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पीएम मोदी को मिला घाना का सर्वोच्च सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’, भारत-घाना के बीच चार अहम समझौते

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अकरा (घाना):प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घाना सरकार ने अपने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ से सम्मानित किया है। घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा ने उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया। इस सम्मान के साथ ही पीएम मोदी को मिलने वाले अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों की संख्या दो दर्जन से अधिक हो गई है।

सम्मान ग्रहण करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने इसे भारत के सवा सौ करोड़ नागरिकों को समर्पित किया और घाना की जनता व सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “यह सम्मान हमारे ऐतिहासिक संबंधों, सांस्कृतिक विविधता और साझा मूल्यों का प्रतीक है।”

द्विपक्षीय संबंधों में नई ऊंचाई

प्रधानमंत्री मोदी ने अकरा में घाना के राष्ट्रपति जॉन महामा और उपराष्ट्रपति प्रोफेसर नाना जेन ओपोकु-अग्येमांग के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की। बातचीत के बाद दोनों देशों ने अपने संबंधों को ‘व्यापक साझेदारी’ में बदलने का ऐलान किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और घाना ने अगले पांच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य तय किया है। उन्होंने घाना को “एक भरोसेमंद मित्र और विकास साझेदार” बताया।

चार महत्वपूर्ण समझौते

भारत और घाना के बीच जिन चार अहम क्षेत्रों में समझौते हुए हैं, वे इस प्रकार हैं:

  1. संस्कृति का आदान-प्रदान
  2. पारंपरिक चिकित्सा में सहयोग
  3. शिक्षा और प्रशिक्षण
  4. औद्योगिक विकास के लिए तकनीकी साझेदारी

इन समझौतों से द्विपक्षीय संबंधों को और गहराई मिलेगी।

आतंकवाद और वैश्विक संकटों पर साझा चिंता

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति महामा ने आतंकवाद को मानवता के लिए खतरा बताते हुए इसके खिलाफ आपसी सहयोग को मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “घाना, भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक सशक्त साझेदार है।”

इसके अलावा, दोनों नेताओं ने पश्चिम एशिया और यूरोप में जारी संघर्षों पर चिंता जताई और समाधान के लिए बातचीत व कूटनीति को आवश्यक बताया। प्रधानमंत्री मोदी ने दो टूक कहा, “यह युद्ध का युग नहीं है।”

प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा न सिर्फ भारत-घाना संबंधों को एक नई दिशा देती है, बल्कि अफ्रीकी देशों के साथ भारत के रणनीतिक और सांस्कृतिक संबंधों को भी मजबूती प्रदान करती है। यह सम्मान भारत की वैश्विक भूमिका और बढ़ते कूटनीतिक प्रभाव का प्रतीक भी है।

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