
नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र का आज भी माहौल गरमाया रहा। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) समेत विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष की चर्चा की मांग को लेकर मंगलवार को एक बार फिर लोकसभा और राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्यों के विरोध के कारण स्थगित करनी पड़ी।
मानसून सत्र के दूसरे दिन भी संसद में कोई ठोस कामकाज नहीं हो सका। प्रश्नकाल और शून्यकाल, दोनों ही बाधित रहे और जनहित से जुड़े महत्वपूर्ण सवालों को उठाने का अवसर नहीं मिला।
क्या है SIR विवाद?
विपक्षी दलों का आरोप है कि बिहार में Special Intensive Revision (SIR) यानी विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया में भाजपा सरकार पक्षपात कर रही है। आरोप है कि मतदाता सूची में राजनीतिक हस्तक्षेप हो रहा है, जिससे निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया पर प्रभाव पड़ सकता है।
विपक्ष ने इस मुद्दे पर सदन में विस्तृत चर्चा की मांग की, जिसे लेकर उन्होंने नारेबाजी और वेल में जाकर प्रदर्शन किया। नतीजतन, कार्यवाही बाधित हुई और दो बार स्थगन के बाद दोनों सदनों को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।
सरकार ने बताया विपक्षी रणनीति, विपक्ष बोला– जनहित पर हमला
सत्ता पक्ष ने विपक्षी दलों के व्यवहार को “सोची-समझी रणनीति” बताते हुए कहा कि सरकार सभी सवालों पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष अनावश्यक हंगामे के जरिए सत्र को बाधित कर रहा है। उधर, विपक्ष ने पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि सरकार लोकतंत्र की आवाज दबा रही है और संवेदनशील मुद्दों पर बहस से भाग रही है।
हंगामे की वजह से रुक गया सत्र का एजेंडा
गौरतलब है कि संसद के मानसून सत्र में सरकार कई अहम विधेयक पेश करने की तैयारी में है, जिसमें स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल, डिजिटल ट्रस्ट बिल, और डेटा प्रोटेक्शन से जुड़े मसौदे शामिल हैं। लेकिन लगातार हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही ठप है और संसदीय एजेंडा अटक गया है।
क्या होगा आगे?
अब निगाहें बुधवार की कार्यवाही पर हैं — क्या सदन की कार्यवाही सुचारू हो पाएगी या विपक्ष का विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा, इस पर सभी की नजर टिकी है।