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Uttarakhand: स्वदेशी से आत्मनिर्भरता की राह: CM धामी ने हल्द्वानी में सोशल मीडिया पदाधिकारियों संग की रणनीतिक बैठक

“हर घर स्वदेशी, घर-घर स्वदेशी” का दिया मंत्र, कहा— डिजिटल युग में स्वदेशी अभियान को जन-जन तक पहुंचाना हर कार्यकर्ता की जिम्मेदारी

हल्द्वानी (उत्तराखंड): मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को हल्द्वानी में भारतीय जनता पार्टी के सोशल मीडिया पदाधिकारियों और संगठन के प्रमुख सदस्यों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक का मुख्य उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए “स्वदेशी अपनाओ अभियान” को जन-आंदोलन का रूप देना था। मुख्यमंत्री ने डिजिटल माध्यमों को जनजागरण का सबसे प्रभावी हथियार बताते हुए कहा कि आज का दौर “डिजिटल राष्ट्रवाद” का है और हर कार्यकर्ता को इस अभियान को अपने घर से शुरू कर समाज तक फैलाना होगा।


डिजिटल भारत से स्वदेशी भारत की ओर

बैठक में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में देश ने “वोकल फॉर लोकल” से “लोकल टू ग्लोबल” की दिशा में बड़ी छलांग लगाई है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने हाल ही में जीएसटी दरों में कमी और लघु उद्योगों के लिए नई नीतियों के माध्यम से स्वदेशी उत्पादों के उपयोग को प्रोत्साहित किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा—

“स्वदेशी अपनाना केवल आर्थिक नीति नहीं, बल्कि यह एक राष्ट्रधर्म है। जब हम अपने उत्पाद खरीदते हैं, तो न केवल स्थानीय कारीगर और किसान को समर्थन देते हैं, बल्कि भारत की आत्मनिर्भरता की नींव को भी मजबूत करते हैं।”

उन्होंने सोशल मीडिया टीम से कहा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स — जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) और यूट्यूब — पर “स्वदेशी उत्पादों” के प्रचार-प्रसार के लिए सशक्त अभियान चलाया जाए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह अभियान केवल व्यापार या बाजार से जुड़ा नहीं है, बल्कि ‘भारत की आत्मा से जुड़ा अभियान’ है।


“हर घर स्वदेशी” अभियान को जन-जन तक पहुंचाने का आह्वान

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि उत्तराखंड में स्वदेशी आंदोलन को नई दिशा देने का समय आ गया है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वे स्थानीय उत्पादों जैसे— कुमाऊं की रिंगाल हस्तकला, गढ़वाल की ऊनी शॉलें, ऑर्गेनिक मसाले, पहाड़ी मंडुवा, झंगोरा, चौलाई और बुरांश जूस — जैसे उत्पादों को सोशल मीडिया के माध्यम से देश और दुनिया तक पहुंचाने का प्रयास करें।

उन्होंने कहा कि “हर घर स्वदेशी, घर-घर स्वदेशी” का नारा सिर्फ एक स्लोगन नहीं, बल्कि राज्य की आर्थिक संस्कृति का परिचायक बने। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के युवा आज डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से न केवल विचार, बल्कि उत्पाद भी साझा कर सकते हैं। यह अभियान उन्हें “नए युग के डिजिटल उद्यमी” बनने की दिशा में प्रेरित करेगा।


चारधाम यात्रा पर बोले सीएम — “अब यात्रा और व्यवस्था दोनों ऐतिहासिक”

बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में इस वर्ष संपन्न हुई चारधाम यात्रा को “ऐतिहासिक और सुव्यवस्थित” बताया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस बार यात्रा प्रबंधन में कई तकनीकी सुधार किए, जिनसे यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा दोनों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से नई हेलीकॉप्टर सेवा नीति (SOP) तैयार की गई है, जिससे भविष्य में राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों को भी हवाई सेवाओं से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि इस पहल से न केवल तीर्थाटन को बल मिलेगा, बल्कि पहाड़ी क्षेत्रों की आपात सेवाओं, स्वास्थ्य सुविधा और पर्यटन गतिविधियों को भी नई गति मिलेगी।


“विकसित उत्तराखंड” के संकल्प को मूर्त रूप देने की दिशा में निरंतर प्रयास

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य स्पष्ट है — विकसित उत्तराखंड 2030। उन्होंने बताया कि राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, सड़क निर्माण और डिजिटल कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों में तेज़ी से सुधार हो रहा है।
उन्होंने कहा—

“हमारे विकास कार्यों का उद्देश्य केवल बुनियादी ढांचे का निर्माण नहीं, बल्कि हर व्यक्ति तक अवसरों की पहुंच सुनिश्चित करना है। यही विकसित उत्तराखंड का आधार बनेगा।”

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर युवाओं और सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे सरकारी योजनाओं और स्वदेशी अभियानों की सही जानकारी जनता तक पहुँचाएं, ताकि झूठ और भ्रम की राजनीति का जवाब तथ्यों और सकारात्मक कामों से दिया जा सके।


स्वदेशी अपनाओ अभियान — सांस्कृतिक और आर्थिक पुनर्जागरण की दिशा

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि “स्वदेशी अपनाओ” केवल आर्थिक आत्मनिर्भरता का मार्ग नहीं, बल्कि सांस्कृतिक पुनर्जागरण का भी प्रतीक है। उन्होंने कहा कि “वसुधैव कुटुंबकम्” की भावना तभी सार्थक होगी जब भारत आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनेगा।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का “आत्मनिर्भर भारत” विजन अब हर राज्य के लिए प्रेरणा बन चुका है, और उत्तराखंड इस दिशा में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राज्य में कई विभाग मिलकर स्वदेशी उत्पादों के ब्रांडिंग, पैकेजिंग और विपणन के लिए एक “उत्तराखंड ब्रांड मिशन” पर काम कर रहे हैं। इसके तहत स्थानीय हस्तशिल्प और कृषि उत्पादों को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स से जोड़ने की योजना है।


सोशल मीडिया टीम को सौंपी जिम्मेदारी: “डिजिटल मैदान में उत्तराखंड सबसे आगे दिखे”

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पदाधिकारियों से कहा कि वे सिर्फ खबरें साझा करने तक सीमित न रहें, बल्कि जनता के सवालों और सुझावों पर भी संवेदनशीलता से प्रतिक्रिया दें।
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया आज सरकार और जनता के बीच सेतु का काम करता है, इसलिए इसकी शक्ति को समाज के हित में उपयोग करना जरूरी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से नकारात्मकता की जगह सकारात्मक संदेश फैलाने की जरूरत है। उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं को ‘फैक्ट-बेस्ड सोशल मीडिया वारियर्स’ बनने का आह्वान किया।


उत्तराखंड में स्वदेशी आंदोलन को नई दिशा

हल्द्वानी की इस बैठक ने यह स्पष्ट कर दिया कि उत्तराखंड सरकार अब विकास और विचार दोनों के संगम पर काम कर रही है। स्वदेशी अपनाओ अभियान को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का दृष्टिकोण केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक पुनरुद्धार से जुड़ा हुआ है। डिजिटल मीडिया के युग में “हर घर स्वदेशी” का संदेश जब हर नागरिक तक पहुंचेगा, तभी आत्मनिर्भर उत्तराखंड का सपना साकार होगा।

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