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देहरादून के 12 शहरी स्वास्थ्य केंद्रों पर एक साथ छापेमारी, भारी अनियमितताएं उजागर — DM ने ₹5 लाख जुर्माना ठोका, अनुबंध टर्मिनेशन की सिफारिश

PPP मोड पर संचालित अस्पतालों में स्टाफ गायब, दवाएं अधूरी, टीकाकरण की व्यवस्था लचर, जिलाधिकारी सविन बंसल के नेतृत्व में चार टीमें सुबह 9 बजे निकलीं निरीक्षण पर

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देहरादून, विशेष संवाददाता: देहरादून में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल पर संचालित 12 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (Urban PHC) में मंगलवार को जिला प्रशासन द्वारा की गई औचक छापेमारी में भारी अनियमितताओं का खुलासा हुआ है।

जिलाधिकारी सविन बंसल के नेतृत्व में चार अलग-अलग प्रशासनिक टीमों ने सुबह 9 बजे एक साथ विभिन्न PHC पर दबिश दी, जिसमें कई स्थानों पर डॉक्टर, लैब टेक्नीशियन और ANM तक अनुपस्थित पाए गए।


इन केंद्रों पर हुई छापेमारी

अधिकारी निरीक्षण किए गए PHC
DM सविन बंसल जाखन, गांधीग्राम
CDO अभिनव शाह चूना भट्टा, अधोईवाला, कारगी
SDM सदर हरी गिरी रीठामंडी, बकरालवाला, खुड़बुड़ा, सीमाद्वार
SDM मुख्यालय अपूर्वा सिंह दीपनगर, माजरा, बीएस **** कॉलोनी

प्रमुख खामियां जो सामने आईं

  • स्टाफ की अनुपस्थिति: डॉक्टर, ANM और टेक्नीशियन नाम मात्र में दर्ज
  • फर्जी उपस्थिति: बायोमेट्रिक एंट्री में हेरफेर के संकेत
  • दवाओं की कमी: आवश्यक दवाएं स्टॉक में नहीं, कुछ केंद्रों पर बाहर से लिखी जा रही थीं
  • कोल्ड चेन की विफलता: वैक्सीन स्टोरेज के लिए जनरेटर नदारद
  • बायोमेडिकल वेस्ट: नियमविहीन निस्तारण
  • साफ-सफाई की बदहाली: दीवारों पर जाले, वॉशबेसिन सूखे
  • महिला-बाल स्वास्थ्य: अलग इंतज़ाम नहीं
  • रजिस्ट्रेशन फॉर्मलिटी: टीकाकरण, OPD, इमरजेंसी रजिस्टर अपडेट नहीं

DM ने ठोका ₹5 लाख जुर्माना, अनुबंध टर्मिनेशन की सिफारिश

जिलाधिकारी ने प्राइवेट ऑपरेटर ‘अक्षांस/चित्रांश JVK प्रा. लि.’ पर ₹5 लाख का जुर्माना लगाया है और कंपनी के अनुबंध को समाप्त करने की सिफारिश राज्य सरकार को भेजी है।

उन्होंने आदेश दिया है कि:

  • प्रत्येक अस्पताल का 3 माह का बायोमेट्रिक डेटा प्रस्तुत किया जाए
  • सभी PHC में जनरेटर, दवा स्टॉक, स्टाफ उपस्थिति, बैठने की व्यवस्था और शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित हो

CDO ने दिए जवाब-तलब के निर्देश

मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने चूना भट्टा, अधोईवाला और कारगी PHC के निरीक्षण के दौरान प्रबंधकों को तलब किया।
उन्होंने चेतावनी दी कि जिन अस्पतालों में स्वास्थ्य मानक नहीं मिले, उनके विरुद्ध भारी आर्थिक दंड लगाया जाएगा।


जनता की शिकायतें सही साबित

DM कार्यालय को पिछले कुछ महीनों से शिकायतें मिल रही थीं कि PPP मोड पर संचालित PHC में:

  • स्टाफ की कमी
  • पैथोलॉजी में हेराफेरी
  • बाहर की महंगी दवाएं
  • महिला-बाल चिकित्सा की उपेक्षा
  • गंभीर गंदगी और असुविधा

मंगलवार की कार्रवाई में ये सभी शिकायतें सत्य पाई गईं।


प्रशासन की कार्यशैली बनी मिसाल, सुधार की उम्मीद

प्रशासन की इस योजनाबद्ध छापेमारी से स्वास्थ्य विभाग और निजी ऑपरेटरों में हड़कंप मच गया है।
अब उम्मीद जताई जा रही है कि इस कार्रवाई से राज्य के शहरी स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति में व्यावहारिक और दीर्घकालिक सुधार आएगा।

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