

देहरादून : उत्तराखंड में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव फिलहाल नहीं होंगे। राज्य निर्वाचन आयोग ने नैनीताल हाईकोर्ट के निर्देश के बाद चुनावी प्रक्रिया को अग्रिम आदेशों तक स्थगित करने की अधिसूचना जारी कर दी है। इससे पहले आयोग ने चुनावी कार्यक्रम घोषित कर दिया था और नामांकन की तिथियाँ भी तय हो चुकी थीं, लेकिन आरक्षण नियमावली की अधिसूचना (गजट नोटिफिकेशन) जारी न होने के कारण हाईकोर्ट ने चुनाव पर रोक लगा दी।
उत्तराखंड के हरिद्वार को छोड़ 12 जिलों में पंचायत चुनाव दो चरणों में होने थे।
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नामांकन: 25 जून से 28 जून 2025 , मतदान: 10 और 15 जुलाई 2025 , मतगणना: 19 जुलाई 2025
लेकिन इन तिथियों से पहले ही गणेश दत्त कांडपाल बनाम उत्तराखंड राज्य मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने पाया कि सरकार ने आरक्षण संबंधी नियमावली का गजट नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है। बिना वैधानिक अधिसूचना के आरक्षण तय करना और उस पर चुनाव प्रक्रिया आगे बढ़ाना नियमों के विरुद्ध है।
हाईकोर्ट ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि जब तक आरक्षण नियमावली विधिवत अधिसूचित नहीं होती, तब तक इससे जुड़ी सारी कार्रवाई अग्रिम आदेशों तक स्थगित की जाती है।
इसके बाद 24 जून को अदालत में फिर से सुनवाई हुई, जहां सरकार ने दीपक किरोला बनाम उत्तराखंड राज्य मामले में गजट नोटिफिकेशन पेश किया और अपना पक्ष रखा। हाईकोर्ट ने अब इस मामले की अगली संयुक्त सुनवाई 25 जून को तय की है।
हाईकोर्ट की टिप्पणियों और जारी कानूनी अनिश्चितता को देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने पत्र जारी कर कहा कि:
“आरक्षण और आवंटन की स्थिति स्पष्ट नहीं है। ऐसी स्थिति में नामांकन और अन्य चुनावी गतिविधियों को आगे बढ़ाना संभव नहीं। अतः त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से संबंधित सभी प्रक्रियाएं अग्रिम आदेशों तक स्थगित की जाती हैं।”
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अब 25 जून को नैनीताल हाईकोर्ट में सभी याचिकाओं की एक साथ सुनवाई होगी।
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इसके बाद ही तय होगा कि उत्तराखंड में पंचायत चुनाव कब और किन नियमों के तहत होंगे।
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चुनाव की अगली अधिसूचना तब तक नहीं जारी की जाएगी, जब तक कोर्ट से स्पष्ट आदेश नहीं मिलते।
उत्तराखंड में पंचायत चुनाव को लेकर जारी तैयारियों को झटका लगा है। कानूनी प्रक्रिया और आरक्षण नियमों की अनदेखी ने निर्वाचन प्रक्रिया को अदालत की चौखट पर ला खड़ा किया है। अब 25 जून की सुनवाई पर टिकी है प्रदेश की पंचायत व्यवस्था की अगली दिशा।