
नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र के बीच सोमवार को राजधानी की सियासी फिजा विपक्षी एकजुटता और चुनावी पारदर्शिता के मुद्दे पर गरमा गई। बिहार में मतदाता सूची में कथित गड़बड़ी और चुनावों में धांधली के आरोपों के खिलाफ ‘इंडिया’ ब्लॉक के सांसदों ने आज संसद भवन से दिल्ली स्थित भारतीय चुनाव आयोग (ECI) तक पैदल मार्च निकाला।
राहुल गांधी के नेतृत्व में 1 किलोमीटर का मार्च
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी इस विरोध मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं। सुबह से ही संसद भवन परिसर में विपक्षी सांसद इकट्ठा हुए और नारेबाजी के बीच मार्च की शुरुआत हुई। योजना के अनुसार, यह मार्च संसद से लगभग 1 किलोमीटर दूर स्थित ईसीआई मुख्यालय तक जाएगा।
चुनाव आयुक्तों से मुलाकात का अनुरोध
सूत्रों ने बताया कि विपक्षी नेताओं ने चुनाव आयुक्तों से औपचारिक मुलाकात के लिए समय मांगा है, ताकि वे अपनी शिकायतें और साक्ष्य सीधे आयोग के समक्ष रख सकें। विपक्ष का आरोप है कि बिहार समेत कई राज्यों में मतदाता सूची में मनमानी तरीके से नाम जोड़े और हटाए गए हैं, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होते हैं।
‘इंडिया’ ब्लॉक का साझा एजेंडा
मार्च में कांग्रेस के अलावा तृणमूल कांग्रेस, राजद, द्रमुक, समाजवादी पार्टी, भाकपा, माकपा समेत सभी प्रमुख विपक्षी दलों के सांसद शामिल हुए। सभी दलों ने इस मुद्दे को संसद के भीतर और बाहर एक स्वर में उठाने की रणनीति बनाई है।
रात को खड़गे के डिनर में रणनीति बैठक
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार रात ‘इंडिया’ ब्लॉक के सांसदों के लिए डिनर का आयोजन किया है, जो दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित ताज पैलेस होटल में होगा। सूत्रों के अनुसार, इस डिनर में न केवल मौजूदा विरोध अभियान पर चर्चा होगी, बल्कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकजुटता को मजबूत करने की रणनीति पर भी विचार किया जाएगा।
चुनावी पारदर्शिता पर बड़ा सवाल
विपक्ष का मानना है कि चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता के बिना लोकतंत्र कमजोर होता है।राहुल गांधी ने हाल ही में एक बयान में कहा था, “चुनाव आयोग का कर्तव्य है कि वह हर मतदाता के अधिकार की रक्षा करे, और यदि उसमें गड़बड़ी होती है, तो यह लोकतंत्र के साथ विश्वासघात है।”
संसद के भीतर भी गरमाया माहौल
आज के प्रदर्शन के चलते संसद के दोनों सदनों में विपक्षी सांसदों ने जोरदार हंगामा किया और बिहार मुद्दे पर तत्काल चर्चा की मांग की। सत्तापक्ष ने विपक्ष के आरोपों को राजनीति से प्रेरित करार देते हुए खारिज कर दिया।
संसद से चुनाव आयोग तक ‘इंडिया’ ब्लॉक का यह मार्च न केवल बिहार में मतदाता सूची में कथित गड़बड़ी के खिलाफ है, बल्कि यह 2024 के चुनावी परिदृश्य में विपक्ष की एकजुटता और सक्रियता का भी संदेश देता है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा संसद के भीतर और सड़कों पर, दोनों जगह गरमा सकता है।