
नई दिल्ली। संसद का मॉनसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होने वाला है, और विपक्षी दलों का गठबंधन ‘INDIA’ (इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इन्क्लूसिव अलायंस) केंद्र सरकार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’, बिहार वोटर लिस्ट रिवीजन जैसे मुद्दों पर घेरने की रणनीति बना रहा है। लेकिन सत्र शुरू होने से ठीक पहले विपक्ष की एकता को करारा झटका लगा है।
आम आदमी पार्टी (AAP) ने गठबंधन की आज शाम 7 बजे होने वाली ऑनलाइन बैठक में शामिल होने से साफ इनकार कर दिया है। वहीं, तृणमूल कांग्रेस (TMC) की ओर से भी पहले नकारात्मक संकेत मिले, हालांकि बाद में अभिषेक बनर्जी की संभावित भागीदारी की बात सामने आई है।
‘इंडिया’ गठबंधन में आप की दूरी
आप ने औपचारिक रूप से गठबंधन से दूरी बनाते हुए कहा कि ‘INDIA ब्लॉक सिर्फ लोकसभा चुनाव तक सीमित था’, और अब उसका औचित्य समाप्त हो चुका है। आप नेताओं का मानना है कि वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति में कांग्रेस के साथ खड़ा होना पार्टी की रणनीतिक दृष्टि से नुकसानदेह हो सकता है, खासकर उन राज्यों में जहां पार्टी अपने पैर पसार रही है – जैसे गुजरात, हरियाणा और मध्यप्रदेश।
दिल्ली और पंजाब, दो प्रमुख राज्यों में AAP और कांग्रेस के बीच पहले से ही तकरार चल रही है। दिल्ली में आप मानती है कि कांग्रेस के साथ प्रतिस्पर्धा ने उसका नुकसान किया, जबकि पंजाब में दोनों दल सीधी टक्कर में हैं।
TMC की चुप्पी और बंगाल की राजनीति
ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस ने शुरुआत में विपक्षी बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया था, citing “21 जुलाई का शहीद दिवस” – एक राजनीतिक रूप से अहम दिन जब पार्टी सिंगुर आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि देती है।
बंगाल में कांग्रेस और वाम दलों के साथ राजनीतिक ध्रुवीकरण की वजह से TMC विपक्षी मंच पर उनके साथ दिखाई नहीं देना चाहती। हालांकि, अब खबर है कि अभिषेक बनर्जी संभवतः ऑनलाइन बैठक में शामिल होंगे – लेकिन इससे स्पष्ट है कि TMC अब भी पूरी प्रतिबद्धता के साथ विपक्षी गठबंधन का हिस्सा नहीं बनना चाहती।
गठबंधन का भविष्य सवालों के घेरे में
सिर्फ आप और TMC ही नहीं, विपक्ष के भीतर से भी ‘INDIA’ गठबंधन को लेकर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी साफ कह चुके हैं कि
“INDIA गठबंधन को भंग कर देना चाहिए, क्योंकि लोकसभा चुनाव के बाद इसकी कोई गतिविधि नहीं रही है।”
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद पूरे साल में अब तक सिर्फ एक ही बैठक हुई है — जून में, जब संसद सत्र बुलाने की मांग उठी थी। अब जबकि संसद सत्र शुरू हो रहा है, विपक्ष के दो प्रमुख दलों की दूरी गठबंधन की एकजुटता पर बड़ा प्रश्नचिह्न लगा रही है।
राजनीतिक विश्लेषण:
- AAP की रणनीति स्पष्ट है — कांग्रेस को काटकर बीजेपी से सीधा मुकाबला करने की स्थिति में आना।
- TMC बंगाल में कांग्रेस-वाम गठजोड़ से साफ दूरी बनाना चाहती है, जिससे उसकी अलग पहचान बनी रहे।
- ‘INDIA’ गठबंधन का भविष्य अब बहुत हद तक क्षेत्रीय समीकरणों और दलगत लाभ-हानि की गणना पर टिका है।
मॉनसून सत्र में यदि विपक्ष सरकार को घेरना चाहता है, तो पहले उसे अपने भीतर की दरारें पाटनी होंगी। अन्यथा, संसद में विपक्षी ताकत की जगह उसकी विचलन और विघटन की तस्वीर ही सामने आएगी।