
देहरादून: देहरादून में सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों पर वितरित होने वाले नमक को लेकर बवाल मच गया है। सोशल मीडिया पर रविवार को एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें दिखाया गया कि राशन से मिलने वाले नमक में रेत जैसी चीजें मौजूद हैं। नमक की पैकिंग पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की तस्वीर होने से विवाद और गहरा गया है।
वीडियो सबसे पहले वरिष्ठ पत्रकार महिपाल नेगी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा किया। उन्होंने दिखाया कि जब यह नमक पानी में डाला गया, तो उसमें छोटे-छोटे कण नीचे बैठते दिखाई दिए। इसके बाद आम लोगों ने भी अपने घरों में यही प्रयोग किया।
स्थानीय लोगों ने भी समस्या उजागर की
स्थानीय निवासी राजेंद्र नेगी और आरती बिष्ट ने बताया कि उन्होंने अपने हिस्से का नमक पानी में मिलाया तो उसमें रेत जैसी चीजें पाई गई। इस घटना ने लोगों में नाराजगी बढ़ा दी।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह मामला गरीबों के स्वास्थ्य से सीधे जुड़ा है, क्योंकि सरकारी राशन का उद्देश्य गरीबों को सुरक्षित और पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य सामग्री उपलब्ध कराना है।
सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद बढ़ा विवाद
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद, लोग खाद्य आपूर्ति विभाग से तुरंत जांच की मांग कर रहे हैं। नागरिकों का कहना है कि यह सरकारी राशन के साथ खिलवाड़ है और इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
वायरल वीडियो में दिखाए गए नमक की पैकिंग पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की तस्वीर होने की वजह से मामला और संवेदनशील बन गया।
खाद्य विभाग का बयान
इस पूरे विवाद पर जिला खाद्य पूर्ति अधिकारी मनोज कुमार डोभाल ने कहा:
“वर्तमान में जो नमक बांटा जा रहा है, वह मुख्यमंत्री नमक पोषण योजना के अंतर्गत दिया जा रहा फोर्टीफाइड नमक है। इसे बनाने की प्रक्रिया में अतिरिक्त पोषक तत्व मिलाए जाते हैं ताकि पोषण स्तर बढ़ाया जा सके।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि वायरल वीडियो और आरोपों को देखते हुए, नमक के नमूने की जांच किसी मान्यता प्राप्त संस्था से कराई जाएगी।
विशेषज्ञों की राय
- फोर्टीफाइड नमक में आयोडीन, लोहा और अन्य पोषक तत्व मिलाए जाते हैं।
- उत्पादन और पैकिंग के दौरान अगर सामग्री ठीक से प्रोसेस न की जाए, तो छोटे कण या अवशेष दिखाई दे सकते हैं।
- विशेषज्ञों का कहना है कि जांच रिपोर्ट आने तक जनता को आश्वस्त और सतर्क रहना चाहिए।
नागरिकों की प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर नमक में वाकई अशुद्धता मिली है, तो यह गरीबों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है।
- लोग मांग कर रहे हैं कि नमक की फुल जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
- कई नागरिकों ने सोशल मीडिया पर भी अपनी चिंता व्यक्त की और आरोपों की निष्पक्ष जांच की अपील की।
प्रशासन की तैयारी
- खाद्य विभाग ने नमक के सैंपल संग्रह और परीक्षण के लिए तुरंत कदम उठाने की पुष्टि की।
- अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान नमक के सभी बैचों का परीक्षण किया जाएगा।
- साथ ही जनता को सुरक्षित नमक वितरण के लिए वैकल्पिक कदम भी अपनाए जाएंगे।
देहरादून में सरकारी राशन के साथ आए नमक विवाद ने सोशल मीडिया और जनता में चिंता पैदा कर दी है। खाद्य विभाग की जांच और प्रशासन की सतर्कता इस मामले में अहम साबित होगी।