Deprecated: htmlspecialchars(): Passing null to parameter #1 ($string) of type string is deprecated in /home/u147495553/domains/thehillindia.com/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4724
फीचर्डस्पोर्ट्स

114 साल के फौजा सिंह नहीं रहे: सड़क हादसे में घायल होने के बाद निधन, आरोपी चालक गिरफ्तार

जालंधर/अमृतसर: दुनियाभर में ‘टर्बनड टॉर्नेडो’ के नाम से मशहूर भारतीय मूल के ब्रिटिश मैराथन धावक फौजा सिंह का 114 वर्ष की आयु में निधन हो गया। सोमवार शाम पंजाब के ब्यास पिंड गांव के पास तेज़ रफ्तार कार की टक्कर से घायल होने के बाद अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। इस हादसे ने खेल जगत और उनके लाखों प्रशंसकों को गहरा झटका दिया है।

हादसे के आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार
जालंधर-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुए इस हादसे के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कार चालक को गिरफ्तार कर लिया है और दुर्घटना में इस्तेमाल वाहन को भी ज़ब्त कर लिया गया है। आरोपी से पूछताछ जारी है और पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि घटना लापरवाही की थी या इसके पीछे कोई और कारण था।


89 की उम्र में रचा इतिहास, 100 की उम्र में मचाई रिकॉर्डों की धूम

फौजा सिंह की कहानी केवल खेल नहीं, बल्कि हौसले, अनुशासन और अटूट संकल्प की मिसाल है।
उन्होंने 89 वर्ष की उम्र में दौड़ की दुनिया में कदम रखा और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने लंदन, ग्लासगो, टोरंटो, हांगकांग जैसे शहरों में आयोजित मैराथन में भाग लेकर दुनियाभर में पहचान बनाई

2011 में टोरंटो में 100 की उम्र में रचा इतिहास
2011 में कनाडा के टोरंटो में, 100 साल की उम्र में उन्होंने एक ही दिन में आठ विश्व रिकॉर्ड बनाए। इनमें से कई रिकॉर्ड तो उनके आयु वर्ग (100+) के लिए पहले अस्तित्व में ही नहीं थे। उनके कुछ समय 95+ आयु वर्ग के रिकॉर्ड्स से भी तेज़ थे, जिसने सभी को चौंका दिया।


दुखद मोड़ बना प्रेरणा का स्रोत

फौजा सिंह का जीवन हमेशा से साधारण नहीं था। उन्होंने अपने जीवन में एक गहरा व्यक्तिगत दुख झेला, जिसने उन्हें दौड़ की ओर मोड़ा। उसी दुख को ताकत में बदलते हुए उन्होंने उम्र की तमाम सीमाओं को तोड़ा और अपने जीवन को एक नई दिशा दी।


फौजा सिंह: एक नाम, एक प्रेरणा

114 साल तक जीवित रहते हुए फौजा सिंह धैर्य, फिटनेस और सकारात्मक जीवनशैली के प्रतीक बने रहे।
उनकी कहानी बताती है कि उम्र केवल एक संख्या है, अगर इरादे बुलंद हों। वो लाखों युवाओं और बुज़ुर्गों के लिए एक जीती-जागती प्रेरणा थे।


पूरे देश की श्रद्धांजलि

इस महान विभूति के निधन पर खेल जगत, नेताओं और आम जनता ने शोक जताया है। सोशल मीडिया पर लोग उन्हें “बुज़ुर्ग नहीं, बेमिसाल” कहकर याद कर रहे हैं। उनके सम्मान में पंजाब सरकार द्वारा राजकीय श्रद्धांजलि की संभावना जताई जा रही है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Deprecated: htmlspecialchars(): Passing null to parameter #1 ($string) of type string is deprecated in /home/u147495553/domains/thehillindia.com/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4724