Deprecated: htmlspecialchars(): Passing null to parameter #1 ($string) of type string is deprecated in /home/u147495553/domains/thehillindia.com/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4724
देशफीचर्ड

नई दिल्ली : टीवी रिपोर्ट बच्चों पर मनोवैज्ञानिक असर डालती हैं, पीड़ितों की निजता का हनन करती हैं-सूचना और प्रसारण मंत्रालय

सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने परेशान करने वाले फुटेज और दर्दनाक तस्वीरों के प्रसारण के खिलाफ टीवी चैनलों को सचेत किया

रक्तमय, शवों, शारीरिक हमले की तस्वीरें दर्दनाक और प्रोग्राम कोड के खिलाफ हैं

चैनलों द्वारा सोशल मीडिया से लिए जाने वाले हिंसक वीडियो में कोई संपादन नहीं किया जा रहा है

टीवी रिपोर्ट बच्चों पर मनोवैज्ञानिक असर डालती हैं, पीड़ितों की निजता का हनन करती हैं

सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने आज सभी टेलीविजन चैनलों को दुर्घटनाओं, मौतों और महिलाओं, बच्चों एवं बुजुर्गों के खिलाफ होने वाली हिंसा सहित हिंसा की विभिन्न घटनाओं की वैसी रिपोर्टिंग के खिलाफ एक परामर्श जारी किया है, जो “अरुचिकर और अशोभनीय” होती हैं। मंत्रालय द्वारा यह परामर्श टेलीविजन चैनलों द्वारा विवेकहीनता दर्शाए जाने के कई मामलों के संज्ञान में आने के बाद जारी किया गया है।

मंत्रालय ने कहा है कि टेलीविजन चैनलों ने लोगों के शवों और रक्तरंजित घायल लोगों, महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों सहित लोगों को बेरहमी से पीटे जाने, एक शिक्षक द्वारा पिटे जा रहे एक बच्चे के लगातार रोने – चिल्लाने की तस्वीरें/वीडियो धुंधला किए या उन्हें दूर के शॉट्स में दिखाने की सावधानी बरतते बगैर उन हरकतों को घेरकर और भी भयानक बनाते हुए निकट के शॉट्स में कई मिनटों तक बार-बार दिखाए हैं। यह बात भी प्रकाश में आई है कि ऐसी घटनाओं की रिपोर्टिंग का यह तरीका दर्शकों के लिए अरुचिकर और उन्हें परेशान करने वाला है।

इस परामर्श में विभिन्न दर्शकों पर इस तरह की रिपोर्टिंग से पड़ने वाले असर पर प्रकाश डाला गया है। इसमें कहा गया है कि ऐसी खबरों का बच्चों पर विपरीत मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी पड़ सकता है। परामर्श ने इस तथ्य को भी रेखांकित किया है कि इसमें निजता के हनन का एक महत्वपूर्ण मुद्दा भी है जो संभावित रूप से निंदनीय और मानहानि करने वाला हो सकता है। आमतौर पर घरों में परिवार के सभी वर्ग के लोगों – वृद्ध, मध्यम आयु वर्ग, छोटे बच्चे आदि और विभिन्न सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि वाले लोगों – के साथ देखा जाने वाला एक मंच होने के नाते, टेलीविजन प्रसारकों पर जिम्मेदारी और अनुशासन की एक खास भावना पैदा करते हैं, जिन्हें प्रोग्राम कोड और विज्ञापन कोड में संकलित किया गया है।

मंत्रालय ने यह पाया है कि ज्यादातर मामलों में वीडियो सोशल मीडिया से लिए जा रहे हैं और प्रोग्राम कोड के अनुपालन और निरंतरता सुनिश्चित करने के संपादकीय विवेक एवं संशोधनों के बिना प्रसारित किए जा रहे हैं।

हाल ही में प्रसारित ऐसे कंटेंट के उदाहरणों की सूची नीचे दी गई है:

