UP: बाराबंकी में भीषण सड़क हादसा: तेज रफ्तार ट्रक की टक्कर से 6 लोगों की मौत, दो गंभीर रूप से घायल
कुतलूपुर कल्याणी नदी पुल पर हुआ हादसा, टक्कर के बाद अर्टिगा कार के उड़े परखच्चे
बाराबंकी/लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले से रविवार रात एक दिल दहला देने वाला सड़क हादसा सामने आया है। जिले के देवा थाना क्षेत्र में एक तेज रफ्तार ट्रक ने अर्टिगा कार को जोरदार टक्कर मार दी, जिससे कार में सवार छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे में दो अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिन्हें लखनऊ रेफर किया गया है।
यह हादसा कुतलूपुर गांव के पास कल्याणी नदी पुल पर हुआ, जहां आमने-सामने से आ रही दोनों गाड़ियों के बीच इतनी तेज़ टक्कर हुई कि अर्टिगा कार के परखच्चे उड़ गए। घटना के बाद आसपास के ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर राहत-बचाव कार्य शुरू किया और पुलिस को सूचना दी।
भीषण टक्कर से पलटी कार, मौके पर ही दम तोड़ बैठे 6 लोग
पुलिस के मुताबिक, हादसे में मरने वालों में कार चालक श्रीकांत शुक्ला सहित छह लोग शामिल हैं। ये सभी लोग फतेहपुर की ओर जा रहे थे। रास्ते में देवा थाना क्षेत्र के कुतलूपुर पुल पर सामने से आ रहे ट्रक ने कार को जबरदस्त टक्कर मार दी।
टक्कर इतनी भीषण थी कि कार सड़क किनारे पलट गई और पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि हादसे की आवाज इतनी तेज थी कि आसपास के गांवों तक सुनाई दी। ग्रामीण जब मौके पर पहुंचे, तब तक कार के अंदर बैठे लोग फंसे हुए थे।
स्थानीय लोगों ने किसी तरह कार के दरवाजे तोड़कर घायलों को बाहर निकाला और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने जेसीबी और एंबुलेंस की मदद से शवों को बाहर निकाला।
पुलिस और प्रशासन मौके पर, रेस्क्यू ऑपरेशन चला
सूचना मिलते ही देवा थाना पुलिस, जिला प्रशासन और फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर पहुंचीं। मौके का मुआयना करने के बाद पुलिस ने बताया कि सभी मृतकों की पहचान हो चुकी है। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है और परिजनों को सूचित कर दिया गया है।
बाराबंकी के एसपी दिनेश सिंह ने बताया,
“यह एक दर्दनाक हादसा है। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि ट्रक काफी तेज रफ्तार में था और नियंत्रण खो बैठा। हमने ट्रक को कब्जे में ले लिया है, चालक फरार है जिसकी तलाश जारी है।”
पुलिस के मुताबिक, मृतकों में एक ही परिवार के कई सदस्य शामिल हैं। वहीं, घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है और उन्हें बेहतर इलाज के लिए किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU), लखनऊ रेफर किया गया है।
स्थानीय लोगों में आक्रोश, कहा—“सड़क पर नहीं होती पुलिस गश्त”
हादसे के बाद इलाके में अफरा-तफरी का माहौल है। ग्रामीणों ने हादसे के बाद जमकर हंगामा किया और सड़क पर जाम लगाने की कोशिश की। उनका आरोप है कि देवा-फतेहपुर मार्ग पर ट्रक अक्सर तेज रफ्तार में चलते हैं और पुलिस गश्त न होने से हादसे बढ़ रहे हैं।
ग्रामीणों ने मांग की कि इलाके में स्पीड ब्रेकर और चेतावनी संकेत लगाए जाएं, ताकि आगे ऐसी घटनाएं न हों।
मुख्यमंत्री ने जताया शोक, मुआवजे की घोषणा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि,
“मुख्यमंत्री ने जनपद बाराबंकी में सड़क दुर्घटना में हुई जनहानि पर शोक प्रकट किया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि घायलों का समुचित उपचार कराया जाए और पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद दी जाए।”
मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।
NH-28 पर हादसों का सिलसिला जारी
गौरतलब है कि देवा-फतेहपुर मार्ग पर यह कोई पहला हादसा नहीं है। इसी मार्ग पर पिछले दो महीनों में चार बड़ी दुर्घटनाएँ हो चुकी हैं। स्थानीय प्रशासन के अनुसार, इस सड़क पर भारी वाहनों की आवाजाही अधिक होती है और रात के समय हाई-स्पीड ड्राइविंग के कारण दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ी है।
पिछले महीने ही इसी मार्ग पर एक ट्रक और बोलेरो की टक्कर में तीन लोगों की मौत हुई थी। बावजूद इसके ट्रैफिक नियंत्रण के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।
यातायात विशेषज्ञों का कहना है कि सड़क पर उचित डिवाइडर, रिफ्लेक्टर और पुलिस गश्त की कमी दुर्घटनाओं को आम बना रही है।
परिवारों पर टूटा दुखों का पहाड़
हादसे में जान गंवाने वाले सभी लोग बाराबंकी जिले के आस-पास के क्षेत्रों के रहने वाले थे। सोमवार सुबह जैसे ही यह खबर गांवों में पहुंची, पूरे इलाके में मातम छा गया।
पीड़ित परिवारों के लोग अस्पताल और पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंचे तो वहां का माहौल बेहद गमगीन था। परिजनों ने रोते हुए कहा कि “कल तक जो लोग हमारे साथ थे, आज उनकी सिर्फ तस्वीरें रह गई हैं।”
सुरक्षा उपायों को लेकर सरकार पर सवाल
इस हादसे के बाद विपक्षी दलों ने राज्य सरकार से सवाल पूछे हैं। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि,
“प्रदेश में सड़क सुरक्षा नाम की कोई चीज़ नहीं रह गई है। हर दिन ऐसे हादसे हो रहे हैं, लेकिन प्रशासन तब तक जागता नहीं जब तक दर्जनों जानें न चली जाएं।”
वहीं, भाजपा के स्थानीय नेताओं ने कहा कि प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई की है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
जांच के आदेश, आरोपी चालक की तलाश
फिलहाल पुलिस ने ट्रक को जब्त कर लिया है और चालक की गिरफ्तारी के लिए कई टीमों को लगाया गया है। पुलिस का कहना है कि ट्रक हरियाणा नंबर का है और उसके मालिक का पता लगाया जा रहा है।
डीएम बाराबंकी अवनीश कुमार राय ने कहा कि,
“हादसे की विस्तृत जांच के आदेश दिए गए हैं। सड़क की स्थिति, साइन बोर्ड, और वाहन की तकनीकी जांच कराई जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।”
बाराबंकी का यह सड़क हादसा एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि आखिर क्यों यूपी की सड़कों पर रफ्तार इतनी बेकाबू होती जा रही है। हर सप्ताह किसी न किसी जिले से ऐसी दर्दनाक खबरें सामने आती हैं, जो परिवारों की दुनिया उजाड़ देती हैं।
सरकार ने भले मुआवजे की घोषणा कर दी हो, लेकिन जब तक सख्त सड़क सुरक्षा नियम, निगरानी तंत्र और वाहन चालकों की जवाबदेही तय नहीं होती—तब तक ऐसी त्रासदियाँ रुकना मुश्किल है।



