
काबुल/नई दिल्ली/लाहौर: अफगानिस्तान में रविवार देर रात 6.0 तीव्रता का भूकंप आया, जिसने पाकिस्तान और भारत के कई हिस्सों तक लोगों को झकझोर दिया। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र नंगरहार प्रांत के जलालाबाद के पास था और यह जमीन की सतह से केवल 8 किलोमीटर गहराई पर दर्ज किया गया। भूकंप स्थानीय समयानुसार रात 11:47 बजे महसूस किया गया।
अफगानिस्तान में तबाही, नौ की मौत
नंगरहार प्रांत के स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता अजमल दरवैश के मुताबिक इस आपदा में अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 25 से अधिक लोग घायल हैं। कई घरों को नुकसान पहुंचा है और राहत कार्य जारी है।
लाहौर से दिल्ली तक महसूस हुए झटके
भूकंप के झटके अफगानिस्तान तक सीमित नहीं रहे। पाकिस्तान के लाहौर, इस्लामाबाद और पेशावर में लोग घरों से बाहर निकल आए। दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में भी रात को धरती हिलने का अहसास हुआ।
अफगानिस्तान का भूकंप इतिहास
अफगानिस्तान का भौगोलिक क्षेत्र भूकंपीय रूप से बेहद संवेदनशील माना जाता है।
- 7 अक्टूबर, 2023 को अफगानिस्तान में 6.3 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें हजारों लोगों की जान गई थी। तालिबान सरकार ने उस समय मौत का आंकड़ा लगभग 4,000 बताया था, जबकि संयुक्त राष्ट्र ने इसे करीब 1,500 कम माना था।
- इसके अलावा, बीते वर्षों में भी अफगानिस्तान कई बार घातक भूकंपों की चपेट में आ चुका है।
प्रभावित क्षेत्रों में राहत अभियान
स्थानीय प्रशासन और बचावकर्मी नंगरहार समेत आसपास के जिलों में राहत और बचाव कार्य में जुटे हैं। मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए टीमें तैनात हैं। वहीं, अस्पतालों में आपात स्थिति घोषित कर दी गई है।
लोगों में दहशत
भूकंप के बाद लोग रातभर अपने घरों से बाहर खुले में डटे रहे। सोशल मीडिया पर भी कई वीडियो सामने आए हैं, जिनमें लोग भागते हुए नजर आ रहे हैं।
अफगानिस्तान में आया यह भूकंप एक बार फिर याद दिलाता है कि देश प्राकृतिक आपदाओं से उबरने के लिहाज से बेहद कमजोर बुनियादी ढांचे पर निर्भर है। विशेषज्ञों का मानना है कि क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति और कमजोर इन्फ्रास्ट्रक्चर इसे भूकंप की मार के लिए सबसे संवेदनशील इलाकों में शामिल करता है।