धर्मांतरण रैकेट में ISI कनेक्शन! छांगुर बाबा पर गंभीर आरोप, 3000 से अधिक अनुयायी सक्रिय थे

लखनऊ, 14 जुलाई 2025: उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधी दस्ता (UP ATS) को एक बड़े धर्मांतरण मॉड्यूल के मामले में गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी संकेत हाथ लगे हैं। धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार किए गए जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के संबंध पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI से जुड़े पाए गए हैं। इस खुलासे ने सुरक्षा एजेंसियों और केंद्रीय खुफिया तंत्र को सतर्क कर दिया है।
ATS सूत्रों के अनुसार, छांगुर बाबा देशभर में धर्मांतरण फैलाने के उद्देश्य से संगठित अभियान चला रहा था, जिसमें तकनीक, सोशल इंजीनियरिंग और अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन का इस्तेमाल किया जा रहा था।
3000 सक्रिय अनुयायी और देशव्यापी नेटवर्क
ATS की पूछताछ में सामने आया है कि:
- छांगुर बाबा ने करीब 3000 प्रशिक्षित अनुयायियों का एक नेटवर्क खड़ा किया था।
- इनका कार्यक्षेत्र उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, तमिलनाडु और महाराष्ट्र तक फैला था।
- ये लोग हिंदू नाम और पहचान का इस्तेमाल कर लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाकर धर्मांतरण को अंजाम देते थे।
बेटा महबूब बना अभियान प्रमुख
सूत्रों ने बताया कि छांगुर ने अपने बेटे महबूब को इस ऑपरेशन का रणनीतिक लीडर नियुक्त किया था।
महबूब ने:
- जिलों में अनुयायियों को नियुक्त किया
- अभियान पर नजर रखने के लिए एक तकनीकी निगरानी यूनिट बनाई
- ‘लक्ष्य’ युवतियों की पहचान और जानकारी जुटाने के लिए फील्ड टीम गठित की
यह फील्ड टीम सामान्य नागरिकों की तरह समाज में घुलमिलकर स्थानीय स्तर पर लड़कियों और उनके परिवारों से संबंधित जानकारियां इकट्ठा करती थी।
ISI और नेपाल के जरिए सीमापार नेटवर्क
सबसे चौंकाने वाला खुलासा छांगुर बाबा के नेपाल में ऑपरेटिंग नेटवर्क को लेकर हुआ है। ATS सूत्रों के अनुसार:
- छांगुर नेपाल में बैठकर गिरोह का समन्वय कर रहा था
- वहीं से ISI एजेंटों के साथ उसका संपर्क स्थापित हुआ
- उद्देश्य था देश की जनसांख्यिकीय संरचना (demography) को अस्थिर करना
इस पूरे नेटवर्क को भारत में ‘धार्मिक पहचान के माध्यम से वैचारिक अतिक्रमण’ की योजना का हिस्सा माना जा रहा है।
कानूनी प्रक्रिया: ATS और ED दोनों सक्रिय
छांगुर वर्तमान में 16 जुलाई तक ATS की कस्टडी में है। पूछताछ में रोजाना नए खुलासे हो रहे हैं, जिससे यह आशंका जताई जा रही है कि:
- कस्टडी अवधि को बढ़ाया जा सकता है
- प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध फंडिंग नेटवर्क की जांच कर रहा है
- धार्मिक संगठनों और विदेशी NGO से फंडिंग के पहलुओं को भी खंगाला जा रहा है
प्रशासन की अपील और सुरक्षा एजेंसियों की तैयारी
UP ATS ने कहा है कि:
“हमारा उद्देश्य सिर्फ अवैध धर्मांतरण पर कार्रवाई करना नहीं है, बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा को चुनौती देने वाले संगठनों की कमर तोड़ना है।”
इस पूरे मामले को अब राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) और UAPA के तहत केस दर्ज कर आगे बढ़ाया जा सकता है।
एक ‘सांस्कृतिक युद्ध’ का चेहरा?
छांगुर बाबा का मामला केवल धर्मांतरण का नहीं, बल्कि एक संगठित, प्रायोजित और योजनाबद्ध अभियान का संकेत देता है —
जिसका लक्ष्य भारत की सांस्कृतिक और सामाजिक बनावट को प्रभावित करना, और विदेशी एजेंसियों के हितों के अनुरूप वैचारिक आधार बदलना है।
इस केस के सभी पहलुओं की निष्पक्ष जांच और दोषियों को न्यायिक दायरे में लाना देश की सुरक्षा और सामाजिक संतुलन के लिए अनिवार्य हो गया है।