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Uttarakhand: जागेश्वर धाम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की पूजा-अर्चना, प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि के लिए मांगी मंगलकामना

“जागेश्वर धाम उत्तराखंड की आत्मा है, यहां की आध्यात्मिक ऊर्जा से ही हमारी संस्कृति जीवंत है” — मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

अल्मोड़ा: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को पौराणिक और सिद्ध तीर्थस्थल जागेश्वर धाम मंदिर में विधिवत पूजा-अर्चना की। इस दौरान उन्होंने प्रदेशवासियों की सुख, शांति और समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री ने भगवान जागनाथ (भगवान शिव) से राज्य के निरंतर विकास, आपसी सद्भाव और जनकल्याण की प्रार्थना करते हुए कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति, अध्यात्म और लोक परंपराएं हमारी असली पहचान हैं, जिन्हें सशक्त बनाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

जागेश्वर धाम में मुख्यमंत्री का आगमन अत्यंत श्रद्धा और उल्लास के माहौल में हुआ। मंदिर परिसर में पुजारियों और स्थानीय श्रद्धालुओं ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच उनका स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने रुद्राभिषेक और विशेष पूजा में भाग लेते हुए भगवान शिव से प्रदेश की समृद्धि और जनता के कल्याण के लिए आशीर्वाद मांगा।


“उत्तराखंड की आत्मा है जागेश्वर धाम” — सीएम धामी

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि “जागेश्वर धाम केवल एक मंदिर नहीं, बल्कि उत्तराखंड की आत्मा है। यहां आकर अद्भुत शांति और ऊर्जा का अनुभव होता है। यह स्थल हमारी सनातन संस्कृति, अध्यात्म और लोक आस्था का संगम है।”
उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड के हर कोने में अध्यात्म और प्रकृति का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। राज्य सरकार का प्रयास है कि इन स्थलों के विकास के साथ-साथ उनकी मूल आध्यात्मिक पहचान भी बनी रहे।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार प्रदेश के धार्मिक पर्यटन को केवल आस्था तक सीमित नहीं रख रही, बल्कि इसे स्थानीय अर्थव्यवस्था, रोजगार और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास से भी जोड़ रही है। “हमारा लक्ष्य है कि हर देवस्थल न केवल श्रद्धा का केंद्र बने, बल्कि युवाओं को स्वरोजगार और पर्यटन से जुड़ी संभावनाएं भी प्रदान करे,” उन्होंने कहा।


धार्मिक पर्यटन को सशक्त बनाने पर मुख्यमंत्री का जोर

पूजन-अर्चन के बाद मुख्यमंत्री धामी ने मंदिर परिसर में मौजूद स्थानीय पुजारियों, व्यापारियों और अधिकारियों के साथ संवाद किया। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों की गरिमा और सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए वहां तक पहुँचने के मार्ग, आवास सुविधाओं, साफ-सफाई, शौचालय, जलापूर्ति और प्रकाश व्यवस्था जैसी आधारभूत संरचनाओं को मजबूत किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जागेश्वर धाम समेत समूचे कुमाऊं मंडल के धार्मिक व ऐतिहासिक स्थलों पर “तीर्थाटन के साथ-साथ ईको-टूरिज्म और होम-स्टे” मॉडल को बढ़ावा दिया जाए, ताकि स्थानीय युवाओं को सीधे रोजगार और स्वरोजगार के अवसर मिलें।


‘देवस्थानम’ से ‘डेवलपमेंट हब’ तक — बदलता उत्तराखंड

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘स्पिरिचुअल टूरिज्म को विकास का इंजन बनाने’ के दृष्टिकोण के अनुरूप राज्य सरकार देवस्थलों को आधुनिक सुविधाओं से लैस कर रही है। केदारनाथ, बदरीनाथ, तुंगनाथ, हेमकुंड साहिब से लेकर जागेश्वर धाम तक इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के कई प्रोजेक्ट तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि “आज उत्तराखंड केवल तीर्थाटन का केंद्र नहीं रहा, बल्कि यहां आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक दोनों ही प्रकृति, संस्कृति और साहसिक पर्यटन के समन्वय का अनुभव करते हैं। यह परिवर्तन उत्तराखंड की आर्थिक प्रगति और युवाओं के उज्जवल भविष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है।”

मुख्यमंत्री ने यह भी जोड़ा कि जागेश्वर धाम जैसे प्राचीन धार्मिक स्थलों का संरक्षण केवल सरकार का नहीं, बल्कि समाज का भी दायित्व है। उन्होंने स्थानीय लोगों से अपील की कि वे इस पवित्र धाम की स्वच्छता और आध्यात्मिक गरिमा बनाए रखने में सहयोग करें।


स्थानीय समुदाय के साथ आत्मीय संवाद

अपने दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ने मंदिर प्रबंधन समिति, पुलिस प्रशासन, जिला अधिकारियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी मुलाकात की। उन्होंने पर्यटन सत्र के दौरान श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए सुविधाओं के विस्तार और यातायात प्रबंधन पर जोर दिया।

स्थानीय नागरिकों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा, “सरकार का संकल्प है कि सीमांत से लेकर मैदानी क्षेत्रों तक विकास की समान धारा बहे। हर गांव, हर मंदिर और हर परिवार विकास की यात्रा का हिस्सा बने।”

मुख्यमंत्री ने क्षेत्र के युवाओं से संवाद करते हुए कहा कि राज्य सरकार ‘युवा स्टार्टअप योजना’ और ‘होमस्टे नीति’ के माध्यम से युवाओं को अपने गांव में ही आत्मनिर्भर बनने के अवसर प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि पर्यटन और संस्कृति से जुड़ी योजनाओं में युवाओं की भागीदारी बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता है।


“आस्था, पर्यावरण और विकास — यही हमारी दिशा है”

जागेश्वर धाम में पूजा-अर्चना के बाद मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सरकार धार्मिक आस्था और पर्यावरणीय संतुलन के बीच सामंजस्य बनाकर आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि चारधाम परियोजना, केदारनाथ पुनर्निर्माण और अब जागेश्वर, गंगोत्री और यमुनोत्री जैसे स्थलों के विकास कार्य इस बात के प्रमाण हैं कि उत्तराखंड ‘आस्था और विकास’ दोनों को समान प्राथमिकता देता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि “हमारा उद्देश्य है कि उत्तराखंड का हर धाम स्वच्छ, सुरक्षित और सुविधायुक्त बने। यह केवल पर्यटन नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति की पुनर्स्थापना का अभियान है।”


स्थानीय लोगों में उमंग और गर्व का माहौल

मुख्यमंत्री के इस दौरे से जागेश्वर धाम और आसपास के क्षेत्रों में उत्साह का माहौल देखा गया। श्रद्धालुओं और स्थानीय नागरिकों ने कहा कि मुख्यमंत्री का यह दौरा न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि इससे क्षेत्र के विकास और धार्मिक पर्यटन को नई दिशा मिलेगी।

अल्मोड़ा निवासी राधा जोशी ने कहा, “मुख्यमंत्री का यहां आना हमारे लिए गर्व की बात है। उन्होंने न केवल पूजा की, बल्कि यहां की समस्याओं को भी सुना — इससे हमें उम्मीद मिली है।”


संक्षेप में कहा जाए तो, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का यह दौरा केवल पूजा-अर्चना का आयोजन नहीं, बल्कि उत्तराखंड की आध्यात्मिक विरासत और विकासशील दृष्टिकोण का सशक्त संगम साबित हुआ है।

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