
खटीमा (उत्तराखंड): मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को अपने निजी आवास नगला तराई, खटीमा से 09 मोबाइल मेडिकल यूनिट (एम्बुलेंस) को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इनमें से 08 मोबाइल यूनिट ‘हंस फाउंडेशन’ देहरादून के सहयोग से और 1 मोबाइल यूनिट हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड व ममता संगठन के संयुक्त सौजन्य से प्रदत्त की गई है।
मुख्यमंत्री धामी ने इस अवसर पर कहा कि इन मोबाइल यूनिट्स की शुरुआत राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि मोबाइल स्वास्थ्य सेवा राज्य के दूरस्थ ग्रामीण इलाकों के लिए ‘चलता-फिरता अस्पताल’ साबित होगी। इससे वे लोग भी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ ले सकेंगे जो अब तक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक नहीं पहुँच पाते थे।
“स्वस्थ उत्तराखंड, समृद्ध उत्तराखंड” की दिशा में कदम
मुख्यमंत्री ने कहा,
“हंस फाउंडेशन और हिन्दुस्तान जिंक जैसी संस्थाओं के सहयोग से स्वास्थ्य सुविधाएँ गाँव-गाँव तक पहुँचना अब संभव हो रहा है। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि उत्तराखंड का कोई भी नागरिक इलाज से वंचित न रहे। मोबाइल मेडिकल यूनिट्स न केवल आपात स्थिति में मददगार होंगी बल्कि नियमित जांच, परामर्श और दवा वितरण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगी।”
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार निजी क्षेत्र के साथ मिलकर जनसेवा आधारित मॉडल पर कार्य कर रही है, जिससे सरकारी योजनाओं का लाभ तेजी से जनता तक पहुँच सके।
मोबाइल मेडिकल यूनिट्स का संचालन और कार्यक्षेत्र
हंस फाउंडेशन के प्रोजेक्ट मैनेजर युद्धवीर सिंह ने बताया कि फाउंडेशन द्वारा दी गई 08 मोबाइल मेडिकल यूनिट्स में से
- 04 यूनिट ऊधम सिंह नगर जनपद में, और
- 04 यूनिट नैनीताल जनपद में संचालित होंगी।
इन यूनिट्स में डॉक्टर, स्टाफ नर्स, लैब टेक्नीशियन और काउंसलर तैनात रहेंगे, जो गाँव-गाँव जाकर रोगियों की जांच, परामर्श और इलाज करेंगे।
वहीं हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड की निदेशक अनामिका झा ने बताया कि कंपनी और ममता संगठन के संयुक्त प्रयास से राजस्थान के 04 जनपदों के साथ-साथ उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर के गदरपुर एवं किच्छा क्षेत्र के 25 गाँवों में यह सचल चिकित्सा सेवा शुरू की गई है। इसमें नियमित स्वास्थ्य जांच के साथ पोषण और महिला स्वास्थ्य पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।
ग्रामीण और सीमांत क्षेत्रों को विशेष लाभ
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है कि पर्वतीय और सीमांत गाँवों में रहने वाले लोग बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं से जुड़ सकें। उन्होंने कहा,
“मोबाइल मेडिकल यूनिट्स का यह नेटवर्क उत्तराखंड के स्वास्थ्य तंत्र को नई दिशा देगा। इससे न केवल बीमारियों की शुरुआती पहचान हो सकेगी, बल्कि लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी।”
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार टेलीमेडिसिन, स्वास्थ्य जांच शिविर और जनजागरूकता अभियानों को भी इन यूनिट्स से जोड़ने पर विचार कर रही है ताकि सेवाएँ और अधिक प्रभावी बन सकें।
कार्यक्रम में प्रमुख जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष अजय मौर्य, नगर पालिका अध्यक्ष रमेश चंद्र जोशी, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा, हिन्दुस्तान जिंक के अधिकारीगण, और बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि व नागरिक उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने सभी उपस्थित लोगों को आगामी दीपावली एवं पर्वों की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि राज्य में स्वास्थ्य, सौहार्द और स्वच्छता बनाए रखना हर नागरिक की जिम्मेदारी है। कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने यह भी दोहराया कि राज्य सरकार केंद्र और निजी संस्थानों के सहयोग से ‘स्वस्थ उत्तराखंड, समृद्ध उत्तराखंड’ के संकल्प को पूरा करने के लिए लगातार कार्यरत है।