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ट्रंप का बयान: भारत-रूस-चीन रिश्तों पर चिंता, अमेरिका-भारत ट्रेड डील पर बढ़ा तनाव

नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर किया गया ताज़ा पोस्ट भारत-रूस-चीन समीकरणों को लेकर चर्चा का विषय बन गया है। ट्रंप ने चिंता जताते हुए लिखा—

“ऐसा लगता है कि हमने भारत और रूस को सबसे गहरे, अंधेरे चीन के हाथों खो दिया है। मैं उन्हें एक लंबा और समृद्ध भविष्य की शुभकामनाएं देता हूं।”

ट्रंप ने अपने बयान के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की एक तस्वीर साझा की। यह टिप्पणी अमेरिकी विदेश नीति, भारत-रूस रणनीतिक रिश्तों और चीन के बढ़ते प्रभाव को लेकर अमेरिका की चिंताओं को दर्शाती है।


भारत का रुख: “इस पर कोई टिप्पणी नहीं”

साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में जब विदेश मंत्रालय (MEA) से इस बयान पर प्रतिक्रिया मांगी गई, तो प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साफ कहा—
“इस समय मैं इस पोस्ट पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता।”

भारत ने हाल ही में अमेरिका द्वारा आयात शुल्क बढ़ाने पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी और इसे “अनुचित व अविवेकपूर्ण” करार दिया था। विदेश मंत्रालय ने साफ कहा था कि भारत की ऊर्जा जरूरतों और रणनीतिक स्वतंत्रता का सम्मान होना चाहिए।


चीन पर ट्रंप की आलोचना और वैश्विक समीकरण

ट्रंप पहले भी कई बार चीन की नीतियों और उसके वैश्विक प्रभाव की आलोचना कर चुके हैं। उनका यह ताज़ा पोस्ट इस ओर संकेत देता है कि अमेरिका, भारत और रूस के बढ़ते सामरिक व आर्थिक सहयोग को चीन के पक्ष में जाता हुआ देख रहा है।

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  • भारतीय आयात शुल्क पर तनाव

भारत-रूस संबंध और अमेरिकी नाराज़गी

भारत की रूस से बड़ी मात्रा में तेल खरीद अमेरिका को खटक रही है। अगस्त 2025 में ट्रंप प्रशासन ने भारतीय आयात पर पहले 25% शुल्क लगाया, जिसे बाद में 50% तक बढ़ा दिया गया। इस कदम ने भारत-अमेरिका ट्रेड डील को और जटिल बना दिया है।


शिखर सम्मेलन से पहले ‘तीन नेताओं की तस्वीर’

शिखर सम्मेलन से पहले मोदी, पुतिन और जिनपिंग की अनौपचारिक बातचीत का वीडियो वायरल हो गया। तस्वीरों में तीनों नेता मुस्कुराते और बातचीत करते नजर आए। यह दृश्य पिछले साल रूस के कज़ान में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की याद दिलाता है।

भारत की संतुलित विदेश नीति, रूस के साथ बढ़ते सामरिक रिश्ते और चीन के आक्रामक रुख के बीच अमेरिका की चिंताएं लगातार बढ़ रही हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले समय में भारत-अमेरिका संबंधों को संतुलित करना और भी चुनौतीपूर्ण होगा।

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