
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि फिल्म की रिलीज़ के गुण-दोष पर कोई टिप्पणी किए बिना, मामला दिल्ली हाईकोर्ट को सौंपा गया है। अब हाईकोर्ट इस विवाद पर सोमवार को सुनवाई करेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को हाईकोर्ट जाने की दी सलाह
सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा,
“यह अदालत कोई स्थगनादेश नहीं दे रही है, उचित आदेश पारित करना हाईकोर्ट पर निर्भर है।”
साथ ही याचिकाकर्ताओं को दिल्ली हाईकोर्ट में अपनी दलीलें पेश करने की सलाह दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि हाईकोर्ट सोमवार को ही मामले की मेरिट पर सुनवाई शुरू करे।
निर्माता की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने निरर्थक करार दी
फिल्म के निर्माता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील गौरव भाटिया ने अदालत में कहा कि,
“सेंसर बोर्ड और सरकारी मंजूरी के बावजूद, मेरी पूरी जीवनभर की पूंजी इस फिल्म में लगी है और 12 दिन की रिलीज़ देरी से भारी नुकसान हुआ है।”
हालांकि, जस्टिस सूर्यकांत ने तंज करते हुए कहा:
“12 दिन का नुकसान नहीं हुआ, बल्कि इन विवादों ने फिल्म को जबरदस्त पब्लिसिटी दी है — यह प्रचार फिल्म के लिए बेहतर साबित हो सकता है।”
1200 स्क्रीन बुक, लेकिन रिलीज़ पर विवाद
गौरव भाटिया ने बताया कि फिल्म रिलीज़ के लिए देशभर में 1200 स्क्रीन बुक की गई थीं। उन्होंने यह भी कहा कि
“किसी की भावनाएं आहत होंगी, यह कहकर बार-बार स्टे की मांग करना फिल्म निर्माताओं के निवेश और प्रयासों पर पानी फेरने जैसा है।”
क्या है ‘उदयपुर फाइल्स’ विवाद?
फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ का कथित तौर पर राजस्थान के उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल की हत्या पर आधारित होना बताया गया है। इसके कथानक को लेकर विरोध जताया गया है, जिसके चलते फिल्म की रिलीज़ को चुनौती दी गई।
अब हाईकोर्ट की सुनवाई अहम
अब सबकी निगाहें सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं, जहां यह तय होगा कि फिल्म की रिलीज़ पर स्थगनादेश दिया जाए या नहीं।
🟠 सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, सेंसर बोर्ड की वैधता और कोर्ट की सीमाओं को लेकर एक बार फिर चर्चा के केंद्र में है।