
पेपर लीक मामले में किसी भी स्तर पर अफसर की संलिप्तता ना मिलने के बाद आखिरकार उत्तराखंड शासन को बैकफुट पर आना पड़ा . दरअसल उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के तत्कालीन सचिव संतोष बडोनी को शासन ने करीब 2 साल पहले निलंबित किया था. लेकिन इतने लंबे अंतराल के बावजूद उन पर कोई भी आरोप तय नहीं किया जा सका है.
हैरानी की बात यह है कि बिना चार्जशीट के ही उन्हें लंबे समय तक निलंबित रखा गया. जिसके बाद आखिरकार सचिवालय प्रशासन विभाग को निलंबन वापस लेना पड़ा है. उत्तराखंड में बिना आरोप पत्र के ही 2 साल से निलंबित चल रहे अफसर को आखिरकार बहाल कर दिया गया है. हैरानी की बात यह है कि विभिन्न जांच के दौरान इन्हें पहले ही क्लीन चिट मिल चुकी है. लेकिन बावजूद इनके निलंबन वापस लेने में 2 साल से भी ज्यादा का वक्त लगा दिया गया.
सचिवालय प्रशासन विभाग ने इस संदर्भ में बहाली का आदेश जारी करते हुए निलंबन अवधि के सभी वेतन भत्ते उन्हें दिए जाने के निर्देश दिए हैं. उत्तराखंड सचिवालय प्रशासन ने बहाली का आदेश जारी किया गया है. हालांकि, अभी उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है. संतोष बडोनी ज्वाइंट सेक्रेटरी स्तर के अधिकारी हैं.
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