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दक्षिण भारत में बारिश, उत्तर में बढ़ी ठंड — मौसम विभाग ने दी अगले 5 दिनों की चेतावनी

नई दिल्ली: देश के दक्षिणी हिस्सों में एक बार फिर मॉनसून की विदाई से पहले की बारिश देखने को मिल रही है, वहीं उत्तर भारत में तापमान लगातार गिर रहा है। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, तमिलनाडु, केरल, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम (पुडुचेरी) में अगले कुछ दिनों तक हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। दूसरी ओर, दिल्ली, उत्तराखंड, हिमाचल, पंजाब और हरियाणा में रात के तापमान में गिरावट दर्ज की गई है, जिससे सर्दी का शुरुआती असर दिखने लगा है।


 दक्षिण भारत में सक्रिय है निचले दबाव का क्षेत्र

भारतीय मौसम विभाग (IMD) के ताजा बुलेटिन के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने एक निचले दबाव के क्षेत्र (Low Pressure Area) के कारण दक्षिणी राज्यों में बारिश का दौर जारी है। इस सिस्टम के अगले 48 घंटे में धीरे-धीरे पश्चिम दिशा की ओर बढ़ने की संभावना है।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार,

“यह सिस्टम तमिलनाडु और केरल में 16 से 18 अक्टूबर के बीच हल्की से मध्यम बारिश लाएगा। कुछ स्थानों पर गरज-चमक के साथ तेज हवाएँ भी चल सकती हैं।”

केरल के कोझिकोड, त्रिशूर और इडुक्की जिलों, जबकि तमिलनाडु के मदुरै, तिरुनेलवेली और नागपट्टिनम क्षेत्रों में बारिश की संभावना अधिक जताई गई है।
तटीय आंध्र प्रदेश और यनम में भी बादल छाए रहेंगे और बीच-बीच में फुहारें पड़ सकती हैं।


 उत्तर भारत में गिर रहा तापमान

जहाँ दक्षिण भारत में मॉनसून की विदाई के पहले की बारिश राहत दे रही है, वहीं उत्तर भारत में ठंडी हवाओं की शुरुआत हो चुकी है। दिल्ली-एनसीआर में न्यूनतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस के आसपास दर्ज किया गया, जो इस सीजन का सबसे कम स्तर है। हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी सुबह और शाम के समय ठंडक बढ़ी है।

मौसम वैज्ञानिक आर. के. जेनामनी ने बताया,

“उत्तर भारत में अब उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाएँ सक्रिय हो रही हैं। हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी शुरू होने से मैदानी इलाकों में भी ठंड का असर महसूस किया जा रहा है।”


 पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी और बारिश

हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ऊपरी इलाकों में हल्की बर्फबारी और बारिश दर्ज की गई है। हिमाचल के लाहौल-स्पीति, किन्नौर और कुल्लू जिलों में बर्फ की पतली परत जमने लगी है। उत्तराखंड के बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम में भी हल्की बर्फबारी हुई, जिससे तीर्थयात्रियों को ठंड का सामना करना पड़ा। राज्य के मैदानी हिस्सों — देहरादून, हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर — में तापमान सामान्य से 3 डिग्री तक नीचे चला गया है।


 दिल्ली में वायु गुणवत्ता फिर “खराब” श्रेणी में

सर्दी के साथ दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या भी लौटने लगी है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, गुरुवार को राजधानी का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 210 दर्ज किया गया, जो “खराब” श्रेणी में आता है। विशेषज्ञों का कहना है कि हवा की गति कम होने और पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि के कारण आने वाले हफ्तों में वायु गुणवत्ता और बिगड़ सकती है।


 पूर्वी भारत में भी बारिश की संभावना

मौसम विभाग के मुताबिक, ओडिशा और झारखंड में भी अगले 2-3 दिनों तक हल्की बारिश जारी रह सकती है।
बंगाल की खाड़ी में नमी बढ़ने और दक्षिण-पूर्वी हवाओं के कारण इन इलाकों में बादल छाए रहेंगे।
ओडिशा के तटीय जिलों — गंजाम, पुरी, केंद्रपाड़ा और बालासोर — में कुछ स्थानों पर गरज-चमक के साथ बारिश की चेतावनी दी गई है।


 मॉनसून की विदाई प्रक्रिया शुरू

मॉनसून 2025 अब विदाई के चरण में है।
मौसम विभाग ने बताया है कि यह प्रक्रिया सामान्यतः 15 अक्टूबर तक उत्तर-पश्चिम भारत से पूरी हो जाती है और 20 अक्टूबर तक देश के अधिकांश हिस्सों से मॉनसून वापस लौट जाता है। हालांकि इस बार बंगाल की खाड़ी में नमी के कारण इसकी विदाई में हल्की देरी हो सकती है।

मौसम विशेषज्ञ महेश पालावत (स्काईमेट वेदर) ने कहा,

“इस साल मॉनसून की वापसी सामान्य से तीन से चार दिन देर से हो रही है। दक्षिण भारत में हो रही बारिश अब पूर्वोत्तर की ओर खिसकते हुए धीरे-धीरे समाप्त होगी। उत्तर भारत में अगले हफ्ते तापमान में 2 से 3 डिग्री की और गिरावट देखी जा सकती है।”


 कृषि क्षेत्र के लिए राहत और चुनौती दोनों

जहाँ दक्षिण भारत के किसान अंतिम खरीफ फसल के लिए इन बारिशों को राहत मान रहे हैं, वहीं उत्तर भारत में धान की कटाई और रबी बुवाई की तैयारी के कारण ठंड और नमी की स्थिति चुनौती बन सकती है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि अगर तापमान में गिरावट जारी रही तो गेहूँ की शुरुआती बुवाई के लिए यह फायदेमंद साबित हो सकता है।तमिलनाडु और केरल के किसान भी बारिश को लेकर सतर्क हैं, क्योंकि अत्यधिक वर्षा से धान और रबर जैसी फसलों को नुकसान पहुंच सकता है।


मौसम विभाग की एडवाइजरी

IMD ने आम जनता को सतर्क रहने की सलाह दी है।
दक्षिणी राज्यों में लोगों को निचले इलाकों में जलभराव से बचने और खुले स्थानों पर बिजली गिरने की स्थिति में एहतियात बरतने को कहा गया है। वहीं उत्तर भारत में सुबह और रात के समय गर्म कपड़े पहनने और संवेदनशील लोगों (बच्चे, बुजुर्ग, अस्थमा के मरीज) को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

देश का मौसम इस समय दो विपरीत परिस्थितियों से गुजर रहा है — दक्षिण भारत में मानसूनी बारिश का अंतिम दौर, और उत्तर भारत में सर्द हवाओं की शुरुआत।
आने वाले हफ्ते में जब मॉनसून पूरी तरह लौटेगा, तब देश के अधिकांश हिस्सों में ठंड का असर और तेज़ हो जाएगा।
फिलहाल, बारिश और ठंड दोनों ने एक साथ दस्तक देकर मौसम को बदलते रंगों में रंग दिया है।

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