
देहरादून, 12 नवंबर। उत्तराखंड की राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष (25 वर्ष) के विशेष अवसर पर बुधवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य सरकार ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए प्रेरणादायी मार्गदर्शन के लिए गहरा आभार व्यक्त किया।
कैबिनेट की ओर से पारित प्रस्ताव में कहा गया कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री द्वारा राज्य स्थापना दिवस पर दिए गए संदेशों ने प्रदेश सरकार और जनता दोनों में नई ऊर्जा और संकल्प का संचार किया है।
“राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के प्रेरक मार्गदर्शन से उत्तराखंड राज्य को सतत विकास, लोक कल्याण और नवाचार के पथ पर आगे बढ़ाने की दिशा में हमारा संकल्प और सुदृढ़ हुआ है,”
ऐसा वक्तव्य बैठक के प्रस्ताव में दर्ज किया गया।
मंत्रिमंडल ने यह विश्वास भी व्यक्त किया कि रजत जयंती वर्ष में मिले इन प्रेरक संदेशों से प्रदेश गठन के मूल उद्देश्यों — विकास, सुशासन और जनसहभागिता — की दिशा में राज्य और अधिक तीव्र गति से आगे बढ़ेगा।
जनता व कर्मचारियों के सहयोग का आह्वान
कैबिनेट ने सभी कर्मचारियों, अधिकारियों और नागरिकों से राज्य के विकास में सक्रिय सहयोग देने का आह्वान किया। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि रजत जयंती वर्ष को “जनसहभागिता वर्ष” के रूप में मनाया जाएगा, जिसमें प्रत्येक विभाग अपने-अपने क्षेत्र में उत्तराखंड की उपलब्धियों, योजनाओं और नवाचारों को जनता से साझा करेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर कहा कि राज्य स्थापना के 25 वर्ष किसी भी राज्य के लिए आत्ममंथन, मूल्यांकन और नवसंकल्प का अवसर होते हैं।
“यह रजत जयंती वर्ष हमें यह सोचने का अवसर देता है कि हमने अब तक क्या हासिल किया और आगे की दिशा क्या होगी। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत 2047’ के विज़न को साकार करने के लिए ‘विकसित उत्तराखंड 2037’ हमारा लक्ष्य है,”
मुख्यमंत्री ने कहा।
राज्य निर्माण के 25 वर्षों की उपलब्धियाँ
बैठक में बीते ढाई दशकों में उत्तराखंड द्वारा हासिल की गई उपलब्धियों पर भी चर्चा हुई। कैबिनेट के सदस्यों ने बताया कि राज्य ने पर्वतीय भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, सड़क निर्माण, ऊर्जा, जल संरक्षण और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है।
राज्य सरकार ने पिछले तीन वर्षों में “डबल इंजन सरकार” के मॉडल को जमीनी स्तर पर सशक्त बनाने पर बल दिया है।
- मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, होमस्टे योजना, महिला स्वयं सहायता समूहों को आर्थिक सहायता, “सरलीकरण, समाधान, निस्तारण, संतोष” कार्यक्रम,
- निवेशक सम्मेलन (ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023) जैसे प्रयासों को प्रदेश के विकास में मील का पत्थर बताया गया।
बैठक में मंत्रिमंडल ने कहा कि उत्तराखंड आज न केवल पर्यटन और तीर्थाटन का केंद्र है, बल्कि ग्रीन एनर्जी और हाइड्रो पावर के क्षेत्र में भी तेजी से उभरता राज्य बन रहा है।
नवाचार और सतत विकास की दिशा में प्रतिबद्धता
बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया कि राज्य सरकार आने वाले वर्षों में सस्टेनेबल डेवलपमेंट मॉडल को अपनाएगी, जिसमें प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण, पर्यावरणीय संतुलन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
कैबिनेट ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिए गए “स्पिरिट ऑफ उत्तराखंड” के संदेश — संवेदना, समर्पण और संकल्प — को शासन के हर स्तर पर अपनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतीय राज्य की सबसे बड़ी ताकत उसका जनसहयोग और पारदर्शिता है, जिसे बनाए रखना सरकार की प्राथमिकता है।
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के संदेश बने प्रेरणा स्रोत
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राज्य स्थापना दिवस पर अपने संदेश में उत्तराखंड को “पर्यावरण संरक्षण और आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक राज्य” बताया था। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संदेश में कहा था कि “उत्तराखंड आने वाले वर्षों में देश के विकास का प्रेरक इंजन बनेगा।”
कैबिनेट ने दोनों नेताओं के इन विचारों को राज्य के लिए मार्गदर्शक बताया और कहा कि इनसे प्रेरणा लेकर प्रदेश सरकार नीति और प्रशासन के स्तर पर सुधारों को और गति देगी।
धामी सरकार का विज़न: “विकसित उत्तराखंड 2037”
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार “विकसित उत्तराखंड 2037” के विज़न दस्तावेज़ पर काम कर रही है, जो आने वाले 12 वर्षों के लिए विकास की दिशा तय करेगा। इस रोडमैप में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, डिजिटल गवर्नेंस, स्टार्टअप इकोसिस्टम, महिला सशक्तिकरण, ग्रामीण आजीविका और हरित ऊर्जा को प्रमुख क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया गया है।
धामी ने कहा कि सरकार का उद्देश्य केवल योजनाएँ बनाना नहीं, बल्कि उन्हें धरातल पर साकार करना है। उन्होंने कहा,
“हम जनता की आकांक्षाओं को नीति में, और नीति को क्रियान्वयन में बदलने का कार्य कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य एक आत्मनिर्भर, नवोन्मेषी और समृद्ध उत्तराखंड का निर्माण है।”
राज्य के प्रति कृतज्ञता और भविष्य की राह
बैठक के समापन पर कैबिनेट ने राज्य के सभी नागरिकों, जनप्रतिनिधियों, कर्मचारियों और स्वयंसेवी संगठनों का धन्यवाद करते हुए कहा कि उत्तराखंड की यह 25 वर्षीय यात्रा जनता के परिश्रम और योगदान से ही संभव हुई है।
मंत्रिमंडल ने संकल्प लिया कि आने वाले वर्षों में राज्य को ऐसा विकसित, समृद्ध और पर्यावरण-संतुलित प्रदेश बनाया जाएगा, जो न केवल देश के लिए एक मॉडल हिल स्टेट बने, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत भी साबित हो।



