
नई दिल्ली, 12 मई 2025: भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशकों (DGMO) के बीच सोमवार को एक महत्वपूर्ण वार्ता हुई, जिसमें दोनों देशों ने नियंत्रण रेखा (LoC) पर गोलीबारी रोकने और सैन्य तनाव कम करने पर सहमति जताई। यह वार्ता 10 मई को पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम के प्रस्ताव के बाद की गई, जिसे भारत ने अपनी शर्तों पर स्वीकार किया।
वार्ता का विवरण
-
यह बैठक हॉटलाइन के माध्यम से शाम करीब 5 बजे शुरू हुई, हालांकि इसे दोपहर 12 बजे प्रस्तावित किया गया था।
-
भारत की ओर से लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, और पाकिस्तान की ओर से मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्लाह ने वार्ता में भाग लिया।
-
दोनों डीजीएमओ के बीच सीजफायर का पालन, एक-दूसरे पर गोली न चलाने, और सीमा पर सैनिकों की संख्या में कमी जैसे मुद्दों पर सहमति बनी।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद बदले हालात
भारत द्वारा हाल ही में किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के कई एयरबेसों पर लक्षित हमलों से पाकिस्तान को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। इसके बाद पाकिस्तान ने भारत से टकराव न बढ़ाने का प्रस्ताव रखा।
संघर्ष विराम समझौते की पुनः पुष्टि
-
दोनों पक्षों ने वर्ष 2021 के संघर्ष विराम समझौते की पुनः पुष्टि की है, जिसमें नियंत्रण रेखा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने की बात की गई थी।
-
डीजीएमओ वार्ता में यह भी दोहराया गया कि हॉटलाइन जैसी सैन्य संवाद प्रणालियों का उपयोग लगातार किया जाएगा ताकि भविष्य में गलतफहमियों को रोका जा सके।
सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान ने यह संकेत दिया है कि वह अब इस संघर्ष को आगे नहीं बढ़ाएगा और सीजफायर उल्लंघन से परहेज करेगा। भारत ने यह स्पष्ट किया कि वह केवल जवाबी कार्रवाई में संलिप्त है और सीमा पर शांति बनाए रखना उसकी प्राथमिकता है।
भारत-पाक डीजीएमओ के बीच बनी यह सहमति क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए एक सकारात्मक संकेत है। हालांकि हालिया संघर्षों ने दोनों देशों के बीच अविश्वास को गहराया है, लेकिन सैन्य स्तर पर संवाद और संघर्ष विराम को लेकर बनी सहमति भविष्य में तनाव को कम करने की दिशा में अहम कदम हो सकती है।