
देहरादून: टिहरी जनपद के घनसाली-पिलखी क्षेत्र में लंबे समय से स्वास्थ्य सुविधाओं के उन्नयन की मांग कर रहे स्थानीय प्रतिनिधिमंडल को बड़ा राहत भरा निर्णय मिला है। प्रतिनिधिमंडल ने आज मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की, जिसके बाद पिलखी स्वास्थ्य सेवा संघर्ष मोर्चा ने अपनी हड़ताल को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया। मुख्यमंत्री ने इस मुलाकात में घोषणा की कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (PHC) पिलखी को 30 शैय्यायुक्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (CHC) में अपग्रेड कर दिया गया है, जिसे लेकर शासनादेश भी जारी कर दिया गया है।
यह निर्णय न केवल टिहरी के दुर्गम पर्वतीय इलाके को मजबूत स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा प्रदान करेगा, बल्कि लंबे समय से संघर्षरत स्थानीय जनता की उम्मीदों को भी नया आधार देगा।
36 नए पदों की स्वीकृति, 2026 तक संचालन का स्पष्ट रोडमैप
सरकार द्वारा जारी आदेश के अनुसार, उन्नत CHC पिलखी के संचालन हेतु कुल 36 नए पदों को स्वीकृति दी गई है —
- 26 नियमित,
- 10 आउटसोर्सिंग पद,
ताकि स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता में किसी तरह की बाधा न रहे। ये पद फिलहाल 28 फ़रवरी 2026 तक के लिए अस्थायी रूप से स्वीकृत किए गए हैं, जिन्हें आगे आवश्यकता अनुसार बढ़ाया जा सकता है।
इस कदम का सीधा लाभ पिलखी, घनसाली, भिलंगना और आसपास के दर्जनों गांवों के हजारों नागरिकों को मिलने जा रहा है।
“पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएँ मजबूत करना हमारी प्राथमिकता”— मुख्यमंत्री धामी
प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल है।
मुख्यमंत्री ने कहा—
“हमारी सरकार का लक्ष्य है कि पर्वतीय इलाकों में भी वही स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध हों, जैसी मैदानों में हैं। पिलखी का CHC उन्नयन न केवल स्थानीय जनता को राहत देगा, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ाएगा।”
धामी ने आगे कहा कि राज्य सरकार “हर घर स्वास्थ्य, हर व्यक्ति स्वस्थ” के संकल्प के साथ तेजी से काम कर रही है और किसी भी क्षेत्र को स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में पीछे नहीं छोड़ा जाएगा।
आंदोलन हुआ समाप्त, संघर्ष मोर्चा ने जताया आभार
पिलखी—घनसाली क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी को लेकर पिछले कई दिनों से आंदोलनरत घनसाली स्वास्थ्य जन संघर्ष मोर्चा के सदस्यों ने इस निर्णय पर संतोष जताते हुए हड़ताल खत्म की घोषणा की।
प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि—
- पिलखी PHC को CHC में अपग्रेड करने की मांग वर्षों पुरानी थी।
- स्थानीय आबादी को गंभीर मरीजों को देहरादून या ऋषिकेश ले जाने में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था।
- CHC बनने से क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और गंभीर रोगियों को तुरंत उपचार मिलेगा।
मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद मोर्चा के संयोजकों ने कहा—
“सरकार ने हमारी मांगों को समझा और तत्काल निर्णय लेकर क्षेत्र की बड़ी समस्या का समाधान किया। हम इसके लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हैं।”
प्रतिनिधिमंडल में—
संजीव आर्य, विक्रम कपाल, अनुग्रह लाल शाह, गोविंद दिगारी, सुनीता पवार, कमला पंवार, अनुग्रह कपाल और अंकित नौडियाल शामिल रहे।
CHC बनने से क्या बदलेगा? क्षेत्र को क्या-क्या लाभ मिलेंगे?
पिलखी में स्वास्थ्य सेवाएँ बेहद सीमित रही हैं। वर्तमान PHC में—
- सीमित बेड,
- सीमित स्टाफ,
- और अत्याधुनिक जांच सुविधाओं का अभाव
स्थानीय जनता की सबसे बड़ी पीड़ा रही है।
30-बेड CHC बनने के बाद क्षेत्र को मिलेंगे:
✔ इमरजेंसी सेवाएँ
अब गंभीर मरीजों को रात में भी प्राथमिक उपचार तत्काल मिलेगा।
✔ विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपलब्धता
नई स्वीकृतियों में मेडिकल ऑफिसर, स्टाफ नर्स, लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट आदि शामिल हैं।
✔ गर्भवती महिलाओं के लिए बड़ी राहत
प्रसूति सेवाओं के लिए अब देहरादून/ऋषिकेश जैसी दूर की यात्रा नहीं करनी पड़ेगी।
✔ स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार
36 पदों में कई स्थानीय युवाओं को भी नियुक्ति के अवसर मिलेंगे।
✔ स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए अलग बजट और संसाधन
उन्नयन के साथ CHC को अलग हेड से संसाधन मिलेंगे, जिससे दवाओं, उपकरणों और सुविधाओं की गुणवत्ता बढ़ेगी।
CM का आश्वासन—“भवन सुधार, उपकरण और स्टाफिंग पर तुरंत कार्यवाही”
मुख्यमंत्री धामी ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि—
- CHC का भवन चरणबद्ध तरीके से विकसित किया जाएगा।
- आवश्यक उपकरणों की खरीद,
- स्टाफ की तैनाती,
- और चिकित्सा सेवाओं का विस्तार
तेजी से पूरा किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा—
“सरकार का संकल्प स्पष्ट है—प्रदेश का कोई भी नागरिक स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित न रहे। घनसाली और पिलखी क्षेत्र की समस्याओं को गंभीरता से लिया जाएगा और हर स्तर पर समाधान सुनिश्चित होगा।”
राज्य सरकार का फोकस: पर्वतीय जिलों में स्वास्थ्य ढांचे का व्यापक विस्तार
उत्तराखंड सरकार पिछले कुछ समय में पर्वतीय जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए लगातार फैसले ले रही है:
- कई PHC/CHC को अपग्रेड किया गया
- टेली-मेडिसिन सेवाओं का विस्तार
- डॉक्टरों की तैनाती के लिए विशेष प्रोत्साहन
- मोबाइल मेडिकल यूनिट्स की तैनाती
- दूरस्थ क्षेत्रों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का नेटवर्क सुदृढ़
पिलखी CHC का उन्नयन इसी व्यापक रणनीति का हिस्सा है।
निष्कर्ष: पिलखी को मिला “बहुप्रतीक्षित स्वास्थ्य ब्रेकथ्रू”
घनसाली-पिलखी क्षेत्र के लिए यह निर्णय विकास की दृष्टि से मील का पत्थर माना जा रहा है। वर्षों से चली आ रही स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी की समस्या अब काफी हद तक दूर होने की उम्मीद है।
सरकार द्वारा CHC उन्नयन, 36 पदों की स्वीकृति और मुख्यमंत्री के व्यक्तिगत हस्तक्षेप ने क्षेत्र की जनता के विश्वास को मजबूत किया है।
स्थानीय निवासी इसे “लंबे संघर्ष के बाद मिली ऐतिहासिक जीत” बता रहे हैं — और आने वाले महीनों में जैसे-जैसे CHC का ढांचा विकसित होगा, इसके प्रत्यक्ष फायदे हजारों परिवारों तक पहुँचेंगे।



