
नई दिल्ली, 4 सितंबर 2025: पंजाब इस समय 1988 के बाद की सबसे भीषण बाढ़ से जूझ रहा है। राज्य के सभी 23 जिले बुरी तरह प्रभावित हैं। अब तक 30 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों परिवार बेघर हो गए हैं। खेत-खलिहान जलमग्न हो चुके हैं और लाखों रुपये की फसलें बर्बाद हो गई हैं। प्रशासन और सेना की टीमें राहत और बचाव कार्य में लगी हैं।
इस बीच, आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने अपने सांसद निधि कोष (MPLAD Funds) से 3.25 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि 2.75 करोड़ रुपये बाढ़ निरोधक तटबंधों की मरम्मत और मजबूती पर खर्च होंगे, जबकि 50 लाख रुपये राहत और पुनर्वास के लिए दिए जाएंगे।
प्रकृति की भीषण मार झेल रहा पंजाब
राघव चड्ढा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर जारी अपने वीडियो संदेश में कहा,
“पूरा पंजाब इस समय प्रकृति की भीषण मार झेल रहा है। किसी के खेत डूब गए, तो किसी की वर्षों की मेहनत मिनटों में बर्बाद हो गई। पशुधन का बड़ा नुकसान हुआ है और इस आपदा में 30 से अधिक लोगों की जान चली गई। मैं हर बिछड़ी हुई आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।”
राज्य के कई हिस्सों में लोग अपने घरों से पलायन करने को मजबूर हैं। सड़कें और पुल बह गए हैं। गांवों में बिजली और पीने के पानी की भारी किल्लत है।
पंजाब ने हार नहीं मानी
सांसद राघव चड्ढा ने इस आपदा के बीच पंजाब की हिम्मत और एकजुटता की तारीफ की। उन्होंने कहा,
“इतना कुछ होने के बाद भी पंजाब ने हार नहीं मानी। मैं उन जवानों—सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डॉक्टर्स, पंजाब पुलिस, बीएसएफ—को नमन करता हूं, जो फ्लड के बीच अपनी जान जोखिम में डालकर मदद कर रहे हैं। सिविल सोसायटी, एनजीओ और पंजाब के युवाओं ने जो साहस दिखाया है, वह काबिल-ए-तारीफ है।”
सांसद होने के नाते जिम्मेदारी
चड्ढा ने कहा कि सांसद होने के नाते पंजाब की हर मदद करना उनकी जिम्मेदारी है।
- 2.75 करोड़ रुपये: तटबंधों और बांधों की मरम्मत व मजबूती के लिए।
- 50 लाख रुपये: राहत व पुनर्वास कार्यों के लिए।
उन्होंने कहा,
“यह पंजाब का पैसा है, जो पंजाब के लोगों के लिए है। मैं केंद्र सरकार से भी अपील करता हूं कि इस आपदा की घड़ी में वह पंजाब सरकार को अधिकतम सहयोग दे।”
बाढ़ का व्यापक असर
पंजाब में बाढ़ से हालात बेहद खराब हैं।
- 23 जिले प्रभावित – ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्र पानी में डूबे।
- 30 से ज्यादा मौतें, दर्जनों लोग लापता।
- हजारों घर क्षतिग्रस्त, लाखों लोग प्रभावित।
- फसलों का भारी नुकसान, खासकर धान, कपास और सब्ज़ियों की खेती।
- पशुधन की मौत और चारा संकट।
प्रशासन और सेना का रेस्क्यू ऑपरेशन
राज्य सरकार और केंद्र की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
- एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की दर्जनों टीमें तैनात।
- बाढ़ प्रभावित इलाकों से अब तक 20,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया।
- राहत शिविरों में हजारों लोगों को शरण दी गई।
- मेडिकल कैंप और मोबाइल अस्पताल भी सक्रिय किए गए हैं।
किसानों और व्यापारियों पर संकट
- पंजाब के किसानों की सबसे बड़ी चिंता है कि उनकी फसलें बर्बाद हो चुकी हैं।
- कृषि विशेषज्ञों का अनुमान है कि राज्य को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
- व्यापार और परिवहन तंत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
- दिल्ली और हरियाणा तक सब्ज़ियों और अनाज की सप्लाई बाधित होने लगी है।
जलवायु परिवर्तन का असर?
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की असामान्य बारिश और बाढ़ जलवायु परिवर्तन (Climate Change) का नतीजा है।
- मानसून के पैटर्न में लगातार बदलाव।
- अल्प समय में अत्यधिक बारिश (Heavy Rainfall Events) में बढ़ोतरी।
- राज्यों को दीर्घकालिक बाढ़ प्रबंधन योजना बनाने की जरूरत।
पंजाब इस समय एक बड़ी प्राकृतिक आपदा से गुजर रहा है। जहां लोगों को अपने घर-परिवार और फसलें गंवानी पड़ी हैं, वहीं प्रशासन और सेना लगातार राहत कार्य में जुटी हुई है। इस बीच सांसद राघव चड्ढा की ओर से सांसद निधि से 3.25 करोड़ रुपये की मदद का ऐलान पीड़ितों के लिए राहत लेकर आया है।
लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या हम भविष्य में ऐसी त्रासदियों से निपटने के लिए तैयार हैं? बाढ़ सिर्फ प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि हमारी तैयारी और जल प्रबंधन तंत्र की परीक्षा भी है।