वॉशिंगटन डीसी/न्यूयार्क | 23 दिसम्बर 2025: अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की वापसी के साथ ही अवैध प्रवासियों के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अब एक नए और आक्रामक मोड़ पर पहुंच गई है। व्हाइट हाउस ने क्रिसमस और नए साल के मौके पर अवैध रूप से रह रहे प्रवासियों के लिए एक ‘बंपर ऑफर’ पेश किया है। इसे ‘सेल्फ-डिपोर्टेशन’ (स्वैच्छिक निर्वासन) को बढ़ावा देने की ट्रंप सरकार की अब तक की सबसे बड़ी स्कीम माना जा रहा है।
क्या है ट्रंप का ‘क्रिसमस ऑफर’?
अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (DHS) द्वारा जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, जो प्रवासी बिना वैध दस्तावेजों के अमेरिका में रह रहे हैं, उनके पास 31 दिसंबर 2025 तक देश छोड़ने का सुनहरा मौका है।
इस ऑफर की मुख्य शर्तें और लाभ:
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कैश रिवॉर्ड: देश छोड़ने वाले प्रत्येक व्यक्ति को 3,000 डॉलर (लगभग 2,70,738 भारतीय रुपये) का वजीफा (Stipend) दिया जाएगा।
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फ्री टिकट: प्रवासियों को उनके मूल देश तक वापस जाने के लिए हवाई यात्रा का पूरा खर्च अमेरिकी सरकार उठाएगी।
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जुर्माना माफी: ‘CBP Home’ ऐप के जरिए खुद को डिपोर्ट करने के लिए रजिस्टर करने वालों पर लगे पुराने सभी नागरिक जुर्माने और कानूनी दंड माफ कर दिए जाएंगे।
7 महीने में ऑफर हुआ तीन गुना: आक्रामक मोड में ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप ने सत्ता संभालते ही अवैध प्रवासियों को बाहर निकालने का जो संकल्प लिया था, यह योजना उसकी तेजी को दर्शाती है। दिलचस्प बात यह है कि इसी साल मई में ट्रंप प्रशासन ने खुद से देश छोड़ने पर 1,000 डॉलर की पेशकश की थी। अब क्रिसमस के मौके पर इस राशि को तीन गुना बढ़ाकर 3,000 डॉलर कर दिया गया है।
जानकारों का मानना है कि ट्रंप सरकार कानूनी जटिलताओं और गिरफ्तारी की लंबी प्रक्रिया के बजाय ‘पैसे और प्रलोभन’ के जरिए निर्वासन की प्रक्रिया को गति देना चाहती है।
‘गाजर’ के बाद ‘डंडा’: नहीं मानने वालों को सख्त चेतावनी
DHS ने इस ऑफर के साथ एक बहुत ही सख्त चेतावनी भी चस्पा की है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि जो अवैध प्रवासी इस विशेष पेशकश का लाभ नहीं उठाएंगे, उनके लिए भविष्य के रास्ते बंद कर दिए जाएंगे।
“जो अवैध विदेशी आज इस विशेष पेशकश का लाभ नहीं उठाते हैं, उनके पास केवल एक ही विकल्प बचेगा: उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा, जबरन निर्वासित (Deport) किया जाएगा और उन पर अमेरिका में दोबारा प्रवेश करने पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।” — DHS आधिकारिक बयान
CBP Home App: निर्वासन का डिजिटल हथियार
प्रशासन ने इस पूरी प्रक्रिया को डिजिटल बनाने के लिए ‘CBP Home’ ऐप का सहारा लिया है। प्रवासियों को इस ऐप पर जाकर खुद को साइन-अप करना होगा। यह कदम ट्रंप की उस रणनीति का हिस्सा है जिसमें वे तकनीक का इस्तेमाल कर ‘मास डिपोर्टेशन’ (बड़े पैमाने पर निर्वासन) को अंजाम देना चाहते हैं।
विश्लेषण: ट्रंप की रणनीति के पीछे के मायने
| पहलू | प्रभाव |
| आर्थिक | गिरफ्तारी और जेल में रखने के मुकाबले 3,000 डॉलर देकर बाहर निकालना सरकार को सस्ता पड़ रहा है। |
| राजनीतिक | ट्रंप अपने समर्थकों को यह संदेश दे रहे हैं कि वे अपने वादे पर कायम हैं। |
| कानूनी | स्वैच्छिक निर्वासन से अदालतों में चल रहे लाखों प्रवासियों के केस कम होंगे। |
निष्कर्ष: प्रवासियों के सामने बड़ी दुविधा
क्रिसमस के इस ‘बंपर ऑफर’ ने अमेरिका में रह रहे लाखों अवैध प्रवासियों, जिनमें भारतीयों की भी बड़ी संख्या है, को बड़ी दुविधा में डाल दिया है। एक तरफ 3,000 डॉलर और सुरक्षित वापसी का रास्ता है, तो दूसरी तरफ गिरफ्तारी और आजीवन प्रतिबंध का डर। नए साल की शुरुआत अमेरिका में रह रहे इन लोगों के लिए उनके जीवन का सबसे बड़ा फैसला लेकर आने वाली है।



