
नई दिल्ली, 4 अगस्त: दिल्ली विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत सोमवार को भारी हंगामे के साथ हुई। सदन में दिल्ली सरकार के मंत्री आशीष सूद द्वारा ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन महादेव की सफलता पर धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किए जाने के दौरान विपक्ष और सत्ता पक्ष आमने-सामने आ गए। आशीष सूद ने कहा कि “पहलगाम हमले में मारे गए टूरिस्टों पर विपक्ष की संवेदना सवालों के घेरे में है, क्योंकि AAP नेताओं ने सेना से सबूत मांगे थे।”
इस पर आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक संजीव झा ने पलटवार करते हुए कहा, “जब POK पर कब्ज़ा करने का मौका था, तो सरकार ने सेना को वापस बुला लिया। आज तक किसी प्रधानमंत्री ने इतना कमजोर और कायराना फैसला नहीं लिया।”
इस टिप्पणी पर विधानसभा अध्यक्ष बिजेंदर गुप्ता ने कड़ी आपत्ति जताते हुए विधायक संजीव झा से अपनी बात वापस लेने को कहा। जब उन्होंने इनकार किया, तो अध्यक्ष ने मार्शल की मदद से उन्हें सदन से बाहर निकालने के आदेश दे दिए। अध्यक्ष ने निर्देश दिया कि उक्त शब्दों को सदन की कार्यवाही से विलोपित किया जाए।
🗨️ मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का विपक्ष पर तीखा हमला: “एक चुटकी सिंदूर की कीमत तुम क्या जानो…”
सत्र के दौरान मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सपा सांसद जया बच्चन के ‘सिंदूर’ नाम पर की गई टिप्पणी को लेकर पलटवार करते हुए कहा, “यह देश की सेना का अपमान है। मैं उन्हें फिल्मी अंदाज में ही जवाब दूंगी — एक चुटकी सिंदूर की कीमत तुम क्या जानो…”
मुख्यमंत्री ने विपक्षी गठबंधन INDIA पर भी तंज कसा और कहा कि, “इनकी भाषा अब यह पहचानने नहीं देती कि यह भारत के नेता हैं या पाकिस्तान के।” उन्होंने 1947 से लेकर 1971 तक की ऐतिहासिक घटनाओं को गिनाते हुए कहा कि “जब पाकिस्तान कश्मीर पर कब्जा कर रहा था, तब उसकी ज़िम्मेदारी क्यों नहीं ली गई? 1971 में बंदी बनाए गए 93,000 सैनिकों को बिना शर्त क्यों छोड़ा गया?”
📚 प्राइवेट स्कूल फीस पर नियंत्रण का बिल पेश, बिना ऑडिट नहीं बढ़ेगी फीस
सत्र के दौरान दिल्ली सरकार ने प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस वृद्धि को रोकने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण विधेयक सदन पटल पर रखा।
इस बिल में स्पष्ट किया गया है कि कोई भी निजी स्कूल तब तक फीस नहीं बढ़ा सकेगा जब तक उसकी वित्तीय ऑडिट नहीं होती, और फीस निर्धारण समिति से स्वीकृति प्राप्त नहीं होती। यह प्रस्ताव दिल्ली के लाखों अभिभावकों को राहत देने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
🔍 CAG रिपोर्ट भी पेश, कांग्रेस का झुग्गी तोड़ने पर विरोध प्रदर्शन का ऐलान
विधानसभा सत्र में सरकार द्वारा नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट भी सदन में रखी गई। वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस ने दिल्ली में झुग्गी तोड़ने की कार्यवाही को लेकर विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है।
सत्र के पहले दिन ही राजनीतिक तापमान चरम पर
दिल्ली विधानसभा का मानसून सत्र पहले दिन से ही राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बनता दिखा। एक ओर सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर विपक्ष की ‘नीति’ पर सवाल उठा रही है, तो दूसरी ओर विपक्ष सामाजिक मुद्दों और शासन की संवेदनशीलता को कठघरे में खड़ा कर रहा है। आने वाले दिनों में सदन में और तीखी बहसें देखने को मिल सकती हैं।