धर्मांतरण रैकेट में बड़ी कार्रवाई: छांगुर बाबा के दो करीबी सहयोगी यूपी ATS के हत्थे चढ़े

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में संचालित कथित धर्मांतरण रैकेट के खिलाफ यूपी ATS को बड़ी सफलता मिली है। एटीएस ने शनिवार, 19 जुलाई 2025 को बलरामपुर जिले से छांगुर बाबा के दो प्रमुख सहयोगियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान सबरोज और शहाबुद्दीन के रूप में हुई है।
दोनों पर उत्तर प्रदेश में गैरकानूनी धर्मांतरण के लिए सक्रिय अभियान चलाने का आरोप है। पुलिस के अनुसार, ये छांगुर बाबा के विश्वस्त सहयोगी थे और उनके इशारे पर बड़े पैमाने पर धर्मांतरण गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे।
कई संगीन धाराओं में केस दर्ज
एटीएस के अनुसार, गिरफ्तार आरोपियों पर निम्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है:
- धारा 121ए (राजद्रोह के लिए आपराधिक षड्यंत्र)
- धारा 417 व 420 (धोखाधड़ी और विश्वासघात)
- धारा 153ए (साम्प्रदायिक वैमनस्य फैलाना)
- उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 की कई धाराएं
पूछताछ में सामने आए अहम सुराग
पूछताछ के दौरान पुलिस को कई आपत्तिजनक दस्तावेज, मोबाइल फोन, और संदिग्ध संपर्कों की सूची हाथ लगी है। शुरुआती जांच में पता चला है कि दोनों आरोपित राज्य के विभिन्न हिस्सों और पड़ोसी राज्यों में फैले एक बड़े नेटवर्क का हिस्सा हैं।
पुलिस का मानना है कि ये आरोपी सैकड़ों लोगों को गुमराह कर धर्म परिवर्तन कराने में शामिल थे। इसके पीछे सुनियोजित रणनीति और धन का उपयोग भी हो रहा था, जिसकी जांच जारी है।
न्यायिक हिरासत में भेजे गए आरोपी
गिरफ्तार दोनों आरोपियों को शनिवार को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
वहीं, पुलिस ने यह भी संकेत दिया है कि छांगुर बाबा के नेटवर्क से जुड़े अन्य कई संदिग्धों की पहचान की जा चुकी है और आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां संभव हैं।
धर्मांतरण रैकेट की जांच तेज
इस पूरे प्रकरण ने एक बार फिर राज्य में चल रहे कथित धर्मांतरण रैकेट को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। यूपी एटीएस, एसटीएफ और लोकल पुलिस की टीमें अब इस नेटवर्क के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन की भी जांच कर रही हैं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, एजेंसियों को कई विदेशी फंडिंग के सुराग भी मिले हैं, जिनकी सत्यता की पुष्टि के लिए जांच एजेंसियां ईडी और आईबी से भी समन्वय कर रही हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार की सख्त नीतियों के बावजूद राज्य में धर्मांतरण गतिविधियों के गहराते जाल ने कानून-व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा किया है। छांगुर बाबा और उनके साथियों पर शिकंजा कसने के लिए एजेंसियां सक्रिय हैं, और इस मामले की अगली कार्रवाई राज्य की सुरक्षा और सामाजिक तानेबाने के लिहाज से अहम मानी जा रही है।