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चीन की कर्ज देकर गुलाम बनाने वाली चाल से परेशान हुआ श्रीलंका, अब राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति की करेगा समीक्षा

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चीन की चाल से श्रीलंका भी अब परेशान होने लगा है। श्रीलंका से पहले चीन पाकिस्तान, नेपाल, इंडोनेशिया जैसे कई देशों में यह कार्ड खेल चुका है। अब श्रीलंका को कर्ज के एहसान तले दबाने में जुट गया है। इससे श्रीलंका की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा होने लगा है। श्रीलंका के बंदरगाहों पर चीन के जासूसी जहाजों की मौजूदगी से भारत की सुरक्षा में भी सेंध लगाने की कोशिश हो रही है। इससे श्रीलंका नई मुसीबत में घिर चुका है। श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने शनिवार को कहा कि बढ़ती अंतरराष्ट्रीय प्रतिद्वंद्विता के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति की समीक्षा की जायेगी।

राष्ट्रपति ने कहा कि बढ़ती अंतरराष्ट्रीय प्रतिद्वंद्विता में उलझने से बचने और हिंद महासागर में तटस्थता को बरकरार रखने के मकसद से देश की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति की विस्तृत समीक्षा की जरूरत है। विक्रमसिंघे ने दक्षिणी जिले गाले में नौसैनिकों को संबोधित करते करते हुए कहा कि समीक्षा में विस्तृत मुद्दे होंगे जिनमें उभरते आर्थिक रुझान और जलवायु परिवर्तन आदि शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि आज की जमीनी स्थिति यह है कि हिंद महासागर में वैश्विक शक्तियों के बीच अतिक्रमण को लेकर संघर्ष जारी है। विक्रमसिंघे ने कहा, ‘‘एक मोर्चे पर अमेरिका और चीन के बीच प्रशांत महासागर में प्रभुत्व स्थापित करने को लेकर संघर्ष जारी है। इसी के साथ पश्चिमी देशों और रूस का यूक्रेन को लेकर सत्ता संघर्ष सामने आया है। इस प्रतिस्पर्धा का असर दूरदराज के अफ्रीका के नाइजर तक पहुंच गया है।

 

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