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Birthday Special: ऑक्सफोर्ड से पढ़ाई, रिजर्व बैंक के गवर्नर फिर भारत के PM, 91 साल के महान अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह

आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री और महान अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह का 91वां जन्मदिन है। वह साल 2004 से लेकर 2014 तक यूपीए सरकार में लगातार 10 साल तक देश के प्रधानमंत्री रहे थे। राजनीतिक प्रतिष्ठा हासिल करने के अलावा भी मनमोहन सिंह एक और पहचान रखते हैं। वह एक महान अर्थशास्त्री हैं और उन्होंने कैम्ब्रिज और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय जैसी प्रतिष्ठित जगहों से पढ़ाई की है। उन्हें ऑक्सफोर्ड से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि मिली हुई है।

निजी जीवन

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में हुआ था। विभाजन के बाद उनका परिवार भारत आ गया। उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन किया। इसके बाद वह कैम्ब्रिज चले गए। यहां पढ़ने के बाद वह ऑक्सफोर्ड चले गए और फिर यहां भी हाई एजुकेशन पाई। वह अर्थशास्त्र के टीचर रहे हैं। वह पंजाब विश्वविद्यालय और दिल्ली स्कूल ऑफ इकनामिक्स में प्राध्यापक भी रहे हैं। हाल ही में संसद में जब अविश्वास प्रस्ताव की वोटिंग प्रक्रिया हुई थी, तब मनमोहन सिंह को व्हील चेयर पर देखा गया था। इससे साफ है कि मनमोहन पर उम्र का असर दिखाई देने लगा है लेकिन उनके हौसलों में कोई कमी नहीं आई है। मनमोहन सिंह के परिवार में उनकी पत्नी गुरशरण कौर और तीन बेटियां हैं।

रिजर्व बैंक के गवर्नर

मनमोहन सिंह रिजर्व बैंक के गवर्नर भी रहे हैं। 1982 से 1985 तक अपने कार्यकाल में उन्होंने बैंकिंग सेक्टर में सुधार लाने के लिए तमाम काम किए। मनमोहन ने संयुक्त राष्ट्र के साथ भी काम किया है। साल 1966-1969 के दौरान वह संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के लिए आर्थिक मामलों के अधिकारी के रूप में काम कर चुके हैं।

राजनीतिक जीवन

साल 1985 में जब राजीव गांधी की सरकार थी, तब मनमोहन सिंह को भारतीय योजना आयोग का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था। वह इस पद पर लगातार 5 सालों तक रहे। साल 1990 में वह पीएम के आर्थिक सलाहकार बने। पी वी नरसिंहराव की सरकार में मनमोहन सिंह को वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली। साल 1991 में उन्हें असम से राज्यसभा के लिए चुना गया। मनमोहन ने देश में आर्थिक सुधार लाने के लिए तमाम काम किए। साल 1998 और 2004 के बीच वह विपक्ष के नेता रहे और 2004 के आम चुनावों के बाद 22 मई को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और फिर 22 मई 2009 को दूसरे कार्यकाल के लिए फिर पीएम पद की शपथ ली। इस तरह वह लगातार दस साल तक प्रधानमंत्री रहे।

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