बेंगलुरु: सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने पिछली भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा बनाए गए धर्मांतरण-विरोधी कानून को रद्द करने का फैसला लिया है. राज्य कैबिनेट की तरफ से इसे लेकर गुरुवार को एक प्रस्ताव पास किया गया. राज्य के कानून और संसदीय मामलों के मंत्री एचके पाटिल ने बताया कि प्रस्ताव को गुरुवार को राज्य कैबिनेट की मंजूरी मिल गई. पिछली बीजेपी सरकार ने एक अध्यादेश के माध्यम से पहले इसे लागू किया था बाद में इसे सदन में लाया गया था.
बताते चलें कि तात्कालिन सरकार की तरफ से लाए गए इस कानून को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के बीच टकराव देखने को मिला था. कांग्रेस ने इस कानून को अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के लिए एक हथियार बताया था. इस विषय पर मंत्री एचके पाटिल ने कहा कि मंत्रिमंडल ने स्कूली इतिहास की किताबों से केबी हेडगेवार से जुड़े अध्यायों को भी हटाने का फैसला लिया है. गौरतलब है कि केबी हेडगेवार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक थे. उनसे जुड़े अध्यायों को पिछले साल किताबों में जोड़ा गया था. पाटिल ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि मंत्रिमंडल ने स्कूलों और कॉलेजों में भजन के साथ संविधान की प्रस्तावना को पढ़ना अनिवार्य करने का भी फैसला लिया है.