
देहरादून – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरकारी भूमि पर अतिक्रमण और अवैध कब्जों को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया है कि इसके लिए एक मजबूत और प्रभावी मैकेनिज्म तैयार किया जाए, जिससे भविष्य में किसी प्रकार का अतिक्रमण न हो सके। उन्होंने कहा कि गंगा सहित अन्य नदियों के किनारों पर हो रहे अतिक्रमण को प्राथमिकता के आधार पर हटाया जाए।
मुख्यमंत्री आवास में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में श्री धामी ने जनपद स्तर पर प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि पहले भी अतिक्रमण हटाने को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं, लेकिन अब सघन अभियान चलाकर सरकारी भूमि को अतिक्रमणमुक्त किया जाए।
मुख्यमंत्री ने सभी जिलों में सिंचाई, लोक निर्माण, वन और राजस्व विभागों की संयुक्त टीमें बनाकर विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही हरिद्वार में गंगा तट, रुद्रपुर में कल्याणी नदी और नैनीताल जिले में कोसी नदी किनारे हो रहे अतिक्रमण को तत्काल हटाने की बात कही।
उन्होंने शासन स्तर पर एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने का भी निर्देश दिया, जो मैदानी क्षेत्रों में अतिक्रमण मामलों की निगरानी करेगा।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सरकारी भूमि को हड़पने वालों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए और फर्जी दस्तावेजों के ज़रिये जमीन कब्जाने के मामलों में भी सख्त उपाय किए जाएं।
बैठक में उपस्थित एडीजी ए.पी. अंशुमान ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि बाहरी लोगों के सत्यापन के लिए 18 बिंदुओं पर डेटा संकलन किया जा रहा है, जिसे राज्य स्तर पर एकीकृत किया जाएगा। इस पर सीएम ने सत्यापन प्रक्रिया को और कड़ा और पारदर्शी बनाए जाने की अपेक्षा जताई।
इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव एस.एन. पांडेय, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते और अपर सचिव बंशीधर तिवारी समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री धामी का स्पष्ट संदेश है – “सरकारी जमीन पर कब्जा किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”