
नई दिल्ली: संसद का मानसून सत्र शुक्रवार को अपने पांचवें दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ता दिख रहा है। विपक्ष ने बिहार में वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) को लेकर सरकार और चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोला है। विपक्षी दलों का कहना है कि यह प्रक्रिया दलितों, आदिवासियों और आर्थिक रूप से कमजोर मतदाताओं को सूची से बाहर करने की साजिश है।
🔴 विपक्ष का आरोप: SIR के जरिए कमजोर वर्गों को किया जा रहा है टारगेट
बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले SIR को लेकर विवाद गहराता जा रहा है।
- विपक्षी सांसदों ने संसद में स्थगन प्रस्ताव और नियम 267 के तहत नोटिस देकर इस विषय पर तत्काल चर्चा की मांग की।
- उनका कहना है कि यह अभियान चुनावी निष्पक्षता और लोकतंत्र की मूल भावना पर हमला है।
- विपक्ष ने चुनाव आयोग पर सरकार के दबाव में काम करने का आरोप लगाया।
🧾 तीसरे दिन भी विपक्ष का प्रदर्शन, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी हुईं शामिल
गुरुवार को विपक्षी दलों ने लगातार तीसरे दिन संसद भवन के मकर द्वार पर जोरदार प्रदर्शन किया।
- इस दौरान कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी भी प्रदर्शन में शामिल हुईं।
- कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने “खतरे में लोकतंत्र” लिखे पोस्टर के साथ विरोध जताया।
- विपक्षी नेताओं ने इसे “लोकतांत्रिक अधिकारों की अवहेलना” बताया।
🟢 चुनाव आयोग और सरकार का जवाब: पारदर्शी है प्रक्रिया
चुनाव आयोग और सरकार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि:
- SIR का उद्देश्य केवल डुप्लीकेट, मृत या अप्रासंगिक नामों को हटाकर मतदाता सूची को शुद्ध करना है।
- यह एक नियमित प्रक्रिया है, जिसे पूरी पारदर्शिता और व्यापक सार्वजनिक सूचना के साथ अंजाम दिया जा रहा है।
🕊️ अन्य मुद्दों पर भी विपक्ष हमलावर: ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले का जवाब मांगा
विपक्ष केवल बिहार वोटर लिस्ट संशोधन तक सीमित नहीं है:
- जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और
- हाल ही में सामने आए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ मामले पर भी विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीधा जवाब मांग रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए 28 जुलाई को लोकसभा में बहस की सहमति दी है।
🏛️ सत्र में अब तक 4 दिन हंगामे की भेंट चढ़े
21 जुलाई से शुरू हुए मानसून सत्र का अब तक का अधिकांश समय संसदीय गतिरोध और नारेबाज़ी में बीता है।
- ना तो लोकसभा में, और ना ही राज्यसभा में कोई सार्थक विधायी कार्य हो पाया है।
- सरकार और विपक्ष के बीच तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है।
नजरें अब 28 जुलाई पर टिकी हैं, जब लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा संभावित है। लेकिन SIR और वोटर लिस्ट विवाद अभी खत्म होता नहीं दिख रहा। सवाल है – क्या लोकतंत्र के मंदिर में लोकतांत्रिक विमर्श का स्थान बचेगा?