  1. 30.12.2022 को दुर्घटना में घायल हुए एक क्रिकेटर की दर्दनाक तस्वीरें और वीडियो बिना धुंधला किए दिखाये गये।
  2. 28.08.2022 को एक पीड़ित के शव को घसीटते एक व्यक्ति और चारों ओर खून के बिखरे छींटे तथा पीड़ित के चेहरे पर केंद्रित एक दर्दनाक फुटेज दिखाया गया।
  3. 06-07-2022 की एक दर्दनाक घटना में बिहार के पटना स्थित एक कोचिंग कक्षा में एक शिक्षक को पांच वर्ष के एक बच्चे को बेरहमी से तब तक पीटते हुए देखा जा सकता है जब तक कि वह बेहोश नहीं हो गया। क्लिप को म्यूट किए बिना चलाया गया था जिसमें दया की भीख मांगते बच्चे की दर्दनाक चीखें सुनी जा सकती हैं और इसे 09 मिनट से अधिक समय तक दिखाया गया।
  4. 04-06-2022 को एक पंजाबी गायक के मृत शरीर की दर्दनाक तस्वीरों को बिना धुंधला किए दिखाया गया।
  5. 25-05-2022 को असम के चिरांग जिले में एक व्यक्ति द्वारा दो नाबालिग लड़कों को डंडे से बेरहमी से पीटने की दिल दहला देने वाली घटना को दिखाया गया। वीडियो में उस शख्स को बेरहमी से लड़कों को लाठी से पीटते देखा जा सकता है। क्लिप को बिना धुंधला या म्यूट किए चलाया गया जिसमें लड़कों के रोने की दर्द भरी आवाज साफ सुनाई दे रही है।
  6. 16-05-2022 को कर्नाटक के बागलकोट जिले में एक महिला अधिवक्ता के साथ उसके पड़ोसी ने बेरहमी से मारपीट की, जिसे बिना संपादन के लगातार दिखाया गया।
  7. 04-05-2022 को तमिलनाडु के विरुधुनगर जिले के राजापलायम में एक व्यक्ति को अपनी ही बहन की हत्या करते हुए दिखाया गया है।
  8. 01-05-2022 को छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में एक व्यक्ति को पेड़ से उल्टा लटका कर पांच लोगों द्वारा बेरहमी से लाठियों से पीटने की घटना के बारे में दिखाया गया।
  9. 12-04-2022 को एक दुर्घटना में पांच शवों के दर्दनाक दृश्य लगातार बिना धुंधला किए दिखाए गए।
  10. 11-04-2022 की एक घटना में केरल के कोल्लम में एक व्यक्ति को अपनी 84 वर्षीय मां पर बेरहमी से हमला करते, उसे घसीटते हुए और लगातार बेरहमी से पीटते हुए लगभग 12 मिनट तक बिना धुंधला किए दिखाया गया।
  11. 07-04-2022 को बंगलुरू में एक बूढ़े व्यक्ति द्वारा अपने बेटे को आग लगाने का एक बेहद परेशान कर देने वाला वीडियो दिखाया गया। बूढ़े व्यक्ति द्वारा माचिस की तीली जलाकर उसे अपने बेटे पर फेंके जाने का असंपादित फुटेज बार-बार प्रसारित किया गया।
  12. 22-03-2022 को असम के मोरीगांव जिले में एक 14 वर्षीय नाबालिग लड़के की पिटाई का वीडियो बिना धुंधला या म्यूट किए चलाया गया जिसमें लड़के को बेरहमी से पीटे जाने के दौरान रोते और गिड़गिड़ाते हुए सुना जा सकता है।

इस तरह के प्रसारण पर चिंता जताते हुए और इसमें शामिल व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए और बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों सहित टेलीविजन चैनलों के दर्शकों की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए, मंत्रालय ने सभी निजी टेलीविजन चैनलों को कड़ाई से यह सलाह दी है कि वे अपनी प्रणाली और मृत्यु सहित अपराध, दुर्घटना एवं हिंसा की घटनाओं की रिपोर्टिंग के तौर – तरीकों को प्रोग्राम कोड के अनुरूप बनायें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Deprecated: htmlspecialchars(): Passing null to parameter #1 ($string) of type string is deprecated in /home/u147495553/domains/thehillindia.com/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4724