
पटना: बिहार की राजधानी पटना एक बार फिर बड़ी आपराधिक वारदात से दहल गई। बुधवार देर रात चित्रगुप्त नगर थाना क्षेत्र के मुन्नाचक इलाके में राजद नेता राजकुमार राय उर्फ अल्ला राय की गोली मारकर हत्या कर दी गई। अपराधियों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग की और मौके से फरार हो गए।
पुलिस ने घटनास्थल से 6 खोखा बरामद किया है और सीसीटीवी फुटेज में दो अपराधियों की पहचान होती नजर आ रही है।
घटना की जानकारी और पुलिस की कार्रवाई
जैसे ही फायरिंग की सूचना मिली, चित्रगुप्त नगर थाना पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची। घायल हालत में राजद नेता को पीएमसीएच (पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल) ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
घटनास्थल पर पूर्वी एसपी परिचय कुमार, एएसपी सदर अभिनव, कंकड़बाग थाना प्रभारी अभय कुमार और चित्रगुप्त नगर थानाध्यक्ष भारी पुलिस बल के साथ पहुंचे। फिलहाल इलाके में पुलिस कैंप कर रही है।
एसपी परिचय कुमार ने कहा:
“प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि दो अपराधियों ने घटना को अंजाम दिया। सभी पहलुओं पर जांच जारी है और एफएसएल की टीम भी मौके पर जांच कर रही है।”
कौन थे राजकुमार राय?
- मृतक राजकुमार राय उर्फ अल्ला राय मूल रूप से राघोपुर के रहने वाले थे।
- वे राजनीति में काफी सक्रिय थे और जमीन संबंधी कारोबार से भी जुड़े हुए थे।
- चर्चा थी कि आगामी विधानसभा चुनाव में वे राघोपुर सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे।
उनकी बढ़ती राजनीतिक सक्रियता को लेकर माना जा रहा है कि हत्या के पीछे राजनीतिक रंजिश या व्यक्तिगत दुश्मनी दोनों ही कारण हो सकते हैं।
इलाके में दहशत का माहौल
वारदात के बाद मुन्नाचक और आसपास के इलाके में दहशत का माहौल है। चश्मदीदों के मुताबिक, अपराधियों ने बेहद नजदीक से फायरिंग की। यह इलाका भीड़भाड़ वाला है, लेकिन अपराधी वारदात को अंजाम देकर आसानी से फरार हो गए, जो सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।
क्या है हत्या की वजह?
पुलिस फिलहाल दो संभावित एंगल पर जांच कर रही है:
- राजनीतिक रंजिश – विधानसभा चुनाव से पहले प्रतिद्वंद्वियों के बीच तनाव।
- व्यक्तिगत दुश्मनी – जमीन कारोबार से जुड़ा विवाद या पुरानी दुश्मनी।
एफएसएल और सीसीटीवी फुटेज की जांच के बाद ही असली वजह सामने आने की संभावना है।
बिहार चुनाव से पहले बड़ा मुद्दा बनेगा मामला
यह वारदात ऐसे समय पर हुई है, जब बिहार में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी बढ़ रही है। विपक्षी दल खासकर राजद और कांग्रेस, पहले से ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जेडीयू-बीजेपी गठबंधन सरकार को कानून-व्यवस्था को लेकर घेर रहे हैं।
राजद नेता तेजस्वी यादव कई बार कह चुके हैं कि बिहार में अपराधियों का मनोबल बढ़ चुका है और सरकार पूरी तरह विफल है। अब राजद नेता की हत्या को विपक्ष चुनावी मुद्दा बना सकता है।
बिहार में बढ़ते अपराध पर सवाल
हाल के महीनों में पटना समेत बिहार के कई जिलों में हत्या और आपराधिक घटनाएं बढ़ी हैं।
- कुछ हफ्ते पहले पटना में एक कारोबारी की हत्या ने सुर्खियां बटोरी थीं।
- भोजपुर और दरभंगा में भी राजनैतिक कार्यकर्ताओं पर हमले हुए थे।
राजद नेता की हत्या ने एक बार फिर “जंगलराज बनाम सुशासन” की बहस को ताजा कर दिया है।
पटना में राजद नेता राजकुमार राय की हत्या न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि यह बिहार की राजनीति में नया भूचाल भी ला सकती है। चुनाव से ठीक पहले हुई इस घटना को विपक्षी दल निश्चित तौर पर चुनावी मुद्दा बनाएंगे।
अब देखना यह होगा कि पुलिस कितनी जल्दी अपराधियों को पकड़ पाती है और क्या सरकार इस घटना से उपजे राजनीतिक तूफान को संभाल पाती है।