
हरिद्वार, 27 जुलाई — उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में स्थित प्रसिद्ध मंशा देवी मंदिर के पैदल मार्ग पर शुक्रवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के बीच भगदड़ मचने से छह लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। हादसे में 28 से अधिक श्रद्धालु घायल हुए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है।
मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख और घायलों को ₹50,000 की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। साथ ही उन्होंने जिलाधिकारी हरिद्वार को इस घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं और भीड़ नियंत्रण एवं सुरक्षा प्रबंधन की समीक्षा कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश भी दिए हैं।
आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि हादसे में घायल 5 लोगों की हालत गंभीर है, जिन्हें बेहतर इलाज के लिए एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया है। शेष 23 घायलों का इलाज हरिद्वार जिला चिकित्सालय में जारी है। सभी को समुचित चिकित्सकीय सुविधा मुहैया कराई जा रही है।
घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए राज्य प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनज़र भविष्य की तैयारियों पर फोकस बढ़ा दिया है। भीड़ प्रबंधन के लिए अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती और मंदिर ट्रस्ट के सहयोग से विशेष गाइडलाइंस लागू की जा सकती हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, “राज्य सरकार इस दुख की घड़ी में प्रभावित परिवारों के साथ खड़ी है और भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस उपाय सुनिश्चित किए जाएंगे।”
प्रशासन ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर
हरिद्वार, 27 जुलाई — मंशा देवी मंदिर, हरिद्वार में हुए भीषण हादसे के बाद उत्तराखंड राज्य प्रशासन ने मृतकों और घायलों की जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। सचिव आपदा प्रबंधन श्री विनोद कुमार सुमन ने बताया कि पीड़ितों के परिजनों की सहायता के लिए जिला और राज्य स्तर पर आपातकालीन परिचालन केंद्र सक्रिय कर दिए गए हैं।
📞 जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र, हरिद्वार:
- 01334-223999
- 9068197350
- 9528250926
📞 राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र, देहरादून:
- 0135-2710334
- 0135-2710335
- 8218867005
- 9058441404
प्रशासन ने अपील की है कि घटना में मृतक या घायल व्यक्तियों के बारे में जानकारी हेतु नागरिक उपरोक्त हेल्पलाइन नम्बरों पर तत्काल संपर्क करें। इन नंबरों पर चौबीसों घंटे सहायता उपलब्ध रहेगी।
राज्य सरकार की ओर से राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है और घायलों को हर संभव चिकित्सीय सुविधा मुहैया कराई जा रही है।