
चकराता | 18 जुलाई 2025: उत्तराखंड के सीमांत और दुर्गम क्षेत्रों में एक ओर जहां भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित है, वहीं दूसरी ओर जिलाधिकारी सविन बंसल ने आपदा प्रबंधन अधिनियम की विशेष शक्तियों का प्रयोग कर जजरेट क्षेत्र में 200 मीटर ऊंचे और 180 मीटर चौड़े स्लोप स्टेबलाइजेशन कार्य को तत्काल हरी झंडी दे दी है। वर्षों से वन भूमि हस्तांतरण और क्षतिपूर्ति (CA Land) की जटिलताओं में उलझे इस प्रोजेक्ट को डीएम ने मौके पर ही समाधान कर दिशा दे दी।
आपदा एक्ट की ‘स्पेशल पॉवर्स’ से मिला फौरन समाधान
डीएम बंसल ने रॉक फॉल बैरियर बनाने की अनुमति मौके पर ही प्रदान करते हुए लोनिवि को जल्द से जल्द डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार करने के निर्देश दिए।
इस साहसिक निर्णय से न सिर्फ सड़क को सुरक्षित किया जा सकेगा, बल्कि क्षेत्रीय निवासियों को राहत भी मिलेगी, जो लंबे समय से इस जोखिम के बीच जी रहे थे।
वर्षा काल में ‘ग्राउंड ज़ीरो’ पर डीएम: चकराता के सुदूर गांवों तक पहुँच कर जाना हाल
वर्षाकाल के खतरों के बीच डीएम सविन बंसल खुद ग्राउंड ज़ीरो पर पहुंचे और चकराता ब्लॉक के कई दुर्गम गांवों का निरीक्षण किया। उन्होंने ध्वेरा, जड़वाला और हईया क्षेत्रों में सुधारीकरण के लिए तत्काल ₹10 लाख की धनराशि आपदा मद से स्वीकृत की।
भूस्खलन प्रभावित पाटा गांव में डीएम का निरीक्षण; जियोलॉजिकल सर्वे और पुनर्वास का निर्देश
ग्राम पंचायत बमराड़ के अंतर्गत आने वाले पाटा गांव में भू-धसाव की स्थिति को देखते हुए डीएम ने तत्काल जियोलॉजिकल सर्वे कराने के आदेश दिए हैं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि पाटा क्षेत्र का वैज्ञानिक ट्रीटमेंट कराया जाएगा, और यदि आवश्यकता पड़ी तो पुनर्वास का वैकल्पिक प्लान भी लागू किया जाएगा।
प्रशासनिक दृढ़ता और संवेदनशीलता का उदाहरण
डीएम बंसल ने कहा—
“पहाड़ों की लाइफ लाइन सड़कों को हर हाल में दुरुस्त रखना है। राज्य सरकार का उद्देश्य है कि किसी भी आपदा की स्थिति में तत्काल प्रतिक्रिया दी जाए और लोगों को सुरक्षित रखा जाए।”
तेज़ फैसले, ज़मीनी काम और राहत की उम्मीद
- 🌧️ रॉक फॉल बैरियर की अनुमति मौके पर
- 📋 लोनिवि को DPR के निर्देश
- 💰 ₹10 लाख की त्वरित आपदा मद से स्वीकृति
- 🧭 पाटा गांव के भू-स्खलन का वैज्ञानिक सर्वे
- 🏡 पुनर्वास के लिए बी-प्लान तैयार
वर्षाकाल में पहाड़ी जिलों के लिए जीवन रेखा बनी सड़कों को सुरक्षित और सुचारू रखने के लिए डीएम सविन बंसल के नेतृत्व में प्रशासन सक्रियता से जुटा है।
आपदा एक्ट का इस्तेमाल कर लिए गए त्वरित फैसले, स्थानीय लोगों के लिए राहत और उम्मीद की नई किरण लेकर आए हैं।