मुंबई: यहां आतंकियों ने आतंक की लैब बना रखी थी और इसमें बने बम जंगल में टेस्ट किए जाते थे. आतंकी गतविधियों से जुड़े ये सभी लोग मल्टीनेशनल कंपनियों से जुड़े थे. जिन्हें लाखों रुपये सैलरी मिलती थी, इस सैलरी से ही वह ISIS मॉड्यूल को मजबूत कर रहे थे. पहचान छिपी रहे इसके लिए सभी कोडवर्ड का इस्तेमाल करते थे. इन सभी का प्लान देश के 5 से 6 राज्यों में बड़े विस्फोट करने का था. इनका मंसूबा पूरा होता इससे पहले ही NIA इन तक पहुंच गई. बता दें कि आतंकी अपनी पहचान छिपाने के लिए कोडवर्ड का इस्तेमाल करते थे, शिरका, शरबत और रोजवाटर से बम बनाने का सामान मंगाया जाता था. इसमें सल्फ्यूरिक एसिड को शिरका कहते थे, एसिटोन को रोज वाटर और हाइड्रोजन प्रीऑक्साइड को शरबत कहा जाता था.
आतंकियों ने बम बनाने के लिए पुणे में एक घर किराए पर लिया था. इसमें बम बनाने के लिए लैब बनाई गई थी. यहां जो बम तैयार होते थे उनकी टेस्टिंग पुणे के जंगलों में होती थी, ताकि किसी को इसकी भनक न लगे. जंगल में तंबू लगाकर कई-कई दिन तक आतंकी वहां रहते थे. यहां आने-जाने के लिए ये बाइक का इस्तेमाल करते थे, ताकि किसी को शक न हो. बाइक पर ही ये टेंट ले जाते थे. बम बनाने के लिए जो विधि थी उसकी पर्ची घर के सीलिंग फैन में छिपा रखी थी. एरिया मैपिंग के लिए आतंकियों ने ड्रोन कैमरा रखा था. इसी से बम की टेस्टिंग के लिए लोकेशन तलाशी जाती थी. NIA की छापामार कार्रवाई में आतंकियों में पास इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस बनाने के लिए वाशिंग मशीन टाइमर, थर्मामीटर, स्पीकर वायर, 12-वोल्ट बल्ब, 9-वोल्ट बैटरी, फिल्टर पेपर, माचिस और सोडा पाउडर मिले थे जो कि घरेलू सामग्री है इसके जरिये ही बम बनाया जाता था.
सूत्रों के अनुसार आतंकियों ने देश के 5 से 6 राज्यों में सीरियल ब्लास्ट करने की प्लानिंग की थी. हालांकि उससे पहले ही ये धरे गए. दरअसल NIA ने ISIS मॉड्यूल केस के साथन जुलाई में महाराष्ट्र के कई इलाकों में छापेमारी की थी. इसी छापेमारी में मुंबई का ताबिश नासिर सिद्दीकी, जुल्फिकार अली बड़ौदावाला उर्फ लालाभाई, शरजील शेख, बोरीवली-पडघा का आकिफ अतीक नाचन, पुणे का जुबैर नूर मोहम्मद शेख उर्फ अबू नुसैबा और अदन अली सरकार पकड़े गए थे. ताबिश और जुल्फिकार ने आईएसआईएस के स्वयंभू खलीफा (नेता) के प्रति निष्ठा की शपथ भी ली थी. चौंकाने वाली बात यह है कि महाराष्ट्र के ठाणे जिले के पदघा स्थित बोरीवली में कई बैठकें इन्होंने की जिसमे ब्रेन वाश किया जाता था युवाओं का और ISIS की गतिविधियों को अंजाम देने की प्लानिंग करते थे