
रुद्रप्रयाग, 1 नवम्बर (सू. ब्यूरो): उत्तराखंड के पारंपरिक लोकपर्व इगास-बग्वाल के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को रुद्रप्रयाग ज़िले के वसुकेदार तहसील अंतर्गत ग्राम भौंर पहुँचे। यह वही क्षेत्र है जो हाल ही में भयंकर प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हुआ था। मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर उनकी स्थिति जानी, राहत एवं पुनर्वास कार्यों की प्रगति की समीक्षा की और कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आपदा में जान गंवाने वाले कुलदीप सिंह नेगी (वन श्रमिक) और सते सिंह के परिजनों को आर्थिक सहायता के रूप में पांच-पांच लाख रुपये के चेक प्रदान किए। उन्होंने प्रभावित परिवारों के साथ भोजन भी साझा किया और कहा कि “राज्य सरकार हर संकट की घड़ी में अपने नागरिकों के साथ मजबूती से खड़ी है। किसी भी पीड़ित को अकेला महसूस नहीं होने दिया जाएगा।”
आपदा प्रभावित क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण, त्वरित पुनर्निर्माण के निर्देश
मुख्यमंत्री धामी ने भौंर क्षेत्र में आपदा से हुई क्षति का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिए कि राहत वितरण और पुनर्निर्माण कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर जल्द पूरा किया जाए।
उन्होंने कहा कि आपदा के बाद सड़क, पेयजल, बिजली और संचार जैसी बुनियादी संरचनाओं की बहाली सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
“हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रभावित परिवार जल्द से जल्द अपने सामान्य जीवन में लौट सकें,” मुख्यमंत्री धामी ने कहा।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि सभी विभाग आपसी समन्वय बनाकर कार्य करें और राहत सामग्री वितरण में पारदर्शिता एवं संवेदनशीलता बरतें।
मुख्यमंत्री की घोषणाएँ — हेलीपैड, सड़क, आंगनवाड़ी और पुनर्वास कार्य
मुख्यमंत्री ने क्षेत्र के सर्वांगीण विकास और आपदा प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं —
- स्थायी हेलीपैड का निर्माण: आपात स्थितियों में त्वरित राहत और बचाव कार्यों को सुदृढ़ करने के लिए भौंर क्षेत्र में स्थायी हेलीपैड बनाया जाएगा।
- आंगनवाड़ी केंद्र की स्थापना: ग्राम भौंर में आंगनवाड़ी केंद्र का निर्माण किया जाएगा ताकि महिलाओं और बच्चों को बुनियादी सुविधाएं मिल सकें।
- मोटर सड़क का निर्माण: मुख्यमंत्री ने गांव तक दोपहिया वाहनों की आवाजाही सुनिश्चित करने हेतु एक करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत करने की घोषणा की।
- छेनागाड़ बाजार का पुनर्जीवन: आपदा से प्रभावित छेनागाड़ बाजार को फिर से सक्रिय बनाने के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाएगी।
- वाहन क्षति और विस्थापन पर मुआवज़ा: जिन परिवारों के वाहन आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त हुए या आवास नष्ट हुए हैं, उन्हें मुआवजा और पुनर्वास सहायता दी जाएगी।
“आपदा प्रबंधन को सशक्त बनाना सरकार की प्राथमिकता”
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड एक आपदा-संवेदनशील राज्य है और इसलिए राज्य सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में आपदा प्रबंधन को सशक्त और प्रभावी बनाने की दिशा में कई ठोस कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में अब राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष के तहत विशेष प्रावधान किए गए हैं।
“हर संकट हमें और मजबूत बनाता है। सरकार की कोशिश है कि हर आपदा प्रभावित परिवार को न केवल तत्काल सहायता मिले बल्कि भविष्य के लिए सुरक्षित पुनर्वास भी सुनिश्चित हो,” – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी।
मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावित क्षेत्र के लोगों से अपील की कि वे संयम बनाए रखें और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि राहत सामग्री वितरण से लेकर पुनर्निर्माण कार्य तक हर गतिविधि का दैनिक समीक्षा रिपोर्ट तैयार की जाए।
ग्रामीणों के बीच पहुंचे मुख्यमंत्री, साझा किया भोजन
लोकपर्व इगास के मौके पर मुख्यमंत्री ने भौंर गांव में स्थानीय ग्रामीणों के साथ भोजन किया। उन्होंने इस अवसर को “जनसंवाद और संवेदना का क्षण” बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वों का असली अर्थ तभी सार्थक होता है जब हम समाज के हर वर्ग के साथ खड़े रहें। उन्होंने प्रभावित परिवारों को भरोसा दिलाया कि “सरकार आपके साथ है, आपके घरों और जीवन के पुनर्निर्माण में हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।”
जनता का आभार और आत्मीय स्वागत
मुख्यमंत्री के आगमन पर ग्रामीणों ने पारंपरिक वाद्ययंत्रों और मालाओं से उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। लोगों ने सरकार द्वारा अब तक किए गए राहत कार्यों के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया और उम्मीद जताई कि पुनर्निर्माण के वादे जल्द पूरे होंगे।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि जनता का सहयोग ही सरकार की सबसे बड़ी ताकत है —
“आपके विश्वास से ही हम कठिन परिस्थितियों को पार कर पाते हैं। उत्तराखंड की जनता में जो साहस और धैर्य है, वही इस राज्य की असली पूंजी है।”
प्रशासनिक और जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति
मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान विधायक रुद्रप्रयाग भरत चौधरी, जिलाधिकारी प्रतीक जैन, मुख्य विकास अधिकारी राजेंद्र सिंह रावत, अपर जिलाधिकारी श्याम सिंह राणा, पुलिस उपाधीक्षक प्रबोध घिल्डियाल, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार, और लोक निर्माण, पेयजल निगम, आपदा प्रबंधन एवं अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
इस मौके पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर क्षेत्र में दीर्घकालिक विकास योजनाओं की मांग भी रखी।
भविष्य की दिशा — पुनर्निर्माण से विकास तक
कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि रुद्रप्रयाग के आपदा प्रभावित क्षेत्र केवल पुनर्निर्माण का प्रतीक नहीं, बल्कि साहस, एकता और पुनर्जीवन की मिसाल बनेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ऐसे हर क्षेत्र को आत्मनिर्भर और आपदा-प्रतिरोधी बनाने की दिशा में लगातार प्रयास कर रही है। “उत्तराखंड के लोग जितनी तेजी से आपदाओं से उबरते हैं, वह पूरे देश के लिए प्रेरणास्रोत है। यह हमारी सामूहिक भावना की जीत है,” – मुख्यमंत्री धामी।



