
देहरादून: उत्तराखंड पुलिस ने राज्य में मुख्यमंत्री परिवर्तन संबंधी अफवाहें फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। प्रदेश इन दिनों भीषण आपदा से जूझ रहा है और प्रशासन पूरी क्षमता के साथ राहत एवं बचाव कार्यों में जुटा है। लेकिन इसी बीच सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही झूठी व भ्रामक खबरें न केवल जनमानस को गुमराह कर रही हैं, बल्कि सरकारी कामकाज और राहत व्यवस्था पर भी नकारात्मक असर डाल रही हैं।
शनिवार को देहरादून पुलिस ने इस मामले में तीन फेसबुक पेज संचालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। यह कार्रवाई भाजपा जिलाध्यक्ष देहरादून सिद्धार्थ अग्रवाल की शिकायत पर की गई है। पुलिस का कहना है कि किसी भी कीमत पर प्रदेश में अराजकता फैलाने या राहत कार्यों में व्यवधान डालने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
आपदा से जूझ रहा उत्तराखंड, अफवाहों से बढ़ी मुश्किलें
उत्तराखंड के कई जिले – बागेश्वर, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ – इस समय आपदा से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। भारी बारिश और भूस्खलन ने आम जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। हजारों परिवार विस्थापित हो चुके हैं और बचाव दल चौबीसों घंटे राहत कार्यों में लगे हुए हैं।
ऐसे कठिन समय में मुख्यमंत्री बदलने की खबर फैलाना प्रशासन और जनता, दोनों के लिए बड़ी चुनौती बन जाती है। अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की अफवाहें जनता का ध्यान असली संकट से हटाकर राजनीतिक भ्रम पैदा करती हैं, जिससे राहत कार्यों की गति पर प्रतिकूल असर पड़ता है।
किन फेसबुक पेजों पर दर्ज हुआ मुकदमा?
पुलिस जांच में सामने आया है कि फेसबुक पेज –
- “आई लव माय उत्तराखंड संस्कृति”
- “उत्तराखण्ड वाले”
- “जनता जन आंदोलन इरिटेड”
से मुख्यमंत्री परिवर्तन संबंधी भ्रामक पोस्ट शेयर की गई थीं। इन पेजों के संचालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और आगे कठोर कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
देहरादून पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की पूरी जांच की जा रही है और जिन लोगों ने इस तरह की फेक न्यूज को फैलाया या बढ़ावा दिया है, उन पर भी कार्रवाई होगी।
सोशल मीडिया पर बढ़ी पुलिस की निगरानी
उत्तराखंड पुलिस ने साफ कहा है कि सोशल मीडिया पर गलत सूचना फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस की साइबर सेल लगातार निगरानी कर रही है और हर संदिग्ध गतिविधि पर पैनी नजर रखी जा रही है।
पुलिस ने आम जनता से भी अपील की है कि सोशल मीडिया पर किसी भी अपुष्ट खबर या संदेश को शेयर करने से पहले उसकी सत्यता की जांच अवश्य करें। अगर कोई व्यक्ति या संगठन अफवाह फैलाता पाया गया, तो उसके खिलाफ आईटी एक्ट और अन्य संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज होगा।
जनता से अपील – अफवाहों से बचें, प्रशासन का सहयोग करें
प्रदेश पुलिस और प्रशासन ने लोगों से यह भी अनुरोध किया है कि आपदा की इस घड़ी में वे सिर्फ आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा करें। सरकार और प्रशासन लगातार अपडेट जारी कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री कार्यालय और आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त आधिकारिक जानकारी ही साझा करें। अफवाहें फैलाना या फेक न्यूज को प्रमोट करना न केवल अपराध है बल्कि यह पीड़ित जनता के साथ अन्याय भी है।
उत्तराखंड इस समय प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है और पूरा तंत्र राहत व बचाव कार्यों में जुटा है। ऐसे समय में मुख्यमंत्री बदलने की झूठी खबरें फैलाना जनता को गुमराह करने के साथ-साथ राहत प्रयासों में बाधा डालने जैसा है।
पुलिस की यह सख्त कार्रवाई साफ संदेश देती है कि सोशल मीडिया का दुरुपयोग करने वालों को किसी भी हाल में छोड़ा नहीं जाएगा। प्रदेश पुलिस की अपील है कि नागरिक अफवाहों से दूर रहें और आपदा प्रभावित परिवारों की मदद के लिए सरकार व प्रशासन का सहयोग करें.