
संसद के विशेष सत्र को लेकर राजनीतिक दलों में उत्सुकता बनी हुई है कि केंद्र सरकार ने 18 सितंबर से 22 सितंबर के बीच पांच दिनों का विशेष सत्र क्यों बुलाया गया है? राजनीतिक गलियारों में चल रही चर्चाओं के बीच आज कांग्रेस पार्लियामेंट्री स्ट्रैटेजिक कमिटी की बैठक हुई। इस बैठक में देश की ज्वलंत समस्याओं पर चर्चा होने के साथ ही संसद के विशेष सत्र पर भी चर्चा हुई। कांग्रेस का कहना है कि उसे आजतक इस बात की जानकारी नहीं दी गई है कि संसद के विशेष सत्र में किन-किन मुद्दों पर चर्चा होगी।
कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी की अगुवाई में हुई बैठक में आर्थिक समस्या, बेरोजगारी, महंगाई, हिमाचल प्रदेश में बारिश के कारण हुए नुकसान, पूर्वोत्तर में बाढ़, मणिपुर की स्थिति, अडाणी समूह से जुड़े मामले और सीमा पर चुनौती को लेकर चर्चा हुई।
#WATCH | Congress MP Jairam Ramesh says, "We are seeing for the first time that PM Modi and his associates announced a 5-day special session to divert attention from the INDIA meeting. We don't have any information as to what matters will be taken up during this session… Today… pic.twitter.com/U2DGFz1csL
— ANI (@ANI) September 5, 2023
रमेश ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब कभी विशेष सत्र बुलाया जाता है तो विषय की जानकारी सभी पार्टियों को पहले से मिलती है। पार्टियों के साथ बातचीत होती है, मोटे तौर पर एक एजेंडा तय किया जाता है तो इसके बाद विशेष सत्र बुलाया जाता है। लेकिन इस बार हमने देखा कि ‘इंडिया’ की बैठक के समय इस सत्र के बारे में घोषणा की गई ताकि बैठक से ध्यान भटकाया जा सके।’’ उन्होंने दावा किया कि सत्र को लेकर पहले से कोई जानकारी नहीं दी गई तथा सरकार की तरफ से ‘एकतरफा तोप’ चलायी जा रही है।