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं की जाएगी।
स्थिति देखकर मुख्यमंत्री खुद झाड़ू उठाकर सफाई करने लगे। उनके हाथों में झाड़ू देखते ही वहां मौजूद अधिकारी और कर्मचारी सकते में आ गए। सीएम ने कहा कि—
“स्वच्छता अभियान कागजों पर नहीं, जमीन पर दिखना चाहिए। जनता की सुविधा सर्वोपरि है।”
एमडीडीए व परिवहन विभाग को सख्त निर्देश — स्वच्छता व्यवस्था बहाल करने की तय समय सीमा
मुख्यमंत्री धामी ने निरीक्षण के दौरान परिवहन विभाग और मसूरी–देहरादून विकास प्राधिकरण (MDDA) के अधिकारियों को कठोर निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आईएसबीटी परिसर की दैनिक और व्यवस्थित साफ-सफाई,
कचरा निस्तारण,
शौचालयों की स्वच्छता,
पेयजल व्यवस्था,
और यात्री सुविधा केंद्रों का बेहतर रखरखाव बिना किसी चूक के सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने एमडीडीए के उपाध्यक्ष श्री बंशीधर तिवारी को विशेष रूप से निर्देशित करते हुए कहा कि—
“आईएसबीटी सुधार के लिए प्रभावी कार्ययोजना तुरंत तैयार कर लागू की जाए। हर परिवर्तन जनता को दिखना चाहिए, न कि सिर्फ फ़ाइलों में।”
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि परिसर में स्वच्छता आधारित सूचना-पट लगाए जाएँ तथा यात्रियों को साफ-सुथरा, धूल व प्रदूषण रहित वातावरण उपलब्ध कराने हेतु स्थायी व्यवस्था की जाए।
पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए आईएसबीटी की भूमिका महत्वपूर्ण—सीएम
निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने बस संचालन व्यवस्था, टिकट काउंटरों की कार्यप्रणाली, सुरक्षा व्यवस्था, दुकानों की स्थिति, प्रतीक्षालयों की सुविधा, पेयजल की उपलब्धता और शौचालयों की स्वच्छता का विस्तार से निरीक्षण किया।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड हर वर्ष करोड़ों पर्यटकों, तीर्थयात्रियों और पर्वतारोहण प्रेमियों की मेजबानी करता है।
ऐसे में परिवहन केंद्रों, बस अड्डों और रेलवे स्टेशनों पर उच्च स्तरीय स्वच्छता और यात्री सुविधाएँ राज्य के सम्मान और छवि से जुड़ा मामला हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा—
“उत्तराखंड में आने वाला हर पर्यटक हमारा अतिथि है। उसकी यात्रा सुगम और सुरक्षित बनाना हमारी नैतिक और प्रशासनिक जिम्मेदारी है।”
सीधे यात्रियों से लिया फीडबैक, बोले—“जनता की बात ही असली रिपोर्ट है”
निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री धामी कई यात्रियों से सहज बातचीत करते दिखाई दिए। उन्होंने लोगों से यात्रा के दौरान आने वाली दिक्कतों, आईएसबीटी की सुविधाओं, बस समय-सारणी, भीड़ प्रबंधन और स्वच्छता से जुड़े मुद्दों पर सुझाव मांगे।
सीएम ने कहा—“यात्रियों के सुझाव हमारी व्यवस्था सुधारने का वास्तविक आधार हैं। जनता से मिली जानकारी ही किसी भी सिस्टम की असली ग्राउंड रिपोर्ट होती है।”
यात्रियों ने मुख्यमंत्री से शौचालयों की सफाई, बस समय-सारणी में सुधार, डिजिटल टिकटिंग की सुविधा और प्रतीक्षालयों में बैठने की बेहतर व्यवस्था की मांग रखी। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि सभी सुझावों को गंभीरता से शामिल किया जाएगा।
जल्द शुरू होगा प्रदेशव्यापी स्वच्छता अभियान
मुख्यमंत्री धामी ने निरीक्षण के दौरान यह भी घोषणा की कि राज्य सरकार जल्द ही पूरे प्रदेश में जनसहभागिता आधारित व्यापक स्वच्छता अभियान शुरू करने जा रही है। यह अभियान सार्वजनिक स्थलों, परिवहन केंद्रों, धार्मिक स्थलों और पर्यटन स्थलों पर विशेष फोकस के साथ संचालित किया जाएगा।
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि यह अभियान केवल सरकारी प्रयासों पर आधारित नहीं होगा, बल्कि समाज, युवाओं और स्थानीय नागरिकों की सक्रिय भागीदारी से इसे बड़े स्वरूप में लागू किया जाएगा।
“अगली बार सभी व्यवस्थाएँ दुरुस्त मिलनी चाहिए, नहीं तो कार्रवाई तय”—मुख्यमंत्री
निरीक्षण के अंत में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को अंतिम चेतावनी देते हुए कहा कि—
“अगली बार जब मैं आऊँगा, आईएसबीटी की सभी व्यवस्थाएँ पूरी तरह दुरुस्त दिखनी चाहिए। लापरवाही मिली तो जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होगी।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता और व्यवस्था केवल कागज़ी रिपोर्टों से नहीं, बल्कि वास्तविक काम और जनता के अनुभव से साबित होती है। इसलिए हर विभाग को अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभानी होगी।
वरिष्ठ अधिकारी रहे उपस्थित
औचक निरीक्षण के दौरान परिवहन विभाग, एमडीडीए और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। मुख्यमंत्री के अचानक पहुँचने से सभी इकाइयों को व्यवस्थाओं की वास्तविक स्थिति की समीक्षा करने का अवसर भी मिला।